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बुनकरों और उद्योगपतियों ने की चीनी मशीनों से तौबा, भारत में बनी मशीनों से करेंगे काम - भारत निर्मित मशीनें

बुरहानपुर में व्यापारियों, उद्योगपतियों और बुनकरों ने चीनी पावरलूम और मशीनरी का उपयोग नहीं करने का फैसला लिया है. बता दें प्रदेश का सबसे बड़ा पावरलूम सेंटर बुरहानपुर है.

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चीनी मशीनों से तौबा
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Published : Jun 27, 2020, 8:12 AM IST

Updated : Jun 27, 2020, 8:57 AM IST

बुरहानपुर। शहर के व्यापारियों और उद्योगपतियों ने चीनी माल से तोबा कर ली है. हाल ही में गलवान घाटी में हुई भारत-चीन सैनिकों के बीच झड़प के बाद देशभर में आक्रोश है. इसी कड़ी में जिला के व्यापारियों और उद्योगपतियों ने चीनी पावरलूम और मशीनरी का उपयोग नहीं करने का फैसला लिया है. बता दें जिले में व्यापारियों और उद्योगपतियों ने पहले ही चीन से सूत खरीदना बंद कर दिया था.

चीनी मशीनों से तौबा

भारतीय मशीन से करेंगे काम

बुरहानपुर में प्रदेश की ज्यादातर पावरलूम संचालित होती है, जिससे कपड़े तैयार किए जाते हैं. अभी तक कम लागत वाली चीनी मशीनों का उपयोग कर जिले में बुनकर और उद्योगपति कपड़े का बनाते थे, लेकिन अब बुनकर और उद्योगपतियों ने भारत में निर्मित मशीनरी पर ही कपड़ा तैयार करने का फैसला लिया है. बता दें प्रदेश में अधिकांश पावरलूम बुरहानपुर में ही संचालित होते हैं. यहां रोजाना हजारों मीटर कपड़ा तैयार किया जाता है, जिसके चलते इस व्यवसाय से लाखों लोग जुड़े हैं जो अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं.

ये भी पढ़ें- बालाघाट में चीन की कंपनी ने एमपी के मजदूरों को निकाला, कांग्रेस ने सरकार से की कार्रवाई की मांग

प्रदेश का सबसे बड़ा पावरलूम सेंटर बुरहानपुर है. यहां करीब 50 हजार से ज्यादा कारखाने संचालित होते हैं. जहां रोजाना लाखों मीटर कपड़ा तैयार किया जाता है. यह कपड़ा देशभर के कोने-कोने के साथ ही विदेशों में भी निर्यात होता है, जिससे करीब 70 हजार बुनकर और मजदूर अपना रोजगार हासिल करते हैं. वहीं करीब दो लाख की आबादी प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से इसी से रोजगार हासिल करती है.

ये भी पढ़ें- चीनी उत्पादों का नहीं है कोई और विकल्प : एमसीसीआई

बता दें 15 जून 2020 को लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के जवानों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. जहां चीनी सैनिकों के हमले से भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. शहीद सैनिकों की मौत के कारण देशभर के लोगों में आक्रोश है, लोग जगह-जगह चीन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं और चीन के सामान का बहिष्कार कर रहे हैं.

बुरहानपुर। शहर के व्यापारियों और उद्योगपतियों ने चीनी माल से तोबा कर ली है. हाल ही में गलवान घाटी में हुई भारत-चीन सैनिकों के बीच झड़प के बाद देशभर में आक्रोश है. इसी कड़ी में जिला के व्यापारियों और उद्योगपतियों ने चीनी पावरलूम और मशीनरी का उपयोग नहीं करने का फैसला लिया है. बता दें जिले में व्यापारियों और उद्योगपतियों ने पहले ही चीन से सूत खरीदना बंद कर दिया था.

चीनी मशीनों से तौबा

भारतीय मशीन से करेंगे काम

बुरहानपुर में प्रदेश की ज्यादातर पावरलूम संचालित होती है, जिससे कपड़े तैयार किए जाते हैं. अभी तक कम लागत वाली चीनी मशीनों का उपयोग कर जिले में बुनकर और उद्योगपति कपड़े का बनाते थे, लेकिन अब बुनकर और उद्योगपतियों ने भारत में निर्मित मशीनरी पर ही कपड़ा तैयार करने का फैसला लिया है. बता दें प्रदेश में अधिकांश पावरलूम बुरहानपुर में ही संचालित होते हैं. यहां रोजाना हजारों मीटर कपड़ा तैयार किया जाता है, जिसके चलते इस व्यवसाय से लाखों लोग जुड़े हैं जो अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं.

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प्रदेश का सबसे बड़ा पावरलूम सेंटर बुरहानपुर है. यहां करीब 50 हजार से ज्यादा कारखाने संचालित होते हैं. जहां रोजाना लाखों मीटर कपड़ा तैयार किया जाता है. यह कपड़ा देशभर के कोने-कोने के साथ ही विदेशों में भी निर्यात होता है, जिससे करीब 70 हजार बुनकर और मजदूर अपना रोजगार हासिल करते हैं. वहीं करीब दो लाख की आबादी प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से इसी से रोजगार हासिल करती है.

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बता दें 15 जून 2020 को लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के जवानों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. जहां चीनी सैनिकों के हमले से भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. शहीद सैनिकों की मौत के कारण देशभर के लोगों में आक्रोश है, लोग जगह-जगह चीन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं और चीन के सामान का बहिष्कार कर रहे हैं.

Last Updated : Jun 27, 2020, 8:57 AM IST
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