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इंवेस्टमेंट पॉलिसी में बदलाव से GDP को मिलेगा बूस्टर डोज, अगले 5 साल में ग्रोथ दोगुनी - MP INVESTMENT POLICY CHANGE

निवेशकों को आकर्षित करने के लिए एमपी सरकार इंवेस्टमेंट पॉलिसी में बदलाव कर रही है. 18 फरवरी की कैबिनेट बैठक में 15 नई नीतियां आएंगी.

MP INVESTMENT POLICY CHANGE
मध्य प्रदेश की इंवेस्टमेंट पॉलिसी में बदलाव (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 13, 2025, 3:34 PM IST

भोपाल: मध्य प्रदेश में आगामी 24 और 25 फरवरी को राजधानी में ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट का आयोजन किया जा रहा है. इसमें निवेशकों को आकर्षित करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार इंवेस्टमेंट पॉलिसी में बदलाव कर रही है. बीते 11 फरवरी को आयोजित कैबिनेट बैठक में मध्य प्रदेश सरकार ने 5 नीतियों में बदलाव किया है. अब 18 फरवरी को होने वाली कैबिनेट बैठक में 15 और नीतियां आएंगी. सरकार को भरोसा है, कि इन नीतियों में बदलाव से मध्यप्रदेश में निवेश को गति मिलेगी और इसका फायदा प्रदेश की जीडीपी को भी मिलेगा.

2030 में 6 लाख करोड़ तक पहुंच सकती है जीडीपी

अधिकारियों ने बताया कि निवेश की नीतियों में बदलाव करने से मध्य प्रदेश में उद्योग और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा. सरकार और जनता को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इसका फायदा मिलेगा. मध्य प्रदेश की वर्तमान जीडीपी 2.9 लाख करोड़ रूपये है. अब सरकार जीआईएस और निवेश नीति में बदलाव कर अगले 5 सालों में इसे 100 प्रतिशत से अधिक तक बढ़ाया जा सकता है. साल 2030 तक मध्य प्रदेश की जीडीपी लगभग 6 लाख करोड़ रूपये को पार कर सकती है.

5 साल में 20 लाख नए रोजगार

जीआईएस से पहले निवेशकों को एक समग्र औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. विश्व स्तरीय औद्योगिक अधोसंरचना का विकास करने, एनवायरनमेंटली सस्टेनेबल इंडस्ट्रियल ग्रोथ और संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देने समेत अन्य मुद्दों पर विचार चल रहा है. अधिकारियों का दावा है कि आने वाले 5 साल में 20 लाख नए रोजगार का सृजन होगा. इसके अंतर्गत वृहद और मेगा स्तर की औद्योगिक इकाई को निवेश प्रोत्साहन सहायता, सामान्य सहायता और अतिरिक्त सहायता के प्रावधान शामिल किए गए हैं.

निवेशकों को मिलेंगी ये सुविधाएं

टैक्सटाइल नीति के अंतर्गत संयंत्र और मशीनरी के लिए गए टर्मलोन पर 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान सुविधा 5 वर्षों के लिए अधिकतम, 50 करोड़ रूपये प्रदाय की जाएगी. अपेरल प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना पर 25 प्रतिशत सहायता अधिकतम 50 लाख रूपये वित्तीय सहायता प्रदाय की जाएगी. साथ ही 500 करोड़ रूपये से अधिक का निवेश करने वाली मेगा श्रेणी की इकाईयां सीसीआईपी अंतर्गत कस्टमाइज्ड पैकेज के लिए पात्र होंगी. इसी प्रकार नवकरणीय ऊर्जा उपकरण विनिर्माण नीति में विकास शुल्क में 50 प्रतिशत की रियायत दी जाएगी. गुणवत्ता प्रमाणन लागत का 50 प्रतिशत या 1 लाख रूपये जो भी कम हो, की प्रतिपूर्ति की जाएगी. 250 करोड़ से अधिक का निवेश करने वाली मेगा श्रेणी की इकाइयां सीसीआईपी अंतर्गत कस्टामाइज्ड पैकज के लिए पात्र होंगे.

रोजगार सृजन के लिए भी सरकार देगी प्रोत्साहन

परिधान, फुटवियर, खिलौने और सहायक उपकरण नीति में रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार प्रति कर्मचारी 5 हजार रूपये प्रति माह 5 वर्षों तक नियोक्ता को दिया जाएगा. प्रशिक्षण और कौशल विकास के लिए 13 हजार रूपये प्रति नए कर्मचारी के लिए 5 वर्षों तक प्रदान किया जाएगा. इसी प्रकार टर्मलोन पर 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान, अधिकतम 50 करोड़ रूपये दिया जाएगा. विकास शुल्क में 25 प्रतिशत की रियायत देने के साथ स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क सहायता में 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी. विद्युत टैरिफ रियायत के रूप में 1 रूपये प्रति यूनिट, अधिकतम 5 वर्षों के लिए प्रदान की जाएगी.

भोपाल: मध्य प्रदेश में आगामी 24 और 25 फरवरी को राजधानी में ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट का आयोजन किया जा रहा है. इसमें निवेशकों को आकर्षित करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार इंवेस्टमेंट पॉलिसी में बदलाव कर रही है. बीते 11 फरवरी को आयोजित कैबिनेट बैठक में मध्य प्रदेश सरकार ने 5 नीतियों में बदलाव किया है. अब 18 फरवरी को होने वाली कैबिनेट बैठक में 15 और नीतियां आएंगी. सरकार को भरोसा है, कि इन नीतियों में बदलाव से मध्यप्रदेश में निवेश को गति मिलेगी और इसका फायदा प्रदेश की जीडीपी को भी मिलेगा.

2030 में 6 लाख करोड़ तक पहुंच सकती है जीडीपी

अधिकारियों ने बताया कि निवेश की नीतियों में बदलाव करने से मध्य प्रदेश में उद्योग और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा. सरकार और जनता को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इसका फायदा मिलेगा. मध्य प्रदेश की वर्तमान जीडीपी 2.9 लाख करोड़ रूपये है. अब सरकार जीआईएस और निवेश नीति में बदलाव कर अगले 5 सालों में इसे 100 प्रतिशत से अधिक तक बढ़ाया जा सकता है. साल 2030 तक मध्य प्रदेश की जीडीपी लगभग 6 लाख करोड़ रूपये को पार कर सकती है.

5 साल में 20 लाख नए रोजगार

जीआईएस से पहले निवेशकों को एक समग्र औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. विश्व स्तरीय औद्योगिक अधोसंरचना का विकास करने, एनवायरनमेंटली सस्टेनेबल इंडस्ट्रियल ग्रोथ और संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देने समेत अन्य मुद्दों पर विचार चल रहा है. अधिकारियों का दावा है कि आने वाले 5 साल में 20 लाख नए रोजगार का सृजन होगा. इसके अंतर्गत वृहद और मेगा स्तर की औद्योगिक इकाई को निवेश प्रोत्साहन सहायता, सामान्य सहायता और अतिरिक्त सहायता के प्रावधान शामिल किए गए हैं.

निवेशकों को मिलेंगी ये सुविधाएं

टैक्सटाइल नीति के अंतर्गत संयंत्र और मशीनरी के लिए गए टर्मलोन पर 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान सुविधा 5 वर्षों के लिए अधिकतम, 50 करोड़ रूपये प्रदाय की जाएगी. अपेरल प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना पर 25 प्रतिशत सहायता अधिकतम 50 लाख रूपये वित्तीय सहायता प्रदाय की जाएगी. साथ ही 500 करोड़ रूपये से अधिक का निवेश करने वाली मेगा श्रेणी की इकाईयां सीसीआईपी अंतर्गत कस्टमाइज्ड पैकेज के लिए पात्र होंगी. इसी प्रकार नवकरणीय ऊर्जा उपकरण विनिर्माण नीति में विकास शुल्क में 50 प्रतिशत की रियायत दी जाएगी. गुणवत्ता प्रमाणन लागत का 50 प्रतिशत या 1 लाख रूपये जो भी कम हो, की प्रतिपूर्ति की जाएगी. 250 करोड़ से अधिक का निवेश करने वाली मेगा श्रेणी की इकाइयां सीसीआईपी अंतर्गत कस्टामाइज्ड पैकज के लिए पात्र होंगे.

रोजगार सृजन के लिए भी सरकार देगी प्रोत्साहन

परिधान, फुटवियर, खिलौने और सहायक उपकरण नीति में रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार प्रति कर्मचारी 5 हजार रूपये प्रति माह 5 वर्षों तक नियोक्ता को दिया जाएगा. प्रशिक्षण और कौशल विकास के लिए 13 हजार रूपये प्रति नए कर्मचारी के लिए 5 वर्षों तक प्रदान किया जाएगा. इसी प्रकार टर्मलोन पर 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान, अधिकतम 50 करोड़ रूपये दिया जाएगा. विकास शुल्क में 25 प्रतिशत की रियायत देने के साथ स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क सहायता में 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी. विद्युत टैरिफ रियायत के रूप में 1 रूपये प्रति यूनिट, अधिकतम 5 वर्षों के लिए प्रदान की जाएगी.

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