भोपाल। माध्यमिक शिक्षा मंडल के दसवीं और बारहवीं कक्षा के रिजल्ट में आदिवासी जिले भोपाल व इंदौर जैसे बड़े जिलों पर भारी साबित हुए हैं. अलीराजपुर, डिंडोरी, मंडला जैसे जिलों का रिजल्ट बड़े शहरों के मुकाबले कई गुना बेहतर रहा है. इधर, रिजल्ट में फिसड्डी साबित हुए जिलों के अधिकारियों पर कार्रवाई होना तय मानी जा रही है. स्कूल शिक्षा विभाग ने बेहतर परफॉर्म न करने वाले टीचर्स और शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई के संकेत दिए हैं.
10वीं रिजल्ट के मामले में टॉप 5 जिले : 10 वीं और 12 वीं के रिजल्ट के मामले में छोटे जिले बड़े शहरों पर भारी साबित हुए हैं. खासतौर से पिछड़े व आदिवासी जिलों के बच्चों और टीचर्स ने खूब मेहनत की. कक्षा 10 वीं के रिजल्ट के मामले में दमोह जिला टॉप पर रहा. दमोह का रिजल्ट 83.80 फीसदी आया है. अलीराजपुर का 82.44 फीसदी, देवास का 81.40 फीसदी, डिंडोरी का 79.67 फीसदी, सीधी का 78.06 फीसदी रिजल्ट रहा. रिजल्ट के मामले में इंदौर जिला 19 वें नंबर पर रहा. इंदौर जिले का रिजल्ट 61.66 फीसदी रहा. जबकि भोपाल 24 वें नंबर, ग्वालियर 33 वें और जबलपुर 47 वें नंबर पर रहा.
12 वीं के टॉप 5 जिले : कक्षा 12 वीं में भी आदिवासी बहुत आबादी वाला अलीराजपुर जिला 93.24 फीसदी के साथ टॉप पर है. वहीं दमोह जिले का रिजल्ट 89.18 फीसदी, सीधी का 85.63 फीसदी, सागर का 85.16 फीसदी और मंडला का 84.78 फीसदी रिजल्ट रहा. जबकि रिजल्ट में मामले में इंदौर 11 वे नंबर पर, भोपाल 24 वें, ग्वालियर 32 वें और जबलपुर 42 वें नंबर पर रहा.
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ये जिले रहे फिसड्डी : सबसे खराब रिजल्ट भिंड, टीकमगढ़ जिले का है. कक्षा 10 वीं में सबसे खराब रिजल्ट टीकमगढ़ का रहा. यहां सिर्फ 34.31 फीसदी बच्चे ही पास हो सके. इसी तरह सतना का रिजल्ट 40.58 फीसदी, निवाड़ी का रिजल्ट 42.63 फीसदी रहा. वहीं कक्षा 12 वीं सबसे खराब रिजल्ट भिंड का 56.21 फीसदी रहा. इसी तरह झाबुआ का 57.01 फीसदी और उमरिया का 57.30 फीसदी रिजल्ट रहा. उधर, रिजल्ट देने में फिसड्डी साबित हुए जिलों के शिक्षा विभाग के अधिकरियों और टीचर्स पर कार्रवाई होना तय मानी जा रही है. (Results of backward and tribal districts) (MP Board exam results 2022)
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