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गाय के गोबर से बने कंडों से किया जाए मेरा अंतिम संस्कार: पूर्व मंत्री - बुराहनपुर न्यूज

पेड़ों की कटाई रोकने के लिए गोबर के कंडों से होलिका दहन करने की पहल का पूर्व मंत्री ने स्वागत किया और खुद से कंडे भी बनाईं, इस दौरान उन्होंने इच्छा जताई कि उनका अंतिम संस्कार भी गाय के गोबर से बने कंडे से ही किया जाए.

Archana Chitnis Expressed desire of funeral  in funeral
कंडों से किया जाए अंतिम संस्कार
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Published : Mar 3, 2020, 7:57 PM IST

बुरहानपुर। शहर की गणेश उत्सव समिति ने इस बार पर्यावरण संरक्षण के लिए गोबर के कंडों से होलिका दहन करने का निर्णय लिया है, ऐसा करने से होलिका दहन के लिए पेड़ काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी, जिससे पर्यावरण संरक्षित रहेगा, ज्यादातर जगहों पर होलिका दहन के लिए बड़ी मात्रा में पेड़ों की कटाई की जाती है. समिति की इस पहल की पूरे शहर में सराहना हो रही है और लोग उनसे प्रेरित होकर पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी निभा रहे हैं.

कंडों से किया जाए अंतिम संस्कार

समिति की इस पहल का पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस ने भी स्वागत किया और समिति के कार्यक्रम में पहुंचकर खुद से कंडे बनाई, साथ ही उन्होंने इच्छा भी जताई कि उनका अंतिम संस्कार भी गाय के गोबर से बने कंडों से ही किया जाए.

अर्चना ने कहा कि हम पौधा लगाने के लिए अभियान चला रहे हैं और होलिका दहन के लिए लकड़ियों का उपयोग कर रहे हैं. ये सही नहीं है. अमोल भगत की इस पहल में भागीदार बनें और होलिका दहन में लकड़ियों का नहीं कंडों का उपयोग करें. इस दौरान पूर्व मंत्री ने लोगों को प्राकृतिक रंगों का उपयोग करने, अपशब्द नहीं कहने के लिए भी प्रेरित किया.

बुरहानपुर। शहर की गणेश उत्सव समिति ने इस बार पर्यावरण संरक्षण के लिए गोबर के कंडों से होलिका दहन करने का निर्णय लिया है, ऐसा करने से होलिका दहन के लिए पेड़ काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी, जिससे पर्यावरण संरक्षित रहेगा, ज्यादातर जगहों पर होलिका दहन के लिए बड़ी मात्रा में पेड़ों की कटाई की जाती है. समिति की इस पहल की पूरे शहर में सराहना हो रही है और लोग उनसे प्रेरित होकर पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी निभा रहे हैं.

कंडों से किया जाए अंतिम संस्कार

समिति की इस पहल का पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस ने भी स्वागत किया और समिति के कार्यक्रम में पहुंचकर खुद से कंडे बनाई, साथ ही उन्होंने इच्छा भी जताई कि उनका अंतिम संस्कार भी गाय के गोबर से बने कंडों से ही किया जाए.

अर्चना ने कहा कि हम पौधा लगाने के लिए अभियान चला रहे हैं और होलिका दहन के लिए लकड़ियों का उपयोग कर रहे हैं. ये सही नहीं है. अमोल भगत की इस पहल में भागीदार बनें और होलिका दहन में लकड़ियों का नहीं कंडों का उपयोग करें. इस दौरान पूर्व मंत्री ने लोगों को प्राकृतिक रंगों का उपयोग करने, अपशब्द नहीं कहने के लिए भी प्रेरित किया.

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