भोपाल। ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में शामिल होने के 6 महीने बाद ग्वालियर- चंबल संभाग के दौरे पर सीएम शिवराज सिंह चौहान के साथ पहुंचे हैं. इस दौरे को लेकर सियासत भी जमकर हो रही है. सिंधिया के दौरे के आखिरी दिन सिंधिया राजघराने के धुर विरोधी रहे भाजपा नेता जयभान सिंह पवैया ने एक ट्वीट करके सियासत को गरमा दी है. उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि, 'राजनीति में दोस्त और दुश्मन बदलते रहते हैं, लेकिन मेरे जो सैद्धांतिक मुद्दे कल थे, वह आज भी रहेंगे'. उनके इस ट्वीट के बाद कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर हो गई है, कांग्रेस का कहना है कि, सिंधिया के कारण ग्वालियर चंबल संभाग के जो नेता हाशिए पर आए हैं, उनकी पीड़ा जाहिर हो रही है.
दरअसल, सिंधिया और शिवराज के तीन दिवसीय ग्वालियर- चंबल दौरे पर भाजपा के दिग्गज नेता और सिंधिया राजघराने के धुर विरोधी जयभान सिंह पवैया साथ- साथ तो नजर आए, लेकिन आज के उनके ट्वीट के बाद साफ हो गया है कि, भले ही पार्टी के चलते उन्होंने सिंधिया के साथ मंच साझा करना ठीक समझा हो, लेकिन सिंधिया परिवार और ग्वालियर- चंबल की राजनीति को लेकर उनके सिद्धांत आज भी जस के तस हैं.
मामले में मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सिद्धार्थ सिंह राजावत का कहना है कि, जयभान सिंह पवैया ने साफ-साफ बोला है कि, 'सांप की 2 जीभ होती हैं और आदमी की एक होती है'. तो ये उनके हृदय की पीड़ा और दर्द है, कई सालों की मेहनत के बाद जो बजरंग दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, जो लक्ष्मीबाई की जयंती पर बहुत बड़ा आयोजन करते थे और मंच से चिल्लाते थे कि, सिंधिया गद्दार है. आज वो सिंधिया उनके कंधे पर हाथ रख रहे हैं.
सिद्धार्थ सिंह राजावत ने कहा कि 'यह बहुत बड़ा दर्द उनके अंदर है कि, पार्टी ने उनको साइडलाइन करके सिंधिया को कुर्सी दे दी है, ऐसे में जो भाजपा के कार्यकर्ता और नेता लक्ष्मी बाई की लड़ाई लड़ रहे थे. उनकी पीढ़ा जनता के सामने आएगी और कहीं ना कहीं सिंधिया को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा'.
सिधिंया से खफा पवैया !
इससे पहले बीजेपी नेता जयभान सिंह पवैया की नाराजगी दूर करने के लिए बीजेपी ने उन्हें प्रदेश समन्वय की जिम्मेदारी दी है, लेकिन पवैया पार्टी के प्रदेश कार्यालय में होने वाली एक भी बैठक में नहीं आए और पार्टी से दूरी बना ली. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने रविवार को जयभान पवैया को खुद फोन कर बुलाया और उनसे आधा घंटे चर्चा की, इसके बाद दोनों भाजपा के कार्यक्रम में शामिल होने चले गए. जहां ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पवैया को पहले नमस्कार किया और उनके कंधे पर प्यार से हाथ रखा.
सीएम से मुलाकात के बाद ऐसा माना जा रहा था कि, जयभान सिंह पवैया की नाराजगी दूर हो गई और वो उपचुनाव में पार्टी प्रत्याशी के प्रचार के लिए काम करेंगे. लेकिन पवैया ने ट्वीट कर फिर से हलचल बढ़ा दी है.
यह भी पढ़े- जयभान सिंह पवैया की नाराजगी नहीं हुई दूर, बिना नाम लिए सिंधिया पर फिर साधा निशाना