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डॉक्टरों के पंजीयन हो सकते हैं रद्द, बॉन्ड की शर्तों का उल्लंघन पड़ेगा महंगा - bhopal news

ग्रामीण सेवा बांड का नियम लागू होने के बाद भी कई डॉक्टरों ने बांड की शर्तों को पूरा नहीं किया है जिस पर कार्रवाई करते हुए मध्यप्रदेश मेडिकल काउंसिल मार्च के आखिर तक उनके पंजीयन रद्द कर देगा.

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डॉक्टरों के पंजीयन हो सकते हैं रद्द
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Published : Feb 28, 2020, 7:46 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में कितने डॉक्टर्स ने बॉन्ड की शर्तों को पूरा किया है और कितने डॉक्टर्स ने इन शर्तों को पूरा नहीं किया है इसके बारे में आंकड़ें जुटाने के लिए मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल की ओर से जनवरी में सॉफ्टवेयर तैयार किया गया था, जिसके तहत मार्च के आखिर में मिले आंकड़ों के मुताबिक बॉन्ड की शर्तों को पूरा न करने वाले डॉक्टर्स का पंजीयन रद्द कर दिया जाएगा.

डॉक्टरों के पंजीयन हो सकते हैं रद्द

इस बारे में जानकारी देते हुए मध्यप्रदेश मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार डॉ. सुबोध मिश्रा ने बताया कि प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में एक हाई पावर कमेटी बनाई गई है, जिसके अध्यक्ष कॉलेज के डीन हैं. डीन बॉन्ड की शर्तों को पूरा ना करने वाले डॉक्टरों को एक कारण बताओ नोटिस जारी कर रहे हैं. इसके बाद ये कमेटी अपनी रिपोर्ट स्पष्ट अनुशंसा के साथ मध्यप्रदेश मेडिकल काउंसिल में जमा कराएगी. इस रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टरों के पंजीयन को निरस्त किया जाएगा.

बता दें कि साल 2002 में सरकार ने ग्रामीण सेवा बांड का नियम लागू किया था लेकिन कड़ी निगरानी नहीं होने के कारण कम डॉक्टरों ने इस बॉन्ड को पूरा किया, जिसे ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल ने साल की शुरुआत में इसके लिए कार्रवाई की है जिसकी प्रक्रिया लगातार जारी है.

भोपाल। मध्यप्रदेश में कितने डॉक्टर्स ने बॉन्ड की शर्तों को पूरा किया है और कितने डॉक्टर्स ने इन शर्तों को पूरा नहीं किया है इसके बारे में आंकड़ें जुटाने के लिए मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल की ओर से जनवरी में सॉफ्टवेयर तैयार किया गया था, जिसके तहत मार्च के आखिर में मिले आंकड़ों के मुताबिक बॉन्ड की शर्तों को पूरा न करने वाले डॉक्टर्स का पंजीयन रद्द कर दिया जाएगा.

डॉक्टरों के पंजीयन हो सकते हैं रद्द

इस बारे में जानकारी देते हुए मध्यप्रदेश मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार डॉ. सुबोध मिश्रा ने बताया कि प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में एक हाई पावर कमेटी बनाई गई है, जिसके अध्यक्ष कॉलेज के डीन हैं. डीन बॉन्ड की शर्तों को पूरा ना करने वाले डॉक्टरों को एक कारण बताओ नोटिस जारी कर रहे हैं. इसके बाद ये कमेटी अपनी रिपोर्ट स्पष्ट अनुशंसा के साथ मध्यप्रदेश मेडिकल काउंसिल में जमा कराएगी. इस रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टरों के पंजीयन को निरस्त किया जाएगा.

बता दें कि साल 2002 में सरकार ने ग्रामीण सेवा बांड का नियम लागू किया था लेकिन कड़ी निगरानी नहीं होने के कारण कम डॉक्टरों ने इस बॉन्ड को पूरा किया, जिसे ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल ने साल की शुरुआत में इसके लिए कार्रवाई की है जिसकी प्रक्रिया लगातार जारी है.

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