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नर्मदा के डूब प्रभावितों ने निकाला मशाल जुलूस, सरकार को दी उग्र आंदोलन की चेतावनी - bhopal news

नर्मदा भवन पर देर रात डूब प्रभावितों ने मशाल जूलुस निकालकर सरकार के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी है. आंदोलनकारियों का साफ कहना है कि जब तक उनकी सभी मांगों पर सहमति नहीं बनती है, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा.

नर्मदा के डूब प्रभावितों ने निकाला मशाल जुलूस
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Published : Nov 21, 2019, 1:10 PM IST

भोपाल। नर्मदा भवन पर देर रात डूब प्रभावित आंदोलनकारियों ने मशाल जूलुस निकालकर सरकार के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी है. आंदोलनकारियों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो ये आंदोलन और ज्यादा उग्र होगा, जिसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी. बता दें कि नर्मदा बचाओ आंदोलन के नेतृत्व में डूब प्रभावित अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं, लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकलने की वजह से देर रात डूब प्रभावितों ने मशाल जुलूस निकाला.

नर्मदा के डूब प्रभावितों ने निकाला मशाल जुलूस

मशाल जुलूस रैली में लोगों ने जनगीत गाकर एक-दूसरे की हौसला अफजाई की. आंदोलनकारियों के नेतृत्व में तकरीबन एक हजार लोगों ने अचानक नगर चौराहे तक रैली निकाली, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी के चलते आंदोलनकारियों को ज्यादा आगे बढ़ने नहीं दिया गया और बीच रास्ते में ही उन्हें रोक दिया गया.

डूब प्रभावित चाहते हैं लिखित सहमति

बता दें कि सरदार सरोवर बांध में अधिक ऊंचाई तक पानी भरने से जिन किसानों की फसलें खराब हुई हैं, उन्हें अब तक मुआवजा नहीं मिला है. सरकार की ओर से बार-बार उन्हें भरोसा दिलाया जा रहा है कि उन्हें उचित मुआवजा दिया जाएगा, लेकिन सभी डूब प्रभावित लिखित सहमति चाहते हैं. सरकार की ओर से कहा गया है कि बांध का जलस्तर कम नहीं किया जा सकता, क्योंकि इसमें मध्यप्रदेश अकेला निर्णय नहीं ले सकता है. सरकार की तरफ से इस विषय पर केंद्र सरकार से बात की जाएगी.

अभी तक नहीं निकला समाधान

प्रदेश सरकार का कहना है कि आंदोलनकारियों की बाकी मांगों पर विचार किया जा रहा है. अलीराजपुर, धार, बड़वानी के लोगों की फसलें और मकान सरदार सरोवर बांध में ज्यादा जलभराव के कारण डूब गए हैं. प्रभावित इसके खिलाफ मेधा पाटकर के नेतृत्व में लगातार आंदोलन कर रहे हैं. ये सभी आंदोलनकारी नर्मदा भवन के सामने सड़क पर डटे हुए हैं. आंदोलनकारियों से सरकार लगातार बातचीत कर रही है, लेकिन अब तक इन चर्चाओं का कोई हल नहीं निकला है.

जारी रहेगा आंदोलन

आंदोलनकारियों का साफ कहना है कि उनके द्वारा रखी गई कुछ मांगों को सरकार के द्वारा माना गया है, लेकिन ज्यादातर मांगों पर अभी भी चर्चा बाकी है. जब तक सभी मांगों पर सहमति नहीं बनती है, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा.

भोपाल। नर्मदा भवन पर देर रात डूब प्रभावित आंदोलनकारियों ने मशाल जूलुस निकालकर सरकार के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी है. आंदोलनकारियों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो ये आंदोलन और ज्यादा उग्र होगा, जिसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी. बता दें कि नर्मदा बचाओ आंदोलन के नेतृत्व में डूब प्रभावित अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं, लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकलने की वजह से देर रात डूब प्रभावितों ने मशाल जुलूस निकाला.

नर्मदा के डूब प्रभावितों ने निकाला मशाल जुलूस

मशाल जुलूस रैली में लोगों ने जनगीत गाकर एक-दूसरे की हौसला अफजाई की. आंदोलनकारियों के नेतृत्व में तकरीबन एक हजार लोगों ने अचानक नगर चौराहे तक रैली निकाली, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी के चलते आंदोलनकारियों को ज्यादा आगे बढ़ने नहीं दिया गया और बीच रास्ते में ही उन्हें रोक दिया गया.

डूब प्रभावित चाहते हैं लिखित सहमति

बता दें कि सरदार सरोवर बांध में अधिक ऊंचाई तक पानी भरने से जिन किसानों की फसलें खराब हुई हैं, उन्हें अब तक मुआवजा नहीं मिला है. सरकार की ओर से बार-बार उन्हें भरोसा दिलाया जा रहा है कि उन्हें उचित मुआवजा दिया जाएगा, लेकिन सभी डूब प्रभावित लिखित सहमति चाहते हैं. सरकार की ओर से कहा गया है कि बांध का जलस्तर कम नहीं किया जा सकता, क्योंकि इसमें मध्यप्रदेश अकेला निर्णय नहीं ले सकता है. सरकार की तरफ से इस विषय पर केंद्र सरकार से बात की जाएगी.

अभी तक नहीं निकला समाधान

प्रदेश सरकार का कहना है कि आंदोलनकारियों की बाकी मांगों पर विचार किया जा रहा है. अलीराजपुर, धार, बड़वानी के लोगों की फसलें और मकान सरदार सरोवर बांध में ज्यादा जलभराव के कारण डूब गए हैं. प्रभावित इसके खिलाफ मेधा पाटकर के नेतृत्व में लगातार आंदोलन कर रहे हैं. ये सभी आंदोलनकारी नर्मदा भवन के सामने सड़क पर डटे हुए हैं. आंदोलनकारियों से सरकार लगातार बातचीत कर रही है, लेकिन अब तक इन चर्चाओं का कोई हल नहीं निकला है.

जारी रहेगा आंदोलन

आंदोलनकारियों का साफ कहना है कि उनके द्वारा रखी गई कुछ मांगों को सरकार के द्वारा माना गया है, लेकिन ज्यादातर मांगों पर अभी भी चर्चा बाकी है. जब तक सभी मांगों पर सहमति नहीं बनती है, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा.

Intro:डूब प्रभावितों ने मशाल जुलूस निकालकर सरकार को दी आंदोलन की चेतावनी



भोपाल | अरेरा हिल्स स्थित नर्मदा भवन पर नर्मदा बचाओ आंदोलन के द्वारा किए जा रहे अनिश्चितकालीन धरने के बाद भी अब तक कोई हल ना निकल पाने के कारण देर रात डूब प्रभावित आंदोलनकारियों ने मशाल जुलूस निकालकर सरकार के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी है

आंदोलनकारियों के नेतृत्व में करीब 1000 लोगों ने अचानक ही एमपी नगर चौराहे तक रैली निकालने का प्रयास किया लेकिन पुलिस की मुस्तैदी के चलते उन्हें ज्यादा आगे बढ़ने नहीं दिया गया और बीच रास्ते में ही उन्हें रोक लिया गया आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी है कि हम सरकार को मशाल रैली के माध्यम से चेतावनी देना चाहते हैं कि यदि उन्होंने आंदोलनकारियों की मांग नहीं मानी तो यह आंदोलन और उग्र होगा
Body:बता दें कि सरदार सरोवर बांध में अधिक ऊंचाई तक पानी भरने से जिन किसानों की फसलें खराब हुई है उन्हें अब तक मुआवजा नहीं मिला है सरकार की ओर से बार-बार उन्हें भरोसा दिलाया जा रहा है कि उन्हें उचित मुआवजा दिया जाएगा लेकिन सभी डूब प्रभावित लिखित सहमति चाहते हैं सरकार की ओर से कहा गया है कि बांध का जलस्तर कम नहीं किया जा सकता क्योंकि इसमें मध्यप्रदेश अकेला निर्णय नहीं ले सकता है सरकार की तरफ से इस विषय पर केंद्र से बात की जाएगी बाकी की मांगों पर विचार किया जा रहा है अलीराजपुर ,धार ,बड़वानी के लोगों की फसलें व मकान सरदार सरोवर बांध में अधिक जलभराव के कारण डूब गए हैं . प्रभावित इसके खिलाफ मेघा पाटकर के नेतृत्व में लगातार आंदोलन कर रहे हैं यह सभी आंदोलनकारी नर्मदा भवन के सामने सड़क पर डटे हुए हैं आंदोलनकारियों से लगातार सरकार के द्वारा बातचीत की जा रही है लेकिन अब तक इन चर्चाओं का कोई हल नहीं निकला है आंदोलनकारियों का साफ कहना है कि उनके द्वारा रखी गई कुछ मांगों को सरकार के द्वारा माना गया है लेकिन ज्यादातर मांग पर अभी भी चर्चा बाकी है जब तक सभी मांगों पर चर्चा वाले की सहमति नहीं मिलती है तब तक यह आंदोलन जारी रहेगाConclusion:बता दें कि धार, बड़वानी, अलीराजपुर के डूब प्रभावित गांव मैं एक से दूसरे स्थान पर जाने के लिए प्रशासन नाव का संचालन करता रहेगा . इस बात पर सरकार की ओर से सहमति दे दी गई है . इन जिलों में बंद रास्तों को खोलने के लिए रणनीति बनाई जाएगी इसके तहत पुल पुलिया बनाई जाएंगी .

इसके अलावा संबंधित जिलों के 3 शहर में रहने वाले परिवारों को प्रशासन सुविधा देता रहेगा जो टीम शर्ट में रह रहे हैं उनके घर खेतों का सर्वे किया जाएगा यदि दे घरवा प्लॉट से वंचित है तो उन्हें घर व प्लॉट खरीदने के लिए राशि दी जाएगी


देर रात निकाले गए इससे मशाल जुलूस में युवाओं के साथ चल रही इस विशाल रैली में लोगों ने जन गीत गाकर एक दूसरे की हौसला अफजाई भी कि है साथ ही सरकार को चेतावनी दी है कि जल्द से जल्द उनकी मांगों को पूरा किया जाए इसके बाद ही यह आंदोलन समाप्त किया जाएगा वरना इसी तरह से यह आंदोलन अब उग्र रूप धारण करेगा जिसकी पूरी जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी
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