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मध्यप्रदेश में गौशालाओं के लिए आगे नहीं आ रहे लोग, सालभर में दान में मिले सिर्फ ढाई लाख रुपये - गौशालाओं के दान नहीं मिल रहा

मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार चाहे कितने भी दावे करे कि गायों के संवर्धन के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. लेकिन हकीकत इससे उलट है. गौशालाओं में रह रही गायों की हालत दयनीय है. रोजाना गायें मर रही हैं. वहीं, गौशालाओं के लिए दान देने के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है लेकिन फंड जमा नहीं हो पा रहा है. यही कारण है कि प्रदेश में गौवंश की हालत खस्ता है. (People not interested for Gaushalas)

People not interested for Gaushalas
मध्यप्रदेश की गौशालाएं
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Published : Apr 5, 2022, 6:19 PM IST

भोपाल। प्रदेश में गौशालाओं में चारे-पानी की व्यवस्था करने के लिए गौ संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष महामंडलेश्वर अखिलेश्वरानंद गिरी ने लोगों से गौ दान के लिए हर दिन 10 रुपए निकालने की अपील की है. इस दिशा में अखिलेश्वरानंद गिरी ने खुद गौशालाओं के लिए 7 हजार 268 रुपए का दान किए हैं. हालांकि बोर्ड की बेवसाइट पर प्रदर्शित दानदाताओं की सूची में विभाग के मंत्री प्रेम सिंह पटेल का नाम नदारद है. गौरतलब है कि प्रदेश में 1392 गौशालाएं संचालित हैं. राज्य सरकार गाय के चारे के लिए के लिए प्रति गाय 20 रुपए देती है, जो नाकाफी साबित होता है.

अखिलेश्वरानंद ने यह की है अपील : मध्यप्रदेश गौ-पालन संवर्धन बोर्ड की कार्य परिषद के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी महाराज ने लोगों से गौ-ग्रास के लिए हर दिन 10 रुपए निकालने का संकल्प लेने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा है कि गौ-ग्रास के लिए यह प्रयोग प्रतिदिन घरों से निकलने वाली एक रोटी के दान का नवाचार है. यदि यह संकल्प लेकर हर दिन 10 रुपए गाय के चारे के लिए निकालेंगे तो साल भर में यह राशि 3 हजार 650 रुपए होगी, जिसे पास की गौशाला या फिर गौ पालन संवर्धन बोर्ड में भी जमा कराया जा सकता है, जिससे गौशालाओं में बेसहारा रह रही गायों की बेहतर देखभाल हो सकेगी.

अब तक मिले सिर्फ ढाई लाख रुपए : गौशालाओं के रखरखाव और गायों के चारे के लिए गौ संवर्धन बोर्ड द्वारा अलग-अलग मदों में दान लिया जाता है, लेकिन बीते साल गायों के लिए प्रदेश भर से सिर्फ ढाई लाख रुपए का ही दान प्राप्त हुआ है, जबकि दान की गई यह राशि में आयकर की भी छूट मिलती है. इस साल तीन माह में प्रदेशभर से गाय के चारे के लिए 41 हजार रुपए का दान मिला है. दान देने वालों में महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद का भी नाम हैं, जिन्होंने 7 हजार 268 रुपए और 111 रुपए का दान दिया है. हालांकि दानदाताओं की सूची में से पशुपालन विभाग के मंत्री प्रेम सिंह पटेल का नाम नदारद है.

क्या आपने देखी है इतनी छोटी गाय, खासियत जानकर रह जाएंगे हैरान!

प्रदेश में गौशालाओं की हालत खराब : गौरतलब है कि पूर्व की कमलनाथ सरकार ने निराश्रित गौवंश के लिए हर साल एक हजार गौशालाएं खोलने का ऐलान किया था. प्रदेश की सत्ता में आने के बाद शिवराज सरकार ने भी ऐसा ही ऐलान किया था, लेकिन दावों से अलग जमीन पर ऐसा कोई सिस्टम तैयार नहीं हो सका, जिससे गौशालाएं आत्मनिर्भर होकर चल सकें. हालात यह हैं कि प्रदेश में सरकार द्वारा संचालित 1587 गौशालाओं में 2 लाख 55 हजार से ज्यादा गाए हैं. सरकार प्रति गाए 20 रुपए खर्च करती है. पिछले साल गौशालाओं पर 81 करोड़ रुपए खर्च किए गए, जबकि बताया जा रहा है कि हर साल गायों के लिए 180 करोड़ रुपए की जरूरत है. जाहिर है, पर्याप्त राशि न मिलने के अभाव में गौशालाओं की हालत कैसी होगी. (People not interested for Gaushalas)

भोपाल। प्रदेश में गौशालाओं में चारे-पानी की व्यवस्था करने के लिए गौ संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष महामंडलेश्वर अखिलेश्वरानंद गिरी ने लोगों से गौ दान के लिए हर दिन 10 रुपए निकालने की अपील की है. इस दिशा में अखिलेश्वरानंद गिरी ने खुद गौशालाओं के लिए 7 हजार 268 रुपए का दान किए हैं. हालांकि बोर्ड की बेवसाइट पर प्रदर्शित दानदाताओं की सूची में विभाग के मंत्री प्रेम सिंह पटेल का नाम नदारद है. गौरतलब है कि प्रदेश में 1392 गौशालाएं संचालित हैं. राज्य सरकार गाय के चारे के लिए के लिए प्रति गाय 20 रुपए देती है, जो नाकाफी साबित होता है.

अखिलेश्वरानंद ने यह की है अपील : मध्यप्रदेश गौ-पालन संवर्धन बोर्ड की कार्य परिषद के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी महाराज ने लोगों से गौ-ग्रास के लिए हर दिन 10 रुपए निकालने का संकल्प लेने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा है कि गौ-ग्रास के लिए यह प्रयोग प्रतिदिन घरों से निकलने वाली एक रोटी के दान का नवाचार है. यदि यह संकल्प लेकर हर दिन 10 रुपए गाय के चारे के लिए निकालेंगे तो साल भर में यह राशि 3 हजार 650 रुपए होगी, जिसे पास की गौशाला या फिर गौ पालन संवर्धन बोर्ड में भी जमा कराया जा सकता है, जिससे गौशालाओं में बेसहारा रह रही गायों की बेहतर देखभाल हो सकेगी.

अब तक मिले सिर्फ ढाई लाख रुपए : गौशालाओं के रखरखाव और गायों के चारे के लिए गौ संवर्धन बोर्ड द्वारा अलग-अलग मदों में दान लिया जाता है, लेकिन बीते साल गायों के लिए प्रदेश भर से सिर्फ ढाई लाख रुपए का ही दान प्राप्त हुआ है, जबकि दान की गई यह राशि में आयकर की भी छूट मिलती है. इस साल तीन माह में प्रदेशभर से गाय के चारे के लिए 41 हजार रुपए का दान मिला है. दान देने वालों में महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद का भी नाम हैं, जिन्होंने 7 हजार 268 रुपए और 111 रुपए का दान दिया है. हालांकि दानदाताओं की सूची में से पशुपालन विभाग के मंत्री प्रेम सिंह पटेल का नाम नदारद है.

क्या आपने देखी है इतनी छोटी गाय, खासियत जानकर रह जाएंगे हैरान!

प्रदेश में गौशालाओं की हालत खराब : गौरतलब है कि पूर्व की कमलनाथ सरकार ने निराश्रित गौवंश के लिए हर साल एक हजार गौशालाएं खोलने का ऐलान किया था. प्रदेश की सत्ता में आने के बाद शिवराज सरकार ने भी ऐसा ही ऐलान किया था, लेकिन दावों से अलग जमीन पर ऐसा कोई सिस्टम तैयार नहीं हो सका, जिससे गौशालाएं आत्मनिर्भर होकर चल सकें. हालात यह हैं कि प्रदेश में सरकार द्वारा संचालित 1587 गौशालाओं में 2 लाख 55 हजार से ज्यादा गाए हैं. सरकार प्रति गाए 20 रुपए खर्च करती है. पिछले साल गौशालाओं पर 81 करोड़ रुपए खर्च किए गए, जबकि बताया जा रहा है कि हर साल गायों के लिए 180 करोड़ रुपए की जरूरत है. जाहिर है, पर्याप्त राशि न मिलने के अभाव में गौशालाओं की हालत कैसी होगी. (People not interested for Gaushalas)

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