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सावित्रीबाई फुले की जयंती पर स्त्री शिक्षा पर व्याख्यान का आयोजन

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Published : Jan 4, 2020, 4:10 PM IST

Updated : Jan 4, 2020, 7:39 PM IST

राजधानी भोपाल में सावित्रीबाई फुले की जयंती पर स्त्री शिक्षा विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में कलाकार और साहित्यकार मौजूद रहे.

Organizing lecture on women's education
स्त्री शिक्षा पर व्याख्यान का आयोजन

भोपाल। देश की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की 189वीं जयंती पर स्त्री शिक्षा विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया. स्वराज संस्थान संचालनालय ने इस अवसर पर वरिष्ठ शिक्षाविद रमेश दवे, लेखक घनश्याम सक्सेना को आमंत्रित किया. इस दौरान उन्होंने अपने विचार प्रस्तुत किए. इस अवसर पर बड़ी संख्या में कलाकार और साहित्यकार उपस्थित रहे.

स्त्री शिक्षा पर व्याख्यान का आयोजन

इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि स्त्री को शिक्षित करने से देश को विकासशील से विकसित देश बनाया जा सकता है. किसी भी देश की शिक्षा की दशा को देखते हुए ही उन्नति-प्रगति देखी जा सकती है. सावित्रीबाई ने ना केवल महिलाओं को शिक्षित किया बल्कि महिलाओं को आत्मसम्मान के लिए लड़ना भी सिखाया. वह स्त्री शिक्षा, बाल विवाह, महिला अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों में से थी.

लेखक घनश्याम सक्सेना ने कहा कि आज सावित्रीबाई जैसे ही महिला की जरूरत है, जो समाज के प्रति जवाबदार हो.

भोपाल। देश की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की 189वीं जयंती पर स्त्री शिक्षा विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया. स्वराज संस्थान संचालनालय ने इस अवसर पर वरिष्ठ शिक्षाविद रमेश दवे, लेखक घनश्याम सक्सेना को आमंत्रित किया. इस दौरान उन्होंने अपने विचार प्रस्तुत किए. इस अवसर पर बड़ी संख्या में कलाकार और साहित्यकार उपस्थित रहे.

स्त्री शिक्षा पर व्याख्यान का आयोजन

इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि स्त्री को शिक्षित करने से देश को विकासशील से विकसित देश बनाया जा सकता है. किसी भी देश की शिक्षा की दशा को देखते हुए ही उन्नति-प्रगति देखी जा सकती है. सावित्रीबाई ने ना केवल महिलाओं को शिक्षित किया बल्कि महिलाओं को आत्मसम्मान के लिए लड़ना भी सिखाया. वह स्त्री शिक्षा, बाल विवाह, महिला अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों में से थी.

लेखक घनश्याम सक्सेना ने कहा कि आज सावित्रीबाई जैसे ही महिला की जरूरत है, जो समाज के प्रति जवाबदार हो.

Intro:सावित्रीबाई फुले की जयंती के अवसर पर आधुनिक भारत में स्त्री शिक्षा विषय पर व्याख्यान का आयोजन स्वराज संस्थान संचालनालय भोपाल की ओर से किया गया इस अवसर पर वरिष्ठ शिक्षाविद रमेश दवे लेखक घनश्याम सक्सेना ने अपने अपने विचार व्यक्त किए


Body:इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि स्त्री को शिक्षित करने से देश को विकासशील से विकसित देश बनाया जा सकता है किसी भी देश की शिक्षा की दशा देख देख कर उस देश की उन्नति प्रगति देखी जा सकती है सावित्रीबाई ने ना केवल महिलाओं को शिक्षित किया बल्कि महिलाओं के आत्मसम्मान के लिए लड़ना भी सिखाया सावित्रीबाई स्त्री शिक्षा बाल विवाह महिला अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने में सक्षम बनी लेखक घनश्याम सक्सेना ने कहा कि आज हमें ऐसी स्त्री की आवश्यकता है जो समाज के प्रति जवाबदार तो हो लेकिन वह समाज को इस बात के लिए भी प्रेरित कर सके समाज उसके प्रति जवाबदार हो


Conclusion:इस अवसर पर बड़ी संख्या के अंदर बुद्धिजीवी कलाकार और साहित्यकार उपस्थित थे
Last Updated : Jan 4, 2020, 7:39 PM IST
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