भोपाल। हमारे सौरमंडल में एक बड़ी घटना हुई है, जिसमें सूर्य में बड़ा विस्फोट हुआ है. 28 अक्टूबर को रात करीब 9 बजकर 5 मिनट पर सूर्य पर एक सौर चमक देखी गई थी, जिसमें सौर ज्वाला के दौरान, अत्यधिक आवेशित कणों को उच्च गति से सूर्य से बाहर निकल जाता है. ये खगौलीय घटना कोरोनल मास इजेक्शन कहलाती है. इस विस्फोट के बाद अंतरिक्ष में एक भयानक भू-चुंबकीय तूफान उठा है, जिसके धरती से टकराने की संभावना है. आमतौर पर ऐसे भू-चुंबकीय तूफान हमारे पावर ग्रिड और मोबाइल नेटवर्क को नुकसान पहुंचाते हैं.
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दो दिन पहले हुआ कोरोनल मास इजेक्शन
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Brighter than a shimmering ghost, faster than the flick of a black cat’s tail, the Sun cast a spell in our direction just in time for Halloween!☀️💥 🎃
— NASA Sun & Space (@NASASun) October 29, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
This week, the Sun produced a flurry of explosions, ending with an X1-class flare.
Highlights here: https://t.co/0dHtU1gOEP pic.twitter.com/dmh6y71cRA
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— NASA Sun & Space (@NASASun) October 29, 2021
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This week, the Sun produced a flurry of explosions, ending with an X1-class flare.
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यूएस स्पेस वेदर प्रेडिक्शन सेंटर (एसडब्ल्यूपीसी) द्वारा किए गए विश्लेषण से पता चला है कि गुरुवार देर रात सूर्य से कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई) हुआ है. जो 973 किमी / सेकंड की रफ्तार से सूर्य से निकल गया और पृथ्वी पर आने की भविष्यवाणी की गई. इसे लेकर नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म वॉच जारी किया. जो 30-31 अक्टूबर के लिए है. दरअसल, सीएमई के बाद तूफान को पृथ्वी में पहुंचने में दो दिन का वक्त लगता है, ऐसे में 30 और 31 अक्टूबर के लिए अलर्ट जारी हुआ है. यानी इसका प्रभाव 31 अक्टूबर को जारी रहने की संभावना है.
क्या होता है भू-चुंबकीय तूफान ?
नासा के मुताबिक, भू-चुंबकीय तूफान धरती के मैग्नेटोस्फीयर की एक बड़ी गड़बड़ी हैं. ऐसे तूफान तब होते हैं, जब सौर हवाएं पृथ्वी के आसपास के अंतरिक्ष वातावरण में ऊर्जा का एक बहुत अच्छा आदान-प्रदान कर रही हों. ऐसी स्थितियों के परिणामस्वरूप होने वाले सबसे बड़े तूफान सौर कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई) से जुड़े होते हैं. वहीं इन तूफानों के दौरान एक अरब टन या उससे अधिक प्लाज्मा, एम्बेडेड चुंबकीय क्षेत्र के साथ धरती पर आता है.