भोपाल। एक बार फिर पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ सरकार की किसान कर्ज माफी पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने बार-बार कर्ज माफी का प्रारूप बदलने का आरोप लगाते हुए कहा कि 10 दिन में कर्ज माफी नहीं होने पर मुख्यमंत्री बदलने वाले थे, लेकिन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ही बदल गए. कांग्रेस की सरकार यू-टर्न वाली सरकार है और किसी किसान का कर्ज माफ नहीं हुआ है.
नरोत्तम मिश्रा के तंज पर कांग्रेस का पलटवार, कहा- बार-बार नहलाने से कौआ हंस नहीं बन जाता
प्रदेश के पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कर्ज माफी का प्रारूप बदलने पर तंज कसते हुए कहा कि 10 दिन में कर्ज माफी नहीं होने पर मुख्यमंत्री बदलने वाले राष्ट्रीय अध्यक्ष ही बदल गए, जिस पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने कहा कि कौए को कितनी बार भी नहलाओ फिर भी सफेद नहीं होगा.
पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ सरकार की किसान कर्ज माफी पर सवाल उठाए हैं
भोपाल। एक बार फिर पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ सरकार की किसान कर्ज माफी पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने बार-बार कर्ज माफी का प्रारूप बदलने का आरोप लगाते हुए कहा कि 10 दिन में कर्ज माफी नहीं होने पर मुख्यमंत्री बदलने वाले थे, लेकिन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ही बदल गए. कांग्रेस की सरकार यू-टर्न वाली सरकार है और किसी किसान का कर्ज माफ नहीं हुआ है.
Intro:भोपाल। एक बार फिर पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ सरकार की किसान कर्ज माफी पर सवाल उठाए हैं।आज उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कमलनाथ सरकार पर बार-बार कर्ज माफी का प्रारूप बदलने का आरोप लगाते हुए कहा कि 10 दिन में कर्ज माफी ना होने पर मुख्यमंत्री बदलने वाले थे, लेकिन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ही बदल गए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार यू-टर्न वाली सरकार है और किसी किसान का कर्ज माफ नहीं हुआ है। इस बारे में मप्र कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा है कि कांग्रेस 22 लाख किसानों का कर्ज माफ कर चुकी है और नरोत्तम मिश्रा से लेकर मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह को दस्तावेज तक सौंप चुकी है। उसके बाद इस तरह के आरोपों से लगता है कि नरोत्तम मिश्रा विक्षिप्तता की स्थिति में पहुंच गए हैं।
Body:दरअसल नरोत्तम मिश्रा ने आज मीडिया से बात करते हुए कहा था कि किसान कर्ज माफी अभी तक पूरी नहीं हो पाई है और कमलनाथ सरकार बार-बार कर्ज माफी का प्रारूप बदलकर किसानों को परेशान कर रही है।उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा था कि राहुल गांधी ने कहा था कि अगर 10 दिन के अंदर कर्ज माफी नहीं होगी,तो मुख्यमंत्री बदल दिए जाएंगे। लेकिन मुख्यमंत्री तो नहीं बदल गए गए,बल्कि राष्ट्रीय अध्यक्ष ही बदल गए। नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि कमलनाथ सरकार यू टर्न वाली सरकार है और प्रदेश में किसी भी किसान का कर्जा माफ नहीं हुआ है।
Conclusion:इस मामले में मप्र कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि नरोत्तम मिश्रा एक तरह से विक्षिप्तता की स्थिति में पहुंच गए हैं। 22 लाख किसानों का कर्जा माफ हो चुका है, उनसे जाकर नरोत्तम मिश्रा को मिलना चाहिए। नरोत्तम मिश्रा और उनके पुराने मुख्यमंत्री को दस्तावेज भी सौपे गए हैं और उनके घर पर भी रखवाए गए हैं। यह उन दस्तावेजों की जांच पड़ताल क्यों नहीं करते हैं,किसानों को सामने लेकर क्यों नहीं आते हैं। केवल बयानबाजी और निरंतर झूठ बोलने से जनता उन पर विश्वास करेगी, यह संभव नहीं है।मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आधे घंटे के अंदर किसानों के कर्ज माफी के प्रस्ताव पर दस्तखत किए थे।उनपर प्रदेश की जनता विश्वास करती है, प्रदेश का किसान विश्वास करता है।उन्होंने किसानों के हित में एक निर्णय नहीं बल्कि कई निर्णय लिए हैं। क्या बिजली का बिल आधा नहीं हुआ है,बताएं यह किसानों को बिजली के मामले में क्यों लूट रहे थे। क्या किसानों के हित में फैसले नहीं हुए हैं, किसानों को लगने वाले टैक्स के बारे में भी कई फैसले लिए गए हैं। भाजपा के लोग और नरोत्तम मिश्रा जैसे लोग सोचते हैं कि हम एक बार 10 बार और 100 बार झूठ बोलेंगे, तो वह सच हो जाएगा। लेकिन कौवे को कितनी बार भी नहलाया जाए,वह सफेद होने वाला नहीं है।
Body:दरअसल नरोत्तम मिश्रा ने आज मीडिया से बात करते हुए कहा था कि किसान कर्ज माफी अभी तक पूरी नहीं हो पाई है और कमलनाथ सरकार बार-बार कर्ज माफी का प्रारूप बदलकर किसानों को परेशान कर रही है।उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा था कि राहुल गांधी ने कहा था कि अगर 10 दिन के अंदर कर्ज माफी नहीं होगी,तो मुख्यमंत्री बदल दिए जाएंगे। लेकिन मुख्यमंत्री तो नहीं बदल गए गए,बल्कि राष्ट्रीय अध्यक्ष ही बदल गए। नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि कमलनाथ सरकार यू टर्न वाली सरकार है और प्रदेश में किसी भी किसान का कर्जा माफ नहीं हुआ है।
Conclusion:इस मामले में मप्र कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि नरोत्तम मिश्रा एक तरह से विक्षिप्तता की स्थिति में पहुंच गए हैं। 22 लाख किसानों का कर्जा माफ हो चुका है, उनसे जाकर नरोत्तम मिश्रा को मिलना चाहिए। नरोत्तम मिश्रा और उनके पुराने मुख्यमंत्री को दस्तावेज भी सौपे गए हैं और उनके घर पर भी रखवाए गए हैं। यह उन दस्तावेजों की जांच पड़ताल क्यों नहीं करते हैं,किसानों को सामने लेकर क्यों नहीं आते हैं। केवल बयानबाजी और निरंतर झूठ बोलने से जनता उन पर विश्वास करेगी, यह संभव नहीं है।मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आधे घंटे के अंदर किसानों के कर्ज माफी के प्रस्ताव पर दस्तखत किए थे।उनपर प्रदेश की जनता विश्वास करती है, प्रदेश का किसान विश्वास करता है।उन्होंने किसानों के हित में एक निर्णय नहीं बल्कि कई निर्णय लिए हैं। क्या बिजली का बिल आधा नहीं हुआ है,बताएं यह किसानों को बिजली के मामले में क्यों लूट रहे थे। क्या किसानों के हित में फैसले नहीं हुए हैं, किसानों को लगने वाले टैक्स के बारे में भी कई फैसले लिए गए हैं। भाजपा के लोग और नरोत्तम मिश्रा जैसे लोग सोचते हैं कि हम एक बार 10 बार और 100 बार झूठ बोलेंगे, तो वह सच हो जाएगा। लेकिन कौवे को कितनी बार भी नहलाया जाए,वह सफेद होने वाला नहीं है।