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व्यापमं घोटाले में 10 नई FIR दर्ज, अधिकारियों और अभ्यर्थियों से भी हो सकती है पूछताछ

व्यापमं घोटाले में दोबारा शुरु हुई जांच में एसटीएफ की टीम ने 10 नई एफआइआर दर्ज की है. सभी मामले में पीएमटी और पुलिस भर्ती परीक्षाओं से जुड़े हुए हैं.

Notice issued to Vyapam scam officials and candidates for inquiry
व्यापम घोटाले में 10 नई FIR दर्ज
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Published : Jan 9, 2020, 12:09 PM IST

भोपाल। व्यापमं घोटाले में दोबारा शुरू हुई जांच में एसटीएफ की टीम ने अब तक 10 एफआइआर दर्ज की है. यह मामले पीएमटी और पुलिस भर्ती परीक्षाओं से जुड़े हुए हैं. एसटीएफ की जांच में खुलासा हुआ है कि, अभ्यर्थियों ने जाली मूल निवासी प्रमाण पत्र के जरिए शासकीय मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन लिया है, जिसमें संबंधित अधिकारी और परीक्षा आयोजित करने वालों की गड़बड़ियां सामने आई हैं.

व्यापम घोटाले में 10 नई FIR दर्ज
एसटीएफ अधिकारियों ने बताया कि पीएमटी परीक्षा फॉर्म भरने से लेकर परीक्षा और कॉलेज में एडमिशन लेने तक की प्रक्रिया में कई स्तर पर दस्तावेजों का सत्यापन किया जाता है. इसके बावजूद इन अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की गड़बड़ियां पकड़ी नहीं गईं, जो असंभव नहीं है. इस जालसाजी में कहीं ना कहीं अधिकारियों दलालों और अन्य लोगों की मिलीभगत जरूर होगी. बारीकी से जांच कर अभ्यर्थियों की मदद करने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.

गड़बड़ियां सामने आने के बाद, एसटीएफ ने पूछताछ के लिए सभी अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं. जिन्होंने फर्जी मूल निवासी प्रमाण पत्र के जरिए परीक्षा के दौरान अभ्यार्थियों की मदद की, जिससे वो पास होने के साथ ही शासकीय मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन तक ले लिया. इन मामले में अधिकारियों और अभ्यार्थियों से एसटीएफ जल्द ही पूछताछ कर सकती है.

भोपाल। व्यापमं घोटाले में दोबारा शुरू हुई जांच में एसटीएफ की टीम ने अब तक 10 एफआइआर दर्ज की है. यह मामले पीएमटी और पुलिस भर्ती परीक्षाओं से जुड़े हुए हैं. एसटीएफ की जांच में खुलासा हुआ है कि, अभ्यर्थियों ने जाली मूल निवासी प्रमाण पत्र के जरिए शासकीय मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन लिया है, जिसमें संबंधित अधिकारी और परीक्षा आयोजित करने वालों की गड़बड़ियां सामने आई हैं.

व्यापम घोटाले में 10 नई FIR दर्ज
एसटीएफ अधिकारियों ने बताया कि पीएमटी परीक्षा फॉर्म भरने से लेकर परीक्षा और कॉलेज में एडमिशन लेने तक की प्रक्रिया में कई स्तर पर दस्तावेजों का सत्यापन किया जाता है. इसके बावजूद इन अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की गड़बड़ियां पकड़ी नहीं गईं, जो असंभव नहीं है. इस जालसाजी में कहीं ना कहीं अधिकारियों दलालों और अन्य लोगों की मिलीभगत जरूर होगी. बारीकी से जांच कर अभ्यर्थियों की मदद करने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.

गड़बड़ियां सामने आने के बाद, एसटीएफ ने पूछताछ के लिए सभी अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं. जिन्होंने फर्जी मूल निवासी प्रमाण पत्र के जरिए परीक्षा के दौरान अभ्यार्थियों की मदद की, जिससे वो पास होने के साथ ही शासकीय मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन तक ले लिया. इन मामले में अधिकारियों और अभ्यार्थियों से एसटीएफ जल्द ही पूछताछ कर सकती है.

Intro:भोपाल- व्यापम घोटाले में दोबारा शुरू हुई जांच में एसटीएफ की टीम ने अब तक 10 एफआइआर दर्ज की है। यह मामले पीएमटी और पुलिस भर्ती परीक्षाओं से जुड़े हुए हैं। एसटीएफ की जांच में खुलासा हुआ है कि, अभ्यर्थियों ने जाली मूल निवासी प्रमाण पत्र के जरिए शासकीय मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन लिया है। जिसमें प्रथम दृष्टया व्यापम, संबंधित अधिकारी और परीक्षा आयोजित करने वालों की गड़बड़ियां सामने आई है। लिहाजा एसटीएफ ने पूछताछ के लिए सभी अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं।





Body:मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापम महा घोटाले में एसटीएफ की टीम लंबी शिकायतों की जांच कर रही है। इस जांच के दौरान एसटीएफ ने कई गड़बड़ियों का खुलासा किया है। दोबारा शुरू हुई जांच के बाद अब तक एसटीएफ की टीम 10 एफ आई आर दर्ज कर चुकी है। जिसमें अभ्यर्थियों ने दलाल या अधिकारियों की मदद से फर्जी मूल निवासी प्रमाण पत्र परीक्षा के दौरान लगाया और शासकीय मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन तक ले लिया। इन अभ्यर्थियों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करने के बाद अब एसटीएफ की टीम ने व्यापम के तत्कालीन अधिकारी, परीक्षा आयोजित करने वाले अधिकारियों समेत जिम्मेदारों को नोटिस जारी किया है। इन सभी अधिकारियों से एसटीएफ जल्द ही पूछताछ कर सकती है।


Conclusion:
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक पीएमटी परीक्षा फॉर्म भरने से लेकर परीक्षा और कॉलेज में एडमिशन लेने तक की प्रक्रिया में कई स्तर पर दस्तावेजों का सत्यापन किया जाता है। इसके बावजूद इन अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की गड़बड़ियां पकड़ी नहीं गई जो असंभव नहीं है। इस जालसाजी में कहीं ना कहीं अधिकारियों दलालों और अन्य लोगों की मिलीभगत जरूर होगी। बिहार का बारीकी से जांच कर अभ्यर्थियों की मदद करने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं तहसील कार्यालयों से संबंधित अधिकारी पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि यह प्रमाण पत्र उनके यहां से जारी नहीं हुए हैं।

बाइट- अशोक अवस्थी, एडीजी, एसटीएफ, मध्य्प्रदेश।
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