बुरहानपुर। शनिवार शाम को भाजपा के प्रत्याशियों का इंतजार खत्म हुआ. बुरहानपुर से अर्चना चिटनीस और नेपानगर सीट से मंजू दादू को टिकट दिया है. बुरहानपुर से अर्चना चिटनीस का नाम पहले से तय माना जा रहा था. पार्टी ने इसकी अधिकारिक घोषणा भी की है. उधर नेपानगर विधानसभा के मामले में भाजपा ने सभी को चौंका दिया है. अब तक सुमित्रा कास्डेकर का नाम चल रहा था, लेकिन एन वक्त पर पूर्व विधायक मंजू दादू को चुऩावी मैदान में उतार दिया है.
अर्चना चिटनीस और ठाकुर सुरेंद्र सिंह आमने-सामने: बुरहानपुर सीट से अर्चना चिटनीस और ठाकुर सुरेंद्रसिंह फिर से आमने-सामने है. यहां की लड़ाई रोचक होगी, क्योंकि साल 2018 के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी ठाकुर सुरेंद्रसिंह ने अर्चना चिटनीस को हराया था. इस बार समीकरण बदलेंगे और चुनाव के परिणाम चौकाने वाले हो सकते हैं. अर्चना चिटनीस को भाजपा ने बुरहानपुर विधानसभा से चौथी बार टिकट दिया है. इससे पहले के विधानसभा चुनाव 2018 में अर्चना चिटनीस को कुल 93 हजार 441 मत प्राप्त हुए थे. उनके सामने लड़े निर्दलीय विधायक ठाकुर सुरेंद्रसिंह को 98 हजार 561 मत प्राप्त हुए थे. हार-जीत का अंतर मात्र 5120 मतों का था. अब अर्चना चिटनीस को पिछली हार को जीत में बदलने का मौका मिला है.
साल 2018 के चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच में था, लेकिन बीच में ठाकुर सुरेंद्रसिंह ने निर्दलीय मैदान में उतारकर अच्छे-अच्छे राजनीतिक पंडितों के समीकरणों पर पानी फेर दिया था. इस बार फिर से अर्चना चिटनीस और शेरा आमने-सामने है, लेकिन इस बार ठाकुर सुरेंद्रसिंह कांग्रेस पार्टी से टिकट लाए है. निर्दलीय चुनाव लडऩे के बाद कांग्रेस से चुनाव लडऩे के कारण समीकरणों में बदलाव होने के कयास है.
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राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अब भाजपा के सामने कड़ी चुनौती होगी, क्योंकि ठाकुर सुरेंद्रसिंह की व्यक्तिगत छवि के साथ ही कांग्रेस का हाथ भी रहेगा, लेकिन अर्चना चिटनीस बुरहानपुर विधानसभा से दो बार की विधायक रह चुकी हैं. उनके पास भी समर्थकों की कमी नहीं है, वें अपने कामों को लेकर जनता के बीच जाएगी. महिलाओं मतदाताओं में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है, ऐसे में ये मुकाबला पिछले चुनावों के मुकाबले और भी दिलचस्प होगा. शेरा और अर्चना के आमने-सामने आ जाने के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या इस बार समीकरण बदलेंगे, पिछली बार कांग्रेस प्रत्याशी रविंद्र महाजन को मात्र 15 हजार 369 मत प्राप्त हुए थे.
इधर नेपानगर विधानसभा से भाजपा ने मंजू दादू को टिकट दिया है. मंजू दादू को तीसरी बार टिकट दिया है. दूसरी बार में मंजू दादू को सुमित्रा कास्डेकर ने हराया था. इससे पहले साल 2016 के चुनाव में मंजू दादू ने उपचुनाव में 42 हजार से अधिक मत लेकर रिकॉर्ड जीत दर्ज की थी. मंजू ने कांग्रेस प्रत्याशी अंतरसिंह बर्डे को हराया था, 2018 के चुनाव में मंजू्र, सुमित्रा से 1264 मतों से हारी थी, 2020 में सुमित्रा कास्डेकर कांग्रेस छोडक़र भाजपा में शामिल हुई और उपचुनाव में भाजपा से चुनाव लडक़र जीत दर्ज की.