पन्नू की हत्या की साजिश का मामला: केंद्र की बनाई कमेटी ने आरोपी पर की कार्रवाई की सिफारिश
नई दिल्ली : खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोप में केंद्र सरकार द्वारा गठित एक उच्च स्तरीय समिति ने कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की है. हालांकि अभी तक एजेंट के नाम का खुलासा नहीं किया गया है.
गौरतलब है कि अमेरिका के द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद ही जांच का आदेश दिया गया था. जिसमें 2023 में न्यूयॉर्क में भारतीय एजेंटों द्वारा पन्नू की हत्या का प्रयास किया गया था.
रिपोर्ट में भारतीय एजेंट के नाम का खुलासा नहीं
पीटीआई के मुताबिक गृह मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि लंबी जांच के बाद समिति के द्वारा एक व्यक्ति के विरुद्ध लीगल कार्रवाई की सिफारिश की है. परंतु गृह मंत्रालय के बयान में किसी भी इस तरह के व्यक्ति का नाम नहीं बताया गया है जिसके विरुद्ध कार्रवाई प्रारंभ की गई है.
नवंबर 2023 में बनाई गई थी समिति
बता दें कि अमेरिकी अधिकारियों द्वारा कुछ संगठित आपराधिक समूहों, आतंकवादी संगठनों आदि की गतिविधियों को लेकर भारत सरकार को जानकारी दी गई थी. इसके बाद केंद्र सरकार ने नवंबर 2023 में एक उच्चस्तरीय जांच कमेटी का गठन किया था.
जांच में अमेरिका से मिली मदद
गृह मंत्रालय ने बताया कि समिति के द्वारा जांच के क्रम में अमेरिकी पक्ष द्वारा प्रदान की गई जानकारियों की भी जांच की गई. इस दौरान अमेरिकी अफसरों से पूरा सहयोग मिला, इसके बाद विभिन्न एजेंसियों के कई अफसरों से पूछताछ की गई. साथ ही इस संबंध में अहम दस्तावेजों की भी जांच की गई.
पृष्ठभूमि की जांच के बाद अनुशंसा
गृह मंत्रालय ने अपने बयान में कहा गया है, 'लंबी जांच के बाद, समिति के द्वारा सरकार को रिपोर्ट सौंप दी गई है. इसमें आपराधिक संबंध और पृष्ठभूमि की जांच के पश्चात एक आरोपी के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की अनुशंसा की गई है.
पन्नू की धमकी
हाल ही में खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने धमकी भरा ई-मेल भेजा था. इसमें पन्नू ने ई-मेल और वीडियो संदेश के माध्यम से ओडिशा में होने वाले प्रवासी भारतीय दिवस समारोह को बाधित करने को लेकर मकी दी थी। इस बार भी ई-मेल और वीडियो संदेश ओडिशा के वरिष्ठ पत्रकार अक्षय साहू को ही भेजा गया था.
इससे पहले पन्नू ने बीते साल 30 नवंबर से 2 दिसंबर तक भुवनेश्वर में आयोजित डीजीपी सम्मेलन के दौरान भी इसको बाधित करने की धमकी दी थी. उस समय भी पत्रकार अक्षय साहू को उड़िया और अंग्रेजी भाषा में दो धमकी भरे ई-मेल मिले थे.