भोपाल। मध्य प्रदेश में उपचुनाव की घोषणा के साथ ही बीजेपी और कांग्रेस में जुबानी जंग जारी है. अब तक कांग्रेस के बयानों से खुद को पीड़ित बता रहे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कमलनाथ को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया है. मेहगांव विधानसभा में जनसभा को संबोधित करने पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए पूछा है कि उद्योगपति कमलनाथ तुम बता दो कि तुम्हारा नरा (गर्भनाल) कहां गड़ा है? उनके इस बयान के बाद कांग्रेस हमलावर हो गई है और कांग्रेस ने इसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की निराशा और हताशा बताया है. कांग्रेस ने ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम लिए बिना कहा कि भाजपा जिसको तलवार समझकर कांग्रेस से ले गए थे, वह लकड़ी की तलवार निकली. इसलिए यह निराशा के दौर में पहुंच गए हैं और जिस तरह की बातें कर रहे हैं, यह मानसिक स्वास्थ्य की श्रेणी में आता है, भगवान उन्हें स्वस्थ रखे.
गोरमी की एक सभा में बोलें शिवराज
दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, भिंड के मेहगांव विधानसभा के गोरमी में एक सभा को संबोधित कर रहे थे. जहां पर उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हम भूखे लोग तो मध्यप्रदेश से आते हैं, तो कमलनाथ उद्योगपति तुम बता दो कि तुम्हारा नरा (गर्भनाल) कहां गड़ा है. सीएम शिवराज के इस बयान के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि जो सत्ता की लिप्सा और सत्ता के लिए भूखे हैं. 15 साल से जिनका सत्ता से पेट नहीं भरा है, आज भी उनकी भूख जिंदा है.
भूख और नंगाई ने की लोकतंत्र की हत्या- कांग्रेस
भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि संस्कारों से जो इस नंगाई पर उतर आए हैं कि वोट के जरिए सरकार बननी चाहिए, वो भी 5 साल के लिए बननी चाहिए. उन सरकारों को नंगाई से गिराकर और आप अपदस्थ करने का काम कर रहे हैं. ऐसे ही लोगों को इस देश में भूखा और नंगा कहा जाता है. ऐसे लोगों को इस दृष्टिकोण से सोचने की कोशिश करना चाहिए कि उन्होंने लोकतंत्र को भूख और नंगाई से बर्बाद कर दिया है. लोकतंत्र की हत्या इस भूख और नंगाई ने कर दी है.
कमलनाथ का बचाव
भूपेंद्र गुप्ता ने कमलनाथ का बचाव करते हुए कहा कि उनका नरा (गर्भनाल) गंगा के किनारे गड़ा है और हमारे आदरणीय मुख्यमंत्री का नरा (गर्भनाल) नर्मदा के किनारे गढ़ा है. उन्होंने तो गंगा की कसमें निभाई हैं, लेकिन शिवराज नर्मदा के सामने खाई कसमों को भी नहीं निभा सके. इसलिए जनता आज विश्वास नहीं करती है. इसलिए जनता ने 2018 में नए ठिकाने लगा दिया था, घर बिठा दिया था. इसलिए वह आज हताशा के दौर से गुजर रहे हैं.