भोपाल। भूमि सुधार आयोग की सिफारिश के बाद अब राजस्व से जुड़े दो विभाग को मर्ज करने की तैयारी की जा रही है. राजस्व से जुड़े राजस्व आयुक्त कार्यालय और आयुक्त भू अभिलेख के कामों को आपस में जोड़ा जाएगा. इसकी मॉनिटरिंग अलग-अलग दो अधिकारियों के स्थान पर एक ही आयुक्त द्वारा की जाएगी. इसको लेकर राजस्व विभाग द्वारा तैयारी की जा रही है. जल्द ही इस संबंध में कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा. (cm shivraj cabinet)
एक अधिकारी की मॉनिटरिंग में होंगे काम
भूमि सुधार आयोग ने राज्य सरकार को सिफारिश की थी कि भूमि से जुड़े एक जैसे मिलते-जुलते काम वाले विभागों की समीक्षा कर उन्हें आपस में मर्ज कर उनकी नए सिरे से रिस्ट्रक्चरिंग की जाए. इसके तहत अब प्रमुख राजस्व आयुक्त कार्यालय और आयुक्त भू अभिलेख कार्यालय का रिस्ट्रक्चरिंग किया जाएगा. अभी दोनों विभागों के विभाग अध्यक्ष अलग-अलग होते हैं, लेकिन जल्द ही दोनों विभागों को मिलाकर एक विभागाध्यक्ष नियुक्त किया जाएगा. इसके बाद भोपाल स्तर पर दोनों विभागों का एक ही मुख्यालय होगा. (land reform commission mp)
नया नाम होगा निर्धारित
नए स्ट्रक्चर के बाद प्रमुख राजस्व आयुक्त कार्यालय में तमाम प्रशासनिक कार्य जैसे पदस्थापना पोस्टिंग ट्रांसफर आदि के काम होंगे. वहीं भू अभिलेख कार्यालय में राजस्व से जुड़े मामलों नियम कानूनों में बदलाव, नई नीतियों और नई योजनाओं को लेकर काम किया जाएगा. दोनों विभागों को मर्ज करने के बाद इनका एक संयुक्त नया नाम निर्धारित किया जाएगा.
इसलिए लिया गया फैसला
दोनों विभाग भले ही अलग-अलग हों, लेकिन दोनों में एक समान तरीके के कार्य संचालित हो रहे थे. यही वजह है कि इसको लेकर कई मौकों पर कन्फ्यूजन की स्थिति पैदा होती थी, जिसके चलते दोनों को मिलाकर एक साथ मर्ज करने और इनके रिस्ट्रक्चरिंग पर विचार किया गया है. इसको लेकर जल्दी कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा. राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी के मुताबिक दोनों कार्यालयों की रिस्ट्रक्चरिंग करने और इनमें एक एचओडी पदस्थ करने को लेकर विचार किया जा रहा है. इसे जल्द ही कैबिनेट में लाकर अंतिम रूप दिया जाएगा.
पिछले दिनों बदला था अध्यात्म विभाग का नाम
हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार ने अध्यात्म विभाग का नाम बदल दिया था. इसके बाद अब आध्यात्म विभाग धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के नाम से जाना जाने लगा है. कमलनाथ सरकार ने आनंद विभाग को धर्मस्व विभाग के साथ मिलाकर अध्यात्म विभाग बना दिया था, लेकिन अब शिवराज सरकार ने फिर से आनंद विभाग का गठन किया और आध्यात्मिक विभाग का नाम बदलकर धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग कर दिया है.