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राज्य सरकार लेगी 1 हजार करोड़ रुपए का कर्ज, राजस्व में आई भारी कमी - GST कलेक्शन में हो रहा नुकसान

राज्य सरकार के राजस्व में कोरोना की चलते 28 हजार करोड़ रुपए की कमी आई है, जिसके चलते सरकार 1 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही है. सबसे ज्यादा नुकसान आबकारी विभाग को हुआ है, साथ ही SGST और IGST में करीब 3 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ा है.

Government in deficit
घाटे में सरकार
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Published : Aug 9, 2020, 6:27 PM IST

भोपाल। राज्य सरकार की वित्तीय स्थिति काफी खराब चल रही है. हालात यह हैं कि सरकार को जरूरी खर्चों के लिए पैसों का इंतजाम करना पड़ रहा है. कोरोना संक्रमण की वजह से राजस्व संग्रहण में आई कमी और बढ़ रहे खर्चों की भरपाई के लिए राज्य सरकार को बाजार से कर्ज लेना पड़ रहा है. एक सप्ताह में राज्य सरकार एक बार फिर 1 हजार करोड़ का कर्जा लेने जा रही है. कोरोना संक्रमण के चलते राज्य सरकार के राजस्व संग्रहण में करीब 28 हजार करोड़ रुपए की कमी आई है.

अनलॉक के बाद भी राजस्व संग्रहण में उतनी बढ़ोत्तरी नहीं हुई है, जितनी उम्मीद थी. प्रदेश में उत्पादन अभी आधी क्षमता के साथ हो रहा है. जरूरी खर्च के चलते सरकारी खजाने पर पड़ रहे बोझ के चलते अब सरकार के सामने बाजार से कर्ज लेने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है. यही वजह है कि राज्य सरकार को एक बार फिर 10 दिन के अंदर दूसरी बार बाजार से कर्ज लेना पड़ रहा है.

सरकार की जारी अधिसूचना के मुताबिक 11 अगस्त को ऑक्शन किया जाएगा. प्रदेश की सरकार भारतीय रिजर्व बैंक के जरिए कर्ज लेने जा रही है. इसके पहले राज्य सरकार ने 4 अगस्त को बाजार से 1 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया था. देखा जाए तो राज्य सरकार अप्रैल से अब तक 7 बार कर्ज ले चुकी है. इस बीच सरकार ने 45 सौ करोड़ रुपए का कर्जा लिया है.

GST कलेक्शन में हो रहा नुकसान

राज्य सरकार को पिछले 4 महीने के दौरान SGST और IGST में करीब 3 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ा है. विभाग को अप्रैल से जुलाई तक 7027 करोड़ रुपए मिले थे, लेकिन 31 जुलाई तक सिर्फ 3950 करोड़ रुपए ही मिल पाए हैं, जो कि पिछले साल की तुलना में 44 फीसदी कम है. सबसे ज्यादा कमी अप्रैल महीने में 1614 करोड़ रुपए की हुई है. विभागवार देखा जाए तो सबसे ज्यादा नुकसान आबकारी विभाग को हुआ है.

भोपाल। राज्य सरकार की वित्तीय स्थिति काफी खराब चल रही है. हालात यह हैं कि सरकार को जरूरी खर्चों के लिए पैसों का इंतजाम करना पड़ रहा है. कोरोना संक्रमण की वजह से राजस्व संग्रहण में आई कमी और बढ़ रहे खर्चों की भरपाई के लिए राज्य सरकार को बाजार से कर्ज लेना पड़ रहा है. एक सप्ताह में राज्य सरकार एक बार फिर 1 हजार करोड़ का कर्जा लेने जा रही है. कोरोना संक्रमण के चलते राज्य सरकार के राजस्व संग्रहण में करीब 28 हजार करोड़ रुपए की कमी आई है.

अनलॉक के बाद भी राजस्व संग्रहण में उतनी बढ़ोत्तरी नहीं हुई है, जितनी उम्मीद थी. प्रदेश में उत्पादन अभी आधी क्षमता के साथ हो रहा है. जरूरी खर्च के चलते सरकारी खजाने पर पड़ रहे बोझ के चलते अब सरकार के सामने बाजार से कर्ज लेने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है. यही वजह है कि राज्य सरकार को एक बार फिर 10 दिन के अंदर दूसरी बार बाजार से कर्ज लेना पड़ रहा है.

सरकार की जारी अधिसूचना के मुताबिक 11 अगस्त को ऑक्शन किया जाएगा. प्रदेश की सरकार भारतीय रिजर्व बैंक के जरिए कर्ज लेने जा रही है. इसके पहले राज्य सरकार ने 4 अगस्त को बाजार से 1 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया था. देखा जाए तो राज्य सरकार अप्रैल से अब तक 7 बार कर्ज ले चुकी है. इस बीच सरकार ने 45 सौ करोड़ रुपए का कर्जा लिया है.

GST कलेक्शन में हो रहा नुकसान

राज्य सरकार को पिछले 4 महीने के दौरान SGST और IGST में करीब 3 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ा है. विभाग को अप्रैल से जुलाई तक 7027 करोड़ रुपए मिले थे, लेकिन 31 जुलाई तक सिर्फ 3950 करोड़ रुपए ही मिल पाए हैं, जो कि पिछले साल की तुलना में 44 फीसदी कम है. सबसे ज्यादा कमी अप्रैल महीने में 1614 करोड़ रुपए की हुई है. विभागवार देखा जाए तो सबसे ज्यादा नुकसान आबकारी विभाग को हुआ है.

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