भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कुपोषण दूर करने वाले पोषण आहार में घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्य सचिव एसआर मोहंती ने निजी हाथों में ठेका ना देने वाले 11 बिंदुओं को गायब कर दिया है. मुख्य सचिव ने कैबिनेट के फैसले में चीट करते हुए बदलाव कर आदेश भी जारी कर दिया. शिवराज सिंह ने मुख्यमंत्री कमलनाथ पर वार करते हुए कहा कि आखिर मुख्य सचिव की इतनी जरूरत कैसे हुई कि कैबिनेट में लिए फैसले को बदल दिया.
पोषण आहार घोटाले पर शिवराज ने उठाए सवाल
कैबिनेट में कुपोषण को दूर करने के लिए पोषण आहार वितरण की जो प्रक्रिया अपनाई थी, उसमें इस बिंदु का जिक्र किया गया था कि टेक होम राशन को निजी हाथों में नहीं दिया जाएगा. ये प्रस्ताव कैबिनेट में पारित नहीं हुआ था, लेकिन जब सरकार ने इसका आदेश निकाला तो उसमें 11 बिंदु, जिसमें इस बात का जिक्र था, उस बिंदु को हटाकर आदेश जारी किए गए. शिवराज ने आरोप लगाया कि निजी कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए प्रमुख सचिव ने ऐसा किया है. इस सरकार में ईमानदार अफसरों की बलि चढ़ी है और भ्रष्ट अधिकारी इस तरीके के काम कर रहे हैं.
बीजेपी ने कुपोषण दूर करने बनाए संयंत्र
शिवराज सिंह ने कहा कुपोषण दूर करने बीजेपी सरकार ने प्रदेश में 7 संयंत्र स्थापित किए थे. शिवराज ने कहा कि वो इस मामले को लेकर राज्यपाल लालजी टंडन को पत्र लिखेंगे कि आखिर ये अजब-गजब सरकार किस तरीके के फैसले ले रही है. वहीं तत्कालीन ACS गौरी सिंह का अभिनंदन करते हुए शिवराज ने कहा कि उन्होंने सरकार के इस फैसले का ही विरोध किया था कि पोषण आहार का निजीकरण नहीं होना चाहिए तो उन्हें विरोध झेलना पड़ा.
टेक होम राशन पर विवाद
प्रदेश में पोषण आहार वितरण को लेकर सरकार ने फैसला किया था और इसके बाद 6 संयंत्र प्रदेश में लगाए गए थे. जिनसे टेक होम राशन का वितरण किया जाना था, लेकिन मुख्य सचिव ने कैबिनेट के फैसले के बाद उस बिंदु को हटाकर नया आदेश जारी किया. जिसमें ये साफ लिखा था कि एमपी एग्रो किसी भी निजी कंपनी के ठेकेदारों को सम्मिलित नहीं करेगा.अब देखना ये है कि कमलनाथ सरकार इस मामले में आगे क्या फैसला लेती है.