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बुरहानपुर में फाग उत्सव के दौरान मनाई गई 'लट्ठमार होली' - बरसाना की होली

बुरहानपुर के श्री गोकुलचंद्रमाजी मंदिर में फाग उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया. मंदिर में गोपियों ने लट्ठ उठाकर नंद गांव के ग्वालों पर लाठियां बरसानी शुरू कर दीं. इस दौरान पूरा माहौल भक्तिमय रहा.

Lathmar Holi in Fag festival
फाग उत्सव में लट्ठमार होली
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Published : Mar 9, 2020, 10:18 AM IST

Updated : Mar 9, 2020, 12:07 PM IST

बुरहानपुर। जिले के इतवारा स्थित गोकुल चंद्रमा मंदिर में फाग उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया. जहां भक्तों ने फागुन के गीत 'आयो रे रसिया' गाकर उत्सव का आनंद उठाया. इस दौरान गोपियों ने लठ उठाकर नंद गांव के ग्वालों पर लाठियां बरसाना प्रारंभ किया. मंदिर में मौजूद भक्तों पर फूल और लड्डू बरसाए गए. वहीं प्राकृतिक रंगों से एक-दूसरे के गालों पर रंग लगाकर होली मनाई गई. सभी भक्तगण होली के गीत गाकर झूम उठे, जिससे पूरा माहौल भक्तिमय हो गया.

फाग उत्सव के दौरान मनाई गई 'लट्ठमार होली'

गोकुल चंद्रमा मंदिर में ब्रज की लठमार होली के साथ-साथ फूलों की होली और छैल-छबीला होली गोपियों संग कृष्ण ने खेली. मंदिर में होली खेलने आए भक्तों ने होली के पारंपरिक गीत गाए. जिसमें 'खेलन दे मोहे होरी', 'होरी रे रसिया', 'नैनन में मोहे गोरी रे रसिया' जैसे गीतों पर कृष्ण और गोपियों के साथ भक्त भी झूम उठे.

भक्तों ने पहले फूलों की होली खेली और उसके बाद लठमार होली. उसके बाद छैल छबीला द्वारा विधि हास्य मनोरंजन किए गए. इसमें खेल गोपियां और ग्वाल बृज भक्तों से बचकर वृंदावन की होली खेलने आते हैं, जहां पर बाल ग्वाला को पकड़कर गोपियां मसखरी करते हैं.

इस पूरे उल्लास में अपार वैष्णवजनों की उपस्थिति में होली के रूप में मशाल पर राल फेंककर होलिका दहन किया गया. पूरा मंदिर रंग-बिरंगी रोशनी में रंगीन हो गया. देखते ही देखते फाग उत्सव का जादू भक्तों के सिर पर चढ़कर बोल रहा था और सभी भक्त भक्ति के रस में डूब गए.

बुरहानपुर। जिले के इतवारा स्थित गोकुल चंद्रमा मंदिर में फाग उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया. जहां भक्तों ने फागुन के गीत 'आयो रे रसिया' गाकर उत्सव का आनंद उठाया. इस दौरान गोपियों ने लठ उठाकर नंद गांव के ग्वालों पर लाठियां बरसाना प्रारंभ किया. मंदिर में मौजूद भक्तों पर फूल और लड्डू बरसाए गए. वहीं प्राकृतिक रंगों से एक-दूसरे के गालों पर रंग लगाकर होली मनाई गई. सभी भक्तगण होली के गीत गाकर झूम उठे, जिससे पूरा माहौल भक्तिमय हो गया.

फाग उत्सव के दौरान मनाई गई 'लट्ठमार होली'

गोकुल चंद्रमा मंदिर में ब्रज की लठमार होली के साथ-साथ फूलों की होली और छैल-छबीला होली गोपियों संग कृष्ण ने खेली. मंदिर में होली खेलने आए भक्तों ने होली के पारंपरिक गीत गाए. जिसमें 'खेलन दे मोहे होरी', 'होरी रे रसिया', 'नैनन में मोहे गोरी रे रसिया' जैसे गीतों पर कृष्ण और गोपियों के साथ भक्त भी झूम उठे.

भक्तों ने पहले फूलों की होली खेली और उसके बाद लठमार होली. उसके बाद छैल छबीला द्वारा विधि हास्य मनोरंजन किए गए. इसमें खेल गोपियां और ग्वाल बृज भक्तों से बचकर वृंदावन की होली खेलने आते हैं, जहां पर बाल ग्वाला को पकड़कर गोपियां मसखरी करते हैं.

इस पूरे उल्लास में अपार वैष्णवजनों की उपस्थिति में होली के रूप में मशाल पर राल फेंककर होलिका दहन किया गया. पूरा मंदिर रंग-बिरंगी रोशनी में रंगीन हो गया. देखते ही देखते फाग उत्सव का जादू भक्तों के सिर पर चढ़कर बोल रहा था और सभी भक्त भक्ति के रस में डूब गए.

Last Updated : Mar 9, 2020, 12:07 PM IST
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