भोपाल। प्रदेश में बीते 2 हफ्तों से रुक-रुक कर लगातार हो रही बारिश (rain) का सिलसिला अब थम गया है. बारिश के बाद से तपती धूप और उमस भरी गर्मी से जन जीवन बेहाल हो गया है. हालांकि अगले 24 घंटों के दौरान भोपाल (Bhopal), इंदौर (Indore), ग्वालियर (Gwalior), सागर (sagar) और जबलपुर (jabalpur) समेत 10 संभागों में हल्की से सामान्य बारिश का अनुमान है. मौसम विशेषज्ञों (meteorologist) का कहना है कि आगामी 4 से 5 दिनों तक प्रदेश में इसी तरह मौसम रहेगा. इसके बाद लोगों को गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद है.
वर्तमान में नहीं है वेदर सिस्टम एक्टिव
वर्तमान में राज्य में कोई भी वेदर सिस्टम (weather system) एक्टिव न होने के कारण गर्मी बढ़ने लगी है. मौसम विशेषज्ञों (meteorologist) का कहना है कि 17 अगस्त से एक सिस्टम बंगाल की खाड़ी में आएगा. इसके एक्टिव होते ही 19 अगस्त से इंदौर, होशंगाबाद और जबलपुर में बारिश की संभावना है. इसके बाद 21 अगस्त से ग्वालियर-चंबल से एक सिस्टम आएगा. प्रदेश की राजधानी में में 18 से 22 अगस्त के बीच हल्की बारिश का अनुमान है. इसके अलावा उज्जैन और इंदौर भी सामान्य बारिश का अनुमान है.
इन जिलों में बारिश का अनुमान
मौसम विभाग के मुताबिक, भोपाल, होशंगाबाद, इंदौर, रीवा, सागर, जबलपुर, उज्जैन, शहडोल, ग्वालियर और चंबल संभागों हल्की से सामान्य बारिश का अनुमान है. मौसम वैज्ञानिक गुरप्रीत सिंह गांधी बताते हैं कि भारतीय मौसम विभाग (Meteorological Department) ने मध्यम अवधि के जो पूर्वानुमान 15 अगस्त तक के लिए भेजे हैं, उसके मुताबिक 15 अगस्त तक शहडोल जिले में बादल छाए रहने और मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है, साथ ही गरज चमक के साथ तेज हवाएं व आंधी चलने की भी संभावना है, इस दौरान अधिकतम तापमान 32 से 33 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 22 से 23 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान जताया है, सुबह आद्रता 84 से 96% एवं दोपहर में 60 से 72% तक रहने की संभावना है, हवा दक्षिण पश्चिम दिशा में 15.0 से 16.0 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने का अनुमान है.
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किसानों को सलाह
कृषि वैज्ञानिक ने किसानों को सलाह दी है कि जैसा मौसम का हाल (Meteorological Department Alert)चल रहा है, उसे देखते हुए वर्षा का पानी जो व्यर्थ बह रहा है, उसे खेतों के किसी एक भाग में इकट्ठा करने की व्यवस्था करें, ताकि वर्षा नहीं होने की स्थिति में फसलों की समय पर सिंचाई की जा सके, इसके अलावा खेत में हवा का संचार बढ़ाने खरपतवार कंट्रोल करने के लिए सभी खड़ी फसलों में निराई गुड़ाई का काम भी शुरू करवा दें, इतना ही नहीं जो किसान धान की रोपाई देरी से कर रहे हैं, वो रोपाई के एक हफ्ते बाद सामान्य रूप से नील हरित शैवाल 4 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से पूरे खेत में फैला दें. नील हरित शैवाल मिट्टी में 30 से 40 किग्रा प्रति हेक्टेयर डालने से मृदा में नमी बनाए रखना है.