चेन्नई: मद्रास हाईकोर्ट ने ईशा योग केंद्र के आगामी महाशिवरात्रि कार्यक्रम को अनुमति देने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने कार्यक्रम के विरोध में दायर याचिका को खारिज कर दिया है. तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले के शिवगनम नामक व्यक्ति ने मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मांग की थी कि 26 और 27 फरवरी को ईशा योग केंद्र द्वारा आयोजित किए जाने वाले महाशिवरात्रि कार्यक्रम को अनुमति न दी जाए.
शिवगनम ने अपनी याचिका में कहा था, "वेल्लियांगिरी पर्वत की तलहटी में स्थित ईशा योग केंद्र हर साल महाशिवरात्रि कार्यक्रम का आयोजन करता है. महाशिवरात्रि के दौरान लाखों लोग एक साथ वहां इकट्ठा होते हैं. इससे वेल्लियांगिरी का वन पर्यावरण प्रभावित होता है."
उन्होंने कहा, साल 2024 में ईशा योग केंद्र के महाशिवरात्रि कार्यक्रम में एक साथ 7 लाख लोग इकट्ठा हुए थे. इसके कारण बड़ी मात्रा में अपशिष्ट जल वन क्षेत्रों में बहा दिया गया. इससे न केवल वन क्षेत्र का पर्यावरण खराब हुआ बल्कि आसपास की कृषि भूमि भी प्रभावित हुई. इसलिए ईशा योग केंद्र को 26 और 27 फरवरी को महाशिवरात्रि कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.
शिवगनम की याचिका पर पिछली बार जस्टिस एसएम सुब्रमण्यम और जस्टिस एन. राजशेखर की पीठ में सुनवाई हुई थी. उस समय याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील ने कहा था, "ऐसे कार्यक्रम को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए जो बिना किसी नियम का पालन किए आयोजित किया जाता है."
वहीं, ईशा योग केंद्र की ओर से पेश हुए वकील ने दलील दी, "तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक रिपोर्ट पेश की है, जिसमें कहा गया है कि नियमों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है. यह याचिका व्यक्तिगत कारणों से दायर की गई है, क्योंकि ईशा योग केंद्र ने याचिकाकर्ता की जमीन 100 करोड़ रुपये में नहीं खरीदी है. इसलिए, मामले को खारिज किया जाना चाहिए."
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीशों ने आदेश दिया था, "क्या ईशा योग केंद्र द्वारा आयोजित महाशिवरात्रि कार्यक्रम में कोई उल्लंघन हुआ है? प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को एक रिपोर्ट पेश करनी चाहिए."
महाशिवरात्रि कार्यक्रम में कोई उल्लंघन नहीं हुआ
सोमवार को मामले में सुनवाई हुई और तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से एक रिपोर्ट दायर की गई. जिसमें कहा गया कि "ईशा योग केंद्र में कोई उल्लंघन नहीं हुआ है."
रिपोर्ट मिलने के बाद न्यायाधीशों ने याचिकाकर्ता से पूछा, "किसी विशिष्ट क्षेत्र में कार्यक्रम आयोजित करने से जनता पर क्या प्रभाव पड़ेगा? क्या ईशा योग केंद्र सड़क किनारे या आवासीय क्षेत्रों में लाउडस्पीकर का उपयोग इस तरह से करता है जिससे जनता प्रभावित हो?"
यह भी पढ़ें- महाशिवरात्रि उत्सव 2025: सद्गुरु ने शुभकामनाओं के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया