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पैदल यात्री हो रहे सड़क हादसों का शिकार, बीते साल एक हजार से अधिक लोगों ने गंवाई जान - सड़क हादसों का आंकड़ा

हर साल हजारों पैदल यात्री सड़क हादसों में जान गंवा देते हैं. बीते साल कुल मौतों में से 14 फीसदी से ज्यादा मौतें सिर्फ पैदल चलने वाले यात्रियों की हुई है. देखें रिपोर्ट

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पैदल यात्री हो रहे सड़क हादसों का शिकार
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Published : Dec 7, 2020, 2:17 AM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में तेजी से सड़क हादसों का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है. पुलिस और प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद भी हादसों में मौतों का आंकड़ा आसमान छू रहा है. यहां वाहनों की भिड़ंत ही नहीं बल्कि सड़कों पर पैदल चलने वाले यात्री भी बड़ी संख्या में हादसों का शिकार हो रहे हैं.

पैदल यात्री हो रहे सड़क हादसों का शिकार

बीते साल पैदल चलने वाले एक हजार से अधिक की मौत

मध्य प्रदेश में पिछले साल सड़क का फुटपाथ या चौक चौराहों पर हुई सड़क दुर्घटनाओं में कुल एक हजार 569 लोगों ने अपनी जान गवाई हैं. यह वह लोग हैं, जो वाहनों में सवार होकर नहीं बल्कि सड़क फुटपाथ और चौक चौराहों को पैदल पार करते हैं. सड़क पार करते समय कई बार हादसे हो जाते हैं. इन हादसों में कुछ लोग काल के गाल में समा जाते हैं तो कुछ गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं. मध्य प्रदेश में बीते साल कुल 50 हजार से ज्यादा सड़क हादसे हुए हैं. इनमें 11 हजार 249 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है. वहीं इनमें 14 फीसदी से ज्यादा लोग ऐसे हैं, जो सड़क पार करते हुए हादसों का शिकार हुए और उनकी जान चली गई.

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जानें आंकड़ें

सड़क पर पैदल चलने वालों का पहला अधिकार

मध्य प्रदेश पुलिस शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान प्रदेश में होने वाले हादसों के लिए लीड संस्थान हैं. पीटीआरआई के एडीजी डीसी सागर ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि सड़क पर पैदल चलने वालों का पहला अधिकार होता है. अगर कहीं ट्रैफिक सिग्नल खराब है या फिर कोई सड़क पार कर रहा है, तो वाहन चालक का कर्तव्य बनता है कि वह अपना वाहन रोक लें. पहले पैदल चलने वाले को प्राथमिकता दें, उसके बाद अपना वाहन आगे बढ़ाएं. लेकिन कई मामलों में ऐसा होता नहीं है. जल्दबाजी के चलते वाहन चालक लापरवाही करते हैं तो हादसे होते हैं. इन हादसों में ही पैदल यात्रियों की जान जाती है. वह इस तरह के सबसे ज्यादा हादसे हाईवे पर होते हैं, जहां लोग लापरवाही से सड़क पार करते हैं और तेज रफ्तार वाहन की चपेट में आ जाते हैं.

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पैदल चलने वाले यात्रियों के लिए नहीं है सुविधाएं

आमतौर पर पैदल चलने वाले यात्रियों के लिए अलग से कुछ सुविधाएं मुहैया कराई जाती है. ट्रैफिक सिग्नल पर तीन लाइट के अलावा भी पैदल यात्रियों के लिए एक लाइट होता है. लेकिन भोपाल या प्रदेश में कहीं भी इस तरह की कोई सुविधाएं नहीं है. पैदल चलने वाले यात्रियों के लिए केवल फुटपाथ या फिर सिग्नल पर जेबरा क्रॉसिंग बनाई जाती है. ट्रैफिक रुकने पर जेबरा क्रॉसिंग से ही लोग सड़क पार करते हैं. लेकिन पैदल चलने वाले यात्री भी कई बार लापरवाही करते हैं. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक इसके लिए वाहन चालकों और पैदल चलने वाले यात्रियों को जागरूक करने की आवश्यकता है.

भोपाल। मध्यप्रदेश में तेजी से सड़क हादसों का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है. पुलिस और प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद भी हादसों में मौतों का आंकड़ा आसमान छू रहा है. यहां वाहनों की भिड़ंत ही नहीं बल्कि सड़कों पर पैदल चलने वाले यात्री भी बड़ी संख्या में हादसों का शिकार हो रहे हैं.

पैदल यात्री हो रहे सड़क हादसों का शिकार

बीते साल पैदल चलने वाले एक हजार से अधिक की मौत

मध्य प्रदेश में पिछले साल सड़क का फुटपाथ या चौक चौराहों पर हुई सड़क दुर्घटनाओं में कुल एक हजार 569 लोगों ने अपनी जान गवाई हैं. यह वह लोग हैं, जो वाहनों में सवार होकर नहीं बल्कि सड़क फुटपाथ और चौक चौराहों को पैदल पार करते हैं. सड़क पार करते समय कई बार हादसे हो जाते हैं. इन हादसों में कुछ लोग काल के गाल में समा जाते हैं तो कुछ गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं. मध्य प्रदेश में बीते साल कुल 50 हजार से ज्यादा सड़क हादसे हुए हैं. इनमें 11 हजार 249 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है. वहीं इनमें 14 फीसदी से ज्यादा लोग ऐसे हैं, जो सड़क पार करते हुए हादसों का शिकार हुए और उनकी जान चली गई.

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सड़क पर पैदल चलने वालों का पहला अधिकार

मध्य प्रदेश पुलिस शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान प्रदेश में होने वाले हादसों के लिए लीड संस्थान हैं. पीटीआरआई के एडीजी डीसी सागर ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि सड़क पर पैदल चलने वालों का पहला अधिकार होता है. अगर कहीं ट्रैफिक सिग्नल खराब है या फिर कोई सड़क पार कर रहा है, तो वाहन चालक का कर्तव्य बनता है कि वह अपना वाहन रोक लें. पहले पैदल चलने वाले को प्राथमिकता दें, उसके बाद अपना वाहन आगे बढ़ाएं. लेकिन कई मामलों में ऐसा होता नहीं है. जल्दबाजी के चलते वाहन चालक लापरवाही करते हैं तो हादसे होते हैं. इन हादसों में ही पैदल यात्रियों की जान जाती है. वह इस तरह के सबसे ज्यादा हादसे हाईवे पर होते हैं, जहां लोग लापरवाही से सड़क पार करते हैं और तेज रफ्तार वाहन की चपेट में आ जाते हैं.

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पैदल चलने वाले यात्रियों के लिए नहीं है सुविधाएं

आमतौर पर पैदल चलने वाले यात्रियों के लिए अलग से कुछ सुविधाएं मुहैया कराई जाती है. ट्रैफिक सिग्नल पर तीन लाइट के अलावा भी पैदल यात्रियों के लिए एक लाइट होता है. लेकिन भोपाल या प्रदेश में कहीं भी इस तरह की कोई सुविधाएं नहीं है. पैदल चलने वाले यात्रियों के लिए केवल फुटपाथ या फिर सिग्नल पर जेबरा क्रॉसिंग बनाई जाती है. ट्रैफिक रुकने पर जेबरा क्रॉसिंग से ही लोग सड़क पार करते हैं. लेकिन पैदल चलने वाले यात्री भी कई बार लापरवाही करते हैं. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक इसके लिए वाहन चालकों और पैदल चलने वाले यात्रियों को जागरूक करने की आवश्यकता है.

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