भोपाल। प्रसिद्ध कवि राजेश जोशी ने डॉ. राहत इंदौरी के निधन पर उनको श्रद्धांजलि दी और कहा कि वह पिछले 10 सालों में विशेष कर वॉइस ऑफ प्रोटेस्ट यानी प्रतिरोध की आवाज बन गए थे. इन दिनों वही सबसे बड़ी आवाज थे. उन्होंने हर तरह के अन्याय, हर तरह के राजनीतिक गलत निर्णय या जनता के विरुद्ध लिए गए गलत फैसले या एकतरफा कार्रवाई जैसे मुद्दों पर अपनी शायरी से करारी चोट करते थे.
उन्होंने सांप्रदायिकता, मॉब लिंचिंग पर भी सवाल उठाए. इसलिए अधिकांश जनता के वह लोकप्रिय शायर हो गए. उनका जाना प्रतिरोध की बहुत बड़ी आवाज का जाना है. उनका जाना किसी भाषा या शायरी का नुकसान नहीं, बल्कि आमजन का बहुत बड़ा नुकसान है.
कवि राजेश जोशी ने कहा कि जनता के सवालों के लिए लड़ने वाले व्यक्ति थे राहत इंदौरी. डॉ. राहत इंदौरी का जाना हम सबके लिए बहुत ही दुखद है. अपनी तरफ से और जनवादी लेखक संघ की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.