देवबंद। एशिया के सबसे बड़े इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम के मौलाना ने मरकज पर लगाए जा रहे आरोपों को खारिज किया है. बता दें कि दिल्ली के निजामुद्दीन में मरकज के अंदर हजारों लोगों को इकट्ठा करने का दंश झेल रहे मौलानाओं का पक्ष लेते हुए दारुल उलूम के बड़े उस्ताद मौलाना असद मदनी ने कहा कि मरकज के लोगों को बेवजह बदनाम किया जा रहा है. जबकि मरकज के लोगों ने प्रशासन से मांग की थी कि मरकज के अंदर मौजूद देश और विदेश के लोगों को उनके घर भेजने का काम किया जाए.
प्रशासन और दिल्ली सरकार ने उनकी बातों को नजरअंदाज कर दिया और ये प्रचार जो किया जा रहा है कि मरकज के कारण हिंदुस्तान में कोरोना वायरस की भरमार हो जाएगी कहना सरासर गलत है.
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी का कहना है कि जो भी लोग शादी-समारोह जलसों में शामिल हो रहे हैं उनके भी खिलाफ लॉकडाउन के उल्लंघन के मामले दर्ज होने चाहिए. लेकिन इसे इस देश की बेबसी ही कहा जाएगा कि मरकज के लोगों के खिलाफ वारंट जारी कर दिए गए हैं और उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है जो ठीक नहीं है.
उन्होंने कहा कि इस समय देश के हालात नासाज हैं. लिहाजा सभी लोगों को भीड़-भाड़ वाले इलाकों से बचना चाहिए और अपने घरों में सुरक्षित रहना चाहिए.मौलाना अरशद मदनी का ये बयान उस समय आया है, जब देश के अंदर दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज को लेकर तरह-तरह के आरोप-प्रत्यारोप लगने शुरू हो गए हैं.