भोपाल। देश भर में कोरोना की दूसरी लहर से हाहाकार मचा हुआ हैं. इसी बीच संक्रमण की तीसरी लहर की खबर ने लोगों को डरा दिया हैं. बताया जा रहा है कि इस लहर में खतरा सीधे बच्चों पर पड़ेगा. इस लहर में बच्चे संक्रमण का शिकार हो सकते हैं.
संक्रमण की तीसरी लहर आने से पहले ही प्रदेश सरकार इसकी रोकथाम और उपचार की व्यवस्था में जुट गई हैं. बच्चों को संक्रमण से बचाने और उनके उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज में अलग से 1100 बिस्तर वाले आईसीयू की व्यवस्था की जा रही हैं.
शिशु रोग विशेषज्ञों की मानें, तो इस बार बच्चे भी कोरोना से प्रभावित हो रहे हैं. इस बार का वेरिएंट चेंज हो गया हैं. बच्चे स्प्रेडर के तौर पर काम कर रहे हैं. बच्चों की इम्युनिटी अच्छी होने के कारण वे जल्दी ठीक भी हो रहे हैं. इसलिए बच्चों में सर्दी, जुकाम, बुखार जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत ही डॉक्टर की सलाह लेने को कहा जा रहा हैं.
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रमोद कश्यप कहते हैं कि पहले हम मानते थे कि कोरोना बच्चों में नहीं होता हैं, पर इस बार का वेरिएंट थोड़ा सा चेंज हो गया हैं. उसके कारण में बच्चों में कोरोना बराबर हो रहा हैं.
आठ माह बाद भी मरीजों को नहीं मिल सका ICU का लाभ
बच्चों के लिए विशेष इंतजाम, तैयारी शुरू
सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर से बचवा को लेकर तैयारी शुरू कर दी हैं. मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ सभी जिला अस्पतालों में बच्चों के लिए विशेष इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के 13 सरकारी मेडिकल कॉलेज और कोविड अस्पतालों के डॉक्टरों सहित आला अधिकारियों के साथ योजना को अंतिम रूप दिया.
तीसरी लहर को हम कैसे रोक सकते हैं, इसकी तैयारी कर ली गई हैं. खास कर जब बच्चों पर इसका प्रभाव पड़ता हैं, तो उसके लिए हमने पूरी व्यवस्था से योजना बनाई हैं. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग
बच्चों के लिए इस तरह की है तैयारी
हमीदिया अस्पताल में 50 बिस्तर का आईसीयू बनेगा. नवजात और बच्चों के उपचार के लिए चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने आवश्यक दवाईयां, इंजेक्शन उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए हैं.
1000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर लगेंगे
प्रदेश के 13 मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में 1000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर स्थापित किए जाएंगे. इनमें से 15 प्रतिशत को बैकअप रखते हुए 850 ऑक्सीजन बेड को सेंट्रल ऑक्सीजन सप्लाई से अलग करते हुए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के जरिए संचालित किया जाएगा.