भोपाल। वन विभाग की टीम ने बीते दिनों एक आरोपी के पास से कई बेशकीमती कछुआ बरामद किया था. उस दौरान वन विभाग ने खूब वाहवाही भी लूटी. आरोपियों को अदालत में पेश कर उसका रिमांड भी लिया, ताकि अन्य अपराधों की जानकारी भी निकाली जा सके, लेकिन इस दौरान विभाग ने बड़ी लापरवाही की और बरामद कछुओं में से तीन की जान चली गई, जबकि न्यायालय ने सभी 9 कछुओं को सुरक्षित रहवास उपलब्ध कराने का आदेश वन विभाग को दिया था, इसके बावजूद तीन दिन तक सुरक्षित स्थान की तलाश किया जाता रहा और कछुओं पर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया.
अब इसे कछुओं की बदकिस्मती ही कहेंगे कि कछुओं को बड़ी मुश्किल से तस्करों से छुटकारा मिला, लेकिन वन विभाग की लापरवाही की भेंट चढ़ गए. न्यायालय के आदेश के बाद वन विभाग ने सभी कछुओं के लिए सुरक्षित स्थान की तलाश मुरैना में की थी और इन्हें सुरक्षित रूप से रविवार-सोमवार की दरम्यानी रात रवाना कर दिया था, लेकिन एक कछुए की मौत रास्ते में ही हो चुकी थी, जबकि दो अन्य कछुओं की मौत चंबल के देवरी घड़ियाल सेंटर पहुंचने के बाद सोमवार सुबह से दोपहर के बीच हुई है, इसके अलावा चार कछुओं की हालत अभी भी गंभीर है, इसके अलावा दो अन्य कछुए पूरी तरह से ठीक हैं.
वन विभाग की टीम 8 दिन पहले राजधानी के श्यामला हिल्स स्थित आंचलिक विज्ञान केंद्र के पास से उजेफा बोहरा के पास से 9 कछुए बरामद किया था, ये कार्रवाई भोपाल सामान्य वन मंडल के उड़नदस्ता अमले ने की थी. कोर्ट के आदेश के बाद इन्हें सुरक्षित मुरैना के चंबल देवरी घड़ियाल सेंटर में भेजने का निर्णय लिया गया था. जिस आरोपी के पास से इन कछुओं को पकड़ा गया था, उसने भी इन कछुओं को काफी दिनों से पकड़ कर रखा था, तब से ही ये सभी 9 कछुए एक बर्तन में बंद थे.
इन कछुओं को आरोपी के पास से वन विभाग ने अपने कब्जे में लिया था, लेकिन कछुओं की स्थिति वैसी ही बनी रही और वे उसी पानी भरे बर्तन में ही बंद रहे. इस दौरान वन विभाग की बड़ी लापरवाही भी सामने आई है क्योंकि इस दौरान किसी भी वन्य प्राणी विशेषज्ञ को उन्हें नहीं दिखाया गया, न ही वन विहार नेशनल पार्क में हर समय उपस्थित रहने वाले डॉक्टरों को भी दिखाना मुनासिब समझा, मृतप्राय तीन कछुओं का पोस्टमार्टम करवाया जाएगा और मौत के सही कारणों का पता लगाया जाएगा, जिन चार कछुओं की हालत गंभीर है, उनके लिए चिकित्सीय व्यवस्था की जा रही है.