भोपाल। प्रदेश के विकास और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप के त्वरित क्रियान्वयन के लिए मंत्रिमंडल की कोलार डैम के फॉरेस्ट रेस्टहाउस में बैठक की गई. बैठक में तय किया गया कि कोलार डैम को हनुमंतिया की तरह विकसित किया जाएगा. बैठक में मंत्री पूरी तैयारी के साथ पहुंचे.
अंडमान निकोबार सरकार से करार
वन मंत्री विजय शाह ने बताया कि अंडमान निकोबार सरकार मध्यप्रदेश को 1 हजार करोड़ रुपए वनों के लिए देने जा रही है. बदले में उन्हें कार्बन क्रेडिट मिलेगा.साथ ही सरकार अब नेशनल पार्क में हॉट एयर बैलूनिंग के लिए प्राइवेट पार्टी को परमीशन दे रही है.
कोलार डैम का होगा विकास
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोलार जलाशय क्षेत्र प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर है. पर्यटकों को सहज ही आकर्षित करता है. पर्यटन की दृष्टि से कोलार जलाशय क्षेत्र का हनुवंतिया की तरह ही विकास किया जाएगा.
MSME की 02 हजार नई इकाईयां होगीं शुरू
MSME मंत्री ओपी सखलेचा ने बताया कि इंदौर के पास फर्नीचर, कन्फेक्शनरी, रेडीमेट गारमेंट आदि के क्लस्टर विकसित किये जा रहे हैं. मालवा क्षेत्र में इस वर्ष के अंत तक लगभग 02 हजार औद्योगिक इकाईयां स्थापित हो जाएंगी. जिनसे एक लाख लोगों को रोजगार मिलेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जिले में अधिक से अधिक निवेश लाने के प्रयास किए जाएं. भोपाल, जबलपुर, इंदौर, ग्वालियर को आईटी पार्कस को और विकसित किया जाएगा. उनसे अधिक से अधिक रोजगार सृजित हों.
'महापुरूषों के नाम पर हों महाविद्यालयों के नाम'
बैठक में मुख्यमंत्री ने उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव से कहा कि मध्यप्रदेश के कॉलेजों के नाम महापुरूषों के नाम पर होने चाहिए. वहीं मंत्री मोहन यादव ने बताया कि प्रदेश में आगामी समय में 200 नए महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने की योजना है. इनमें पशुपालन एवं कृषि महाविद्यालय भी होंगे. रोजगार मेलों के माध्यम से शिक्षित युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार देने के लिए हर जिले में "प्लेसमेंट ऑफीसर्स" बनाए जा रहे हैं. प्रदेश के 732 महाविद्यालयों को सेल्फ फाइनेंस की अनुमति दी गई है.
'मध्यप्रदेश के वन देते हैं अन्य राज्यों को ऑक्सीजन'
बैठक में वन मंत्री विजय शाह ने चर्चा के दौरान बताया कि मध्यप्रदेश के वन अन्य राज्यों को शुद्ध वायु व ऑक्सीजन देते हैं. हाल ही में अंडमान निकोबार सरकार द्वारा मध्यप्रदेश को पेड़ लगाने के लिए 1000 करोड़ रूपए की राशि देने जा रही है. हमारे राष्ट्रीय उद्यानों में अब दोगुना पर्यटक "बफर में सफर" का आनंद ले रहे हैं. पेंच, बांधवगढ़ व सतपुड़ा नेशनल पार्क में "नाइट सफारी" चालू हो गई हैं. कई स्थानों पर "हॉट एयर बैलून" चालू किए गए हैं. मध्यप्रदेश जो पहले केवल "टाइगर स्टेट" था, अब "लियोपार्ड स्टेट" व "घड़ियाल स्टेट" बनने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है. गिद्धों के संरक्षण का कार्य भी हो रहा है. वनों से रोजगार की दिशा में कार्य किए जा रहे हैं. वन क्षेत्रों में मत्स्य पालन के लिए तालाबों के पट्टे नि:शुल्क दिए जा रहे हैं. अब वन भूमि पर रोजगार की अनुमति ऑनलाइन मिल जाएगी.
'आईटी आधारित हो सर्वे'
राजस्व व परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत से चर्चा के दौरान कहा कि प्रदेश में आपदा नुकसानी आदि का आईटी आधारित सर्वे किया जाए. इससे कार्य त्वरित और त्रुटिहीन होगा. पटवारियों को लैपटॉप दिए जा रहे हैं. सीमांकन आदि कार्य के लिए अब "ब्लॉक चैन तकनीक" और "कोर्स पद्धति" आदि का उपयोग किया जाएगा. परिवहन मंत्री ने बताया कि पब्लिक वाहनों में अब "पैनिक बटन" लगाए जा रहे हैं. जिससे कि आपात स्थिति में सहायता मिल सके. इसके कंट्रोल के लिए "व्हीकल लोकेशन कमाण्ड एण्ड कंट्रोल सेंटर" बनाए जा रहे हैं.
चिकित्सा के क्षेत्र में भी कई इनिशिएटिव
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने चर्चा के दौरान बताया कि "क्लीनिलिकल मेडिसीन कोर्स" और "बॉयो लैब" चालू किए जाएंगे. "मरीज मित्र योजना" भी प्रारंभ की जाएगी. आयुष राज्य मंत्री रामकिशोर कांवरे ने बताया कि आयुष चिकित्सा का सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनाया जाएगा.