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होली पर लगेगा साल का पहला चंद्र ग्रहण! क्या सूतक काल में खेल सकते हैं रंग-गुलाल? जानिए पंडित जी से - HOLI 2025

वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार होली पर चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. ऐसे में जानते हैं होली की सही तारीख और मुहूर्त.

HOLI 2025
इस साल होली 14 मार्च को मनाया जाएगा (Canva)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 13, 2025, 3:24 PM IST

Updated : Feb 13, 2025, 3:39 PM IST

हैदराबाद: होली, रंगों का त्योहार, फाल्गुन पूर्णिमा के अगले दिन मनाया जाता है, जिसकी पूर्व संध्या पर होलिका दहन किया जाता है. इस साल, यानी 2025 में, होली का महत्व और भी बढ़ जाता है क्योंकि इस दिन साल का पहला चंद्र ग्रहण भी पड़ रहा है. चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा के दिन ही होता है, और इस बार यह होली की सुबह ही लग रहा है. ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि क्या इस ग्रहण के कारण होली के रंग में भंग पड़ेगा? क्या ग्रहण के समय व्याप्त निषेध के कारण रंगों का उत्सव प्रभावित होगा? इन सवालों के जवाब जानने के लिए हमने ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र से बात की.

कब है होली 2025?
इस साल रंगों का त्योहार होली 14 मार्च, शुक्रवार को मनाया जाएगा. पंचांग के अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 13 मार्च को सुबह 10 बजकर 35 मिनट से शुरू होकर 14 मार्च को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट तक रहेगी. होलिका दहन 13 मार्च की रात को किया जाएगा, जिसके बाद अगले दिन होली मनाई जाएगी. हालांकि, इस बार होलिका दहन पर भद्रा का साया रहेगा.

कब लग रहा है पहला चंद्र ग्रहण 2025?
साल का पहला चंद्र ग्रहण होली के दिन, 14 मार्च को लगेगा. ग्रहण का प्रारंभ सुबह 09:29 बजे से होगा और इसका समापन दोपहर 03:29 बजे होगा. चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले ही शुरू हो जाएगा, जिसके दौरान कोई भी शुभ कार्य करने की मनाही होती है.

क्या होली पर होगा चंद्र ग्रहण का साया?
अच्छी खबर यह है कि साल का पहला चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. इसलिए, यहां पर न तो चंद्र ग्रहण का कोई दुष्प्रभाव होगा और न ही इसका कोई सूतक काल मान्य होगा. इसका मतलब है कि होली के त्योहार पर चंद्र ग्रहण का कोई साया नहीं होगा. आप 14 मार्च को हर्षोल्लास के साथ होली का त्योहार मना सकते हैं और अपनों के साथ रंग और गुलाल खेल सकते हैं.

होली पर होगा पूर्णिमा का स्नान-दान
14 मार्च को होली के दिन फाल्गुन पूर्णिमा का स्नान और दान भी किया जाएगा, जबकि 13 मार्च को फाल्गुन पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा. जो लोग व्रत रखेंगे, वे 13 मार्च को चंद्रमा को अर्घ्य देंगे और अगली सुबह स्नान-दान करेंगे. पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण भगवान की पूजा करें और कथा सुनें. फाल्गुन पूर्णिमा का स्नान करने के बाद दान दें और पितरों के लिए तर्पण आदि करें.

यह भी पढ़ें- फाल्गुन 2025: आज से शुरू हो रहा हिंदू पंचांग का आखिरी महीना, जानें व्रत-त्योहार

हैदराबाद: होली, रंगों का त्योहार, फाल्गुन पूर्णिमा के अगले दिन मनाया जाता है, जिसकी पूर्व संध्या पर होलिका दहन किया जाता है. इस साल, यानी 2025 में, होली का महत्व और भी बढ़ जाता है क्योंकि इस दिन साल का पहला चंद्र ग्रहण भी पड़ रहा है. चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा के दिन ही होता है, और इस बार यह होली की सुबह ही लग रहा है. ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि क्या इस ग्रहण के कारण होली के रंग में भंग पड़ेगा? क्या ग्रहण के समय व्याप्त निषेध के कारण रंगों का उत्सव प्रभावित होगा? इन सवालों के जवाब जानने के लिए हमने ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र से बात की.

कब है होली 2025?
इस साल रंगों का त्योहार होली 14 मार्च, शुक्रवार को मनाया जाएगा. पंचांग के अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 13 मार्च को सुबह 10 बजकर 35 मिनट से शुरू होकर 14 मार्च को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट तक रहेगी. होलिका दहन 13 मार्च की रात को किया जाएगा, जिसके बाद अगले दिन होली मनाई जाएगी. हालांकि, इस बार होलिका दहन पर भद्रा का साया रहेगा.

कब लग रहा है पहला चंद्र ग्रहण 2025?
साल का पहला चंद्र ग्रहण होली के दिन, 14 मार्च को लगेगा. ग्रहण का प्रारंभ सुबह 09:29 बजे से होगा और इसका समापन दोपहर 03:29 बजे होगा. चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले ही शुरू हो जाएगा, जिसके दौरान कोई भी शुभ कार्य करने की मनाही होती है.

क्या होली पर होगा चंद्र ग्रहण का साया?
अच्छी खबर यह है कि साल का पहला चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. इसलिए, यहां पर न तो चंद्र ग्रहण का कोई दुष्प्रभाव होगा और न ही इसका कोई सूतक काल मान्य होगा. इसका मतलब है कि होली के त्योहार पर चंद्र ग्रहण का कोई साया नहीं होगा. आप 14 मार्च को हर्षोल्लास के साथ होली का त्योहार मना सकते हैं और अपनों के साथ रंग और गुलाल खेल सकते हैं.

होली पर होगा पूर्णिमा का स्नान-दान
14 मार्च को होली के दिन फाल्गुन पूर्णिमा का स्नान और दान भी किया जाएगा, जबकि 13 मार्च को फाल्गुन पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा. जो लोग व्रत रखेंगे, वे 13 मार्च को चंद्रमा को अर्घ्य देंगे और अगली सुबह स्नान-दान करेंगे. पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण भगवान की पूजा करें और कथा सुनें. फाल्गुन पूर्णिमा का स्नान करने के बाद दान दें और पितरों के लिए तर्पण आदि करें.

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Last Updated : Feb 13, 2025, 3:39 PM IST
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