बुरहानपुर। जिले में कोरोना वायरस से संक्रमित करीब 150 मरीज सामने आए हैं, जिनमें से नौ मरीजों की मौत हुई है और 14 मरीज स्वस्थ होकर घर लौटे हैं. इससे स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन में हड़कंप मचा है. ऐसे में शासन ने कंटेनमेंट एरिया को छोड़कर ग्रामीण क्षेत्रों में शराब की दुकानें खोल दी हैं. इसके बाद लोग शहर से निकलकर ग्रामीण क्षेत्रों में शराब खरीदने पहुंच रहे हैं, जिससे संक्रमण फैलने का डर बना हुआ है. इस ओर प्रशासन को गंभीरता से ध्यान देना चाहिए.
ग्रामीण इलाकों में शराब खरीदने पहुंच रहे शहर के लोग
बता दें कि लॉकडाउन की शुरुआत से शहर और गांवों में अवैध शराब जमकर महंगे दामों पर बेची गई, तब आबकारी विभाग ने कोई सुध नहीं ली. लेकिन अब गांवों की शराब दुकानें खुल गई है और ठेकेदार को तय कीमत पर शराब बेचना पड़ रहा है. तब जाकर आबकारी विभाग की नींद खुली. महाराष्ट्र से शराब का अवैध परिवहन शुरु हुआ तो आबकारी अमले को सूचनाएं भी मिलने लगी और कार्रवाई भी हो रही है. सवाल यह उठता है कि लॉकडाउन के दौरान 40 दिन से ज्यादा दिनों तक जिले में अवैध शराब बिकती रही, शिकायतें होती रही, लेकिन आबकारी अमले ने उस वक्त कार्रवाई क्यों नहीं की.
कलेक्टर ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
कलेक्टर प्रवीण सिंह ने कहा कि गांव को जोड़ने वाले रास्तों पर बैरिकेडिंग कर सुरक्षा बढ़ाई जाएगी, ताकि शहर से लोग गांव में ना पहुंचे. शराब दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग और जरूरी दिशा निर्देशों के पालन के आदेश दिए गए हैं. यदि इसका उल्लंघन किया जाता है तो ठेकेदार के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.