भोपाल। देश के दूसरे राज्यों के बाद अब मध्यप्रदेश में संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को लेकर विरोध तेज हो गया है. सूबे के बड़े शहरों में लगातार प्रदर्शन किया जा रहा है. शुक्रवार को भोपाल से लेकर जबलपुर और इंदौर से लेकर ग्वालियर में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे और नारेबाजी की.
भोपाल और जबलपुर में स्थिति को संभालने के लिए पुलिस को भीड़ को खदेड़ना पड़ा. जबलपुर के मंडी मदार टेकरी इलाके में भी लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. हालात को काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े. तो लोगों ने पुलिस बल पर पथराव कर दिया. जिसमें 6 पुलिसकर्मी घायल हो गए. घायल पुलिसकर्मियों को सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया है. पूरे इलाके में तनाव की स्थिति बनी हुई है. वहीं भोपाल में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं. राजधानी भोपाल के अलावा धार, झाबुआ छिंदवाड़ा में भी विरोध प्रदर्शन जारी है.
जबलपुर में प्रदर्शकारियों पर पुलिस ने किया बल प्रयोग
भोपाल में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में बढ़ती नारेबाजी को देख पुलिस ने सख्ती दिखाई. जुमे की नमाज के बाद बुधवारा इलाके में भीड़ जुटना शुरू हो गई थी, कुछ ही देर में यहां करीब 10 हजार लोग जमा हो गए. वहीं जबलपुर में भी सीएए और एनआरसी के विरोध के दौरान प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया.
ग्वालियर में धारा 144 लागू
नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध को देखते हुए ग्वालियर में कलेक्टर ने धारा 144 को लागू कर दी है, जो 24 दिसंबर तक जारी रहेगी. शहर में धारा 144 की अवधि को बढ़ाया भी जा सकता है और जहां बिना अनुमति के जुलूस रैली और भड़काउ भाषण पर रोक रहेगी और साथ ही हथियारों का प्रदर्शन भी प्रतिबंधित किया गया है.
भोपाल में भारी विरोध
राजधानी भोपाल में एनआरसी और सीएए के विरोध में भारी तादात में प्रदर्शनकारी मौजूद हैं. बताया जा रहा है कि ये लोग मुफ्ती रज्जाक के बुलाने पर एकत्रित हुए हैं. पहले ये प्रदर्शन इकबाल मैदान में होना था, लेकिन धारा 144 लगी होने के कारण प्रशासन से अनुमति नहीं मिली, जिसके बाद ये सभी प्रदर्शनकारी मस्जिद के पास एकत्रित हुए हैं.
मुरैना में भी धारा 144 लागू
मुरैना में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध को देखते हुए कलेक्टर प्रियंका दास ने मुरैना जिले में धारा 144 लागू कर दी है. बीते दिन जिले की शांति व्यवस्था को लेकर आज कलेक्ट्रेट सभागार में कलेक्टर प्रियंका दास, एसपी असित यादव व एएसपी आशुतोष बागरी सहित जिले के नागरिक व जनप्रतिनिधि, संगठन पदाधिकारियों के साथ शांति समिति की बैठक की थी.
क्या है CAA
नागरिकता कानून लागू होने से बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदुओं के साथ ही सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों के लिए बगैर वैध दस्तावेजों के भी भारतीय नागरिकता हासिल करने का रास्ता साफ हो जाएगा. इस कानून में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के शरणार्थियों के लिए निवास अवधि की बाध्यता को 11 साल से घटाकर 6 साल किया गया है. इन तीनों देशों से बीते एक से छह सालों में भारत आकर बसे लोगों को नागरिकता मिल सकेगी.
क्यों हो रहा विरोध
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध की वजह यह है कि इसे मुस्लिमों के खिलाफ माना जा रहा है. कुछ लोगों में डर है कि इस कानून के चलते उनकी नागरिकता खतरे में पड़ सकती है. इसलिए विरोध को हवा मिल रही है. इसके विरोध में कांग्रेस सहित दूसरे विपक्षी दल भी शामिल हैं. यही वजह है कि दिल्ली, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के बाद अब मध्यप्रदेश में भी इसका विरोध तेज हो गया है.