भोपाल। मध्यप्रदेश में अब कक्षा 6 से 12वीं तक के छात्र- छात्राओं को उमंग स्कूल हेल्थ एवं वैलनेस कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा. इसमें बच्चों का भी आईडी बनाने की योजना है. इस कार्यक्रम में बच्चों को स्कूल में ही स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी आसानी से मिल सकेगी. कार्यक्रम का शुभारंभ स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने किया. कार्यक्रम को स्कूल शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग मिलकर चलाएंगे.
उमंग स्कूल हेल्थ एवं वैलनेस कार्यक्रम : स्वास्थ्य की दिशा में स्कूली छात्र- छात्राओं को बेहतर करने और उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुचारू बनाने के लिए अब स्कूल शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग मिलकर काम करने जा रहा है. इसी के लिए उमंग स्कूल हेल्थ एवं वैलनेस कार्यक्रम का शुभारंभ भोपाल में किया गया. इस योजना के तहत स्कूल हेल्थ एवं वैलनेस कार्यक्रम का संचालन किया जाएगा. जिसमें कक्षा 6 से लेकर 12 तक के बच्चों का कक्षा मॉड्यूलर अलग-अलग तरीके का संचालन किया जाता है. इसमें स्कूल शिक्षा विभाग के शैक्षणिक सत्र के वार्षिक कैलेंडर में भी जोड़ा जाएगा. स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने बताया कि इसके माध्यम से प्रदेश के 52 जिलों के सभी स्कूलों को टारगेट किया जा रहा है.
हर व्यक्ति का हेल्थ का नई यूनिक आईडी : आईडी के माध्यम से आपके अकाउंट में वह सभी चीजें रिकॉर्ड में आ जाएंगी, जिससे कि आपकी हेल्थ की स्थिति आसानी से बताई जा सकती है. लेकिन अभी ये शुरुआती दौर में है. धीरे-धीरे इसको बनाया जाएगा. एनएचएम की डायरेक्टर प्रियंका दास ने बताया कि इसके माध्यम से बच्चों को उन बीमारियों के बारे में पहले से ही जागरुक किया जाएगा, जिसका खतरा होता है. क्योंकि अभी तक देखा यह गया है कि जब कोई बीमारी होती है तब इलाज किया जाता है. लेकिन इसके माध्यम से स्कूलों में ही बच्चों को उन बीमारियों के बारे में बताया जाएगा, जो हो सकती हैं.
वैक्सीनेशन में भी मिलेगा फायदा : वैक्सीनेशन का काम स्वास्थ्य विभाग का होता है. लेकिन इसमें स्कूल शिक्षा विभाग का महत्वपूर्ण रोल होता है. ऐसे में दोनों अगर सामंजस्य बनाकर काम करेंगे तो निश्चित ही इससे बेहतर काम होगा. कार्यक्रम का उद्देश्य शालोंओ में विद्यार्थियों को हेल्थ एवं वैलनेस शिक्षा एवं जीवन कौशल शिक्षा प्रदान करना है. शालाओं को तंबाकू मुक्त बनाए जाने एवं बच्चों को किसी भी प्रकार के नशे की आदत ना लगे, इस हेतु प्रेरित किया जाना, किशोरियों को माहवारी के दौरान स्वच्छता प्रबंधन के लिए प्रेरित करना, स्वच्छ पेयजल के उपयोग को बढ़ावा दिया जाना, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन अंतर्गत प्रत्येक छात्र का डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड रखने हेतु अकाउंट आईडी बनाया जाए आदि काम इसके तहत हैं.
Tips to quit smoking: 11 कदम चलिए, स्मोकिंग छोड़िए
स्वास्थ्य विभाग की सर्वे रिपोर्ट पर सियासत शुरू : स्वास्थ्य विभाग की सर्वे रिपोर्ट पर सियासत शुरू हो गई है. कांग्रेस जहां प्रदेश में नशा मुक्ति की बात कहने वाली बीजेपी के खिलाफ उग्र हो गई है तो बीजेपी इस मामले में सर्वे की स्टडी की बात दोहरा रही है. मध्यप्रदेश में स्मोकिंग करने के मामले में लड़कियों के 7 प्रतिशत और बीड़ी पीने के मामले में महिलाओं के 13% के आंकड़े के बाद कांग्रेस ने सवाल किया है कि आखिर यह आंकड़ा 1 साल का है और नशा मुक्ति की बात करने वाली मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार इस दिशा में क्या काम कर पाई है. कांग्रेस मीडिया विभाग की उपाध्यक्ष संगीता शर्मा का कहना है कि प्रदेश में नशा मुक्ति के दिशा में क्या सरकार की यही स्थिति है. वहीं, बीजेपी प्रवक्ता नेहा बग्गा ने सर्वे की स्टडी की बात दोहराई है. उनका कहना है कि इस सर्वे की स्टडी होनी चाहिए. आखिर आंकड़े कैसे आए और कहां से आए. उन्होंने समाजसेवियों से अपील की है कि शराब और नशे से युवाओं को दूर रखें.