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रीवा के किसान धर्मजय का कल होगा अंतिम संस्कार, एयर एंबुलेंस से लाया जा रहा है पार्थिव शरीर, इलाज पर खर्च हुए 8 करोड़ खर्च रुपये

आठ महीने तक कोरोना से लड़ने के बाद रीवा के किसान धर्मजय जिंदगी की जंग हार गए. मंगलवार को अपोलो अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया. उनके इलाज में 8 करोड़ रुपये का खर्च हुआ.

farmer dharmjay died
धर्मजय किसान की मौत
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Published : Jan 13, 2022, 10:17 AM IST

Updated : Jan 13, 2022, 8:39 PM IST

रीवा। आठ महीने कोरोना से जूझने के बाद मंगलवार रात रीवा के रकरी गांव के किसान धर्मजय सिंह (50) चेन्नई के अपोलो अस्पताल (rewa farmer died in chennai) में जिंदगी की जंग हार गए. परिजनों के मुताबिक उनके इलाज में 8 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. धर्मजय सिंह के इलाज को देश में सबसे लंबे चले कोरोना के मरीज के इलाज के तौर पर देखा जा रहा है. उनके इलाज के लिए परिजनों ने 50 एकड़ जमीन भी बेच दी, लेकिन कोई सफलता हासिल नहीं हुई. परिजनों का कहना है कि अपोलो में हर दिन का चार्ज 3 लाख रुपए के करीब आता था.

farmer dharmjay died
धर्मजय किसान की मौत

एयर एम्बुलेंस से लाया जा रहा है पार्थिव शरीर, 14 को होगा अंतिम संस्कार
धर्मजय सिंह के परिजनों के मुताबिक उनका पार्थिव शरीर चेन्नई के अपोलो अस्पताल से एयर एम्बुलेंस के जरिए शाम 7 बजे बनारस एयरपोर्ट पहुंचेगा. जिसके बाद बनारस से सड़क मार्ग द्वारा उनका पार्थिव शरीर रात तकरीबन 12 बजे उनके गृहग्राम रकरी लाया जाएगा. किसान धर्मजय सिंह का अंतिम संस्कार 14 जनवरी को किया जाएगा.

अपोलो हॉस्पिटल चेन्नई में चल रहा था इलाज
मऊगंज क्षेत्र के रकरी गांव के रहने वाले धर्मजय सिंह (50) का 30 अप्रैल 2021 को सैंपल (rewa farmer spent 8 crore rupee on corona treatment) लिया गया था. 2 मई को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, जिसमें वे कोरोना संक्रमित मिले. भाई प्रदीप सिंह ने बताया कि शुरुआत में उन्हें रीवा के संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां धर्मजय का ब्लड प्रेशर कम को गया था. डॉक्टरों ने उन्हें आईसीयू में भर्ती कर दिया. यहां उन्हें ब्रेन हेमरेज हो गया, तो वेंटिलेटर पर रखना पड़ा. हालत में सुधार न होने पर 18 मई को एयर एम्बुलेंस से उन्हें चेन्नई ले जाया गया. तब से वे वहीं भर्ती थे.

फेफड़े हो गए थे 100% संक्रमित
अपोलो में धर्मजय सिंह के फेफड़े 100% संक्रमित हो गए थे. हालांकि, चार दिन बाद वे कोरोना संक्रमण से ठीक हो गए थे, लेकिन फेफड़ों में संक्रमण के कारण एक्मो मशीन (corona treatment with acmo machine of rewa farmer) से उन्हें नई जिंदगी देने की कोशिश की जा रही थी. करीब 8 महीने तक उनका इलाज चला. लेकिन कोई कामयाबी हाथ नहीं लगी.

लंदन के डॉक्टर कर रहे थे इलाज
परिजनों की कहना है कि धर्मजय सिंह का इलाज देश-विदेश के डॉक्टरों की मौजूदगी में हुआ. उनको देखने लंदन के मशहूर डॉक्टर अपोलो अस्पताल आया करते थे. साथ ही अन्य देशों के डॉक्टरों की भी ऑनलाइन सलाह ली जा रही थी. लंदन के​ डॉक्टरों के कहने पर ही आठ माह तक एक्मो मशीन पर रखा गया था. अब से पहले देश में कोरोना का सबसे लंबा इलाज मेरठ के विश्वास सैनी का चला था, जिन्होंने 130 दिन बाद कोरोना को मात दी थी.

MP की प्रथम विधानसभा के सदस्य रहें 104 वर्षीय लक्ष्मी नारायण गुप्ता नहीं रहे, आज पिछोर में होगा अंतिम संस्कार

प्रगतिशील किसान थे धर्मजय सिंह
धर्मजय सिंह ने स्ट्राॅबेरी और गुलाब की खेती को​ विंध्य में विशिष्ट पहचान दिलाई थी. इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 26 जनवरी 2021 को पीटीएस मैदान में धर्मजय को सम्मानित भी किया था. खास बात यह है कि कोरोना काल में लोगों की सेवा करते हुए ही धर्मजय संक्रमित हुए थे. परिजनों का दावा है परिवार वालों ने प्रदेश सरकार से गुहार लगाई थी. इसके बाद सिर्फ 4 लाख रुपए की आर्थिक मदद मिली थी.

रीवा। आठ महीने कोरोना से जूझने के बाद मंगलवार रात रीवा के रकरी गांव के किसान धर्मजय सिंह (50) चेन्नई के अपोलो अस्पताल (rewa farmer died in chennai) में जिंदगी की जंग हार गए. परिजनों के मुताबिक उनके इलाज में 8 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. धर्मजय सिंह के इलाज को देश में सबसे लंबे चले कोरोना के मरीज के इलाज के तौर पर देखा जा रहा है. उनके इलाज के लिए परिजनों ने 50 एकड़ जमीन भी बेच दी, लेकिन कोई सफलता हासिल नहीं हुई. परिजनों का कहना है कि अपोलो में हर दिन का चार्ज 3 लाख रुपए के करीब आता था.

farmer dharmjay died
धर्मजय किसान की मौत

एयर एम्बुलेंस से लाया जा रहा है पार्थिव शरीर, 14 को होगा अंतिम संस्कार
धर्मजय सिंह के परिजनों के मुताबिक उनका पार्थिव शरीर चेन्नई के अपोलो अस्पताल से एयर एम्बुलेंस के जरिए शाम 7 बजे बनारस एयरपोर्ट पहुंचेगा. जिसके बाद बनारस से सड़क मार्ग द्वारा उनका पार्थिव शरीर रात तकरीबन 12 बजे उनके गृहग्राम रकरी लाया जाएगा. किसान धर्मजय सिंह का अंतिम संस्कार 14 जनवरी को किया जाएगा.

अपोलो हॉस्पिटल चेन्नई में चल रहा था इलाज
मऊगंज क्षेत्र के रकरी गांव के रहने वाले धर्मजय सिंह (50) का 30 अप्रैल 2021 को सैंपल (rewa farmer spent 8 crore rupee on corona treatment) लिया गया था. 2 मई को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, जिसमें वे कोरोना संक्रमित मिले. भाई प्रदीप सिंह ने बताया कि शुरुआत में उन्हें रीवा के संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां धर्मजय का ब्लड प्रेशर कम को गया था. डॉक्टरों ने उन्हें आईसीयू में भर्ती कर दिया. यहां उन्हें ब्रेन हेमरेज हो गया, तो वेंटिलेटर पर रखना पड़ा. हालत में सुधार न होने पर 18 मई को एयर एम्बुलेंस से उन्हें चेन्नई ले जाया गया. तब से वे वहीं भर्ती थे.

फेफड़े हो गए थे 100% संक्रमित
अपोलो में धर्मजय सिंह के फेफड़े 100% संक्रमित हो गए थे. हालांकि, चार दिन बाद वे कोरोना संक्रमण से ठीक हो गए थे, लेकिन फेफड़ों में संक्रमण के कारण एक्मो मशीन (corona treatment with acmo machine of rewa farmer) से उन्हें नई जिंदगी देने की कोशिश की जा रही थी. करीब 8 महीने तक उनका इलाज चला. लेकिन कोई कामयाबी हाथ नहीं लगी.

लंदन के डॉक्टर कर रहे थे इलाज
परिजनों की कहना है कि धर्मजय सिंह का इलाज देश-विदेश के डॉक्टरों की मौजूदगी में हुआ. उनको देखने लंदन के मशहूर डॉक्टर अपोलो अस्पताल आया करते थे. साथ ही अन्य देशों के डॉक्टरों की भी ऑनलाइन सलाह ली जा रही थी. लंदन के​ डॉक्टरों के कहने पर ही आठ माह तक एक्मो मशीन पर रखा गया था. अब से पहले देश में कोरोना का सबसे लंबा इलाज मेरठ के विश्वास सैनी का चला था, जिन्होंने 130 दिन बाद कोरोना को मात दी थी.

MP की प्रथम विधानसभा के सदस्य रहें 104 वर्षीय लक्ष्मी नारायण गुप्ता नहीं रहे, आज पिछोर में होगा अंतिम संस्कार

प्रगतिशील किसान थे धर्मजय सिंह
धर्मजय सिंह ने स्ट्राॅबेरी और गुलाब की खेती को​ विंध्य में विशिष्ट पहचान दिलाई थी. इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 26 जनवरी 2021 को पीटीएस मैदान में धर्मजय को सम्मानित भी किया था. खास बात यह है कि कोरोना काल में लोगों की सेवा करते हुए ही धर्मजय संक्रमित हुए थे. परिजनों का दावा है परिवार वालों ने प्रदेश सरकार से गुहार लगाई थी. इसके बाद सिर्फ 4 लाख रुपए की आर्थिक मदद मिली थी.

Last Updated : Jan 13, 2022, 8:39 PM IST
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