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माता-पिता के महत्व को दर्शाती झांकी ने जीता लोगों का दिल, गणेश जी की प्रतिमाएं कर रहीं आकर्षित - etv bharat

जिले में लोगों को प्रेरित करती हुई कई झांकियां आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं. इसी कड़ी में माता-पिता के महत्व को दर्शाती हुई झांकी लोगों को खूब लुभा रही है.

माता-पिता के महत्व को दर्शाती झांकी ने जीता लोगों का दिल
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Published : Sep 11, 2019, 1:34 PM IST

बुरहानपुर। जिले में प्रथम पूजनीय गणपति बप्पा की प्रतिमाओं के साथ-साथ भक्तों ने तरह-तरह के संदेश देती हुई झांकियां सजाई हैं. गणेशोत्सव के मौके पर गंगानगर में रहने वाले रावल परिवार के बच्चों ने रिद्धि-सिद्धि और भगवान गणेशजी के विवाह करते हुए प्रतिमा तो स्थापित की ही है, साथ ही इस झांकी में पृथ्वी का चक्कर लगाते हुए कार्तिकेय को भी बनाया गया है, जो लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है.

माता-पिता के महत्व को दर्शाती झांकी ने जीता लोगों का दिल


बता दें कि रावल परिवार कई पीढ़ियों से भगवान गणेशजी की स्थापना करता आ रहा है, जबकि नई पीढ़ी के बच्चे सात सालों से ईको फ्रेंडली बप्पा की प्रतिमा स्थापित कर रहे हैं, जिसमें हर साल तरह-तरह की प्रेरक झांकियां बनाते हैं, जो लोगों को प्रेरणा देती है. यही वजह है कि बच्चों के द्वारा बनाई गई झांकी की सराहना की जा रही है.


झांकी के माध्यम से ये समझाने की कोशिश भी की गई है कि जो लोग अपने बुजुर्ग माता-पिता को बेसहारा और वृद्धाश्रमों में भेज देते हैं और अपनी जिम्मेदारियों से दूर भागते हैं, उन्हें बप्पा का आशीर्वाद नहीं मिलता. भगवान गणेश ने खुद माता-पिता की सेवा का संदेश दिया था, जिसके बाद वे प्रथम पूज्यनीय बने, उसी तरह हर किसी को माता-पिता की सेवा करनी चाहिए.

बुरहानपुर। जिले में प्रथम पूजनीय गणपति बप्पा की प्रतिमाओं के साथ-साथ भक्तों ने तरह-तरह के संदेश देती हुई झांकियां सजाई हैं. गणेशोत्सव के मौके पर गंगानगर में रहने वाले रावल परिवार के बच्चों ने रिद्धि-सिद्धि और भगवान गणेशजी के विवाह करते हुए प्रतिमा तो स्थापित की ही है, साथ ही इस झांकी में पृथ्वी का चक्कर लगाते हुए कार्तिकेय को भी बनाया गया है, जो लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है.

माता-पिता के महत्व को दर्शाती झांकी ने जीता लोगों का दिल


बता दें कि रावल परिवार कई पीढ़ियों से भगवान गणेशजी की स्थापना करता आ रहा है, जबकि नई पीढ़ी के बच्चे सात सालों से ईको फ्रेंडली बप्पा की प्रतिमा स्थापित कर रहे हैं, जिसमें हर साल तरह-तरह की प्रेरक झांकियां बनाते हैं, जो लोगों को प्रेरणा देती है. यही वजह है कि बच्चों के द्वारा बनाई गई झांकी की सराहना की जा रही है.


झांकी के माध्यम से ये समझाने की कोशिश भी की गई है कि जो लोग अपने बुजुर्ग माता-पिता को बेसहारा और वृद्धाश्रमों में भेज देते हैं और अपनी जिम्मेदारियों से दूर भागते हैं, उन्हें बप्पा का आशीर्वाद नहीं मिलता. भगवान गणेश ने खुद माता-पिता की सेवा का संदेश दिया था, जिसके बाद वे प्रथम पूज्यनीय बने, उसी तरह हर किसी को माता-पिता की सेवा करनी चाहिए.

Intro:बुरहानपुर जिले में प्रथम पूजनीय गणपति बप्पा की प्रतिमाओं के साथ-साथ भक्तों ने तरह-तरह के प्रेरक संदेश देती झांकियां सजाई है, इसी कड़ी में गंगानगर में रहने वाले रावल परिवार के बच्चों ने रिद्धि-सिद्धि और भगवान गणेशजी के विवाह करते हुई प्रतिमा तो स्थापित की ही है, लेकिन पृथ्वी का चक्कर लगाते कार्तिकेय की भी झांकी बनाई है, जो लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।


Body:इसके अलावा झांकी माध्यम से यह भी संदेश देने का प्रयास किया है, जो लोग अपने बुजुर्ग माता-पिता को बेसहारा और वृद्धाश्रमों में भेज देते हैं, और अपनी जिम्मेदारियों से दूर भागते हैं, उन्हें उनके जीवन में माता-पिता के महत्ता को दर्शाया गया है, बता दें कि रावल परिवार कई पीढ़ियों से भगवान गणेशजी की स्थापना करते आ रहा है, जबकि नई पीढ़ी के बच्चों द्वारा सात वर्षों से इको फ्रेंडली बप्पा की प्रतिमा स्थापित की जा रही है, जिसमें प्रतिवर्ष तरह-तरह की प्रेरक झांकियां बनाते है, जो लोगों को प्रेरणा देती है, यही वजह है कि बच्चों के द्वारा बनाई गई झांकी की सराहना की जा रही है।


Conclusion:बाईट 01:- हिमांशु रावल, भक्त।
बाईट 02:- जगन्नाथ रावल, भक्त।
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