भोपाल। डीएसीपी लागू करने और मेडिकल कॉलेजों में प्रशासक की नियुक्ति के विरोध में डॉक्टर एक बार फिर आंदोलनरत हो गए हैं. सोमवार से सभी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों ने काली पट्टी लगाकर विरोध शुरू किया है. इनका कहना है कि ''अधिकारियों की हठ धर्मिता के कारण चिकित्सकों के लिए DACP को लागू करने एवं विभिन्न चिकित्सक संवर्गों की वर्षों से लंबित विभागीय विसंगतियों को दूर करने के संबंध में मुख्यमंत्री के निर्देश भी बे-असर हो गए हैं.''
अधिकारियों की मनमानी को लेकर डॉक्टर सड़कों पर: 2 माह पहले डॉक्टरों ने इसी मांग को लेकर आंदोलन किया था और मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद हड़ताल वापस ली थी. जिसमें इनकी मांगों के लिए एक समिति का गठन किया गया था. लेकिन क्या उच्च स्तरीय समिति सिर्फ प्रदेश के चिकित्सकों के आंदोलन को खत्म करने और उनके संगठन को तोड़ने हेतु निर्मित की गई थी? क्या वरिष्ठतम प्रशासनिक अधिकारियों के आश्वासन एवं वादों की कोई साख नहीं रही? पूरे प्रदेश के 15000 चिकित्सक वरिष्ठ अधिकारियों की मनमानी के विरुद्ध 'सम्मान की लड़ाई' के लिए अनिश्चितकालीन आंदोलन पर हैं.
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3 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी: ऐसे में सभी डॉक्टरों ने सोमवार से काली पट्टी बांधकर काम शुरू कर दिया है. डॉक्टर्स एसोसिएशन के राकेश मालवीय ने चेतावनी दी है कि ''उनकी मांगों का निराकरण जल्द से जल्द नहीं होता तो मंगलवार को 2 घंटे प्रदेश के सभी अस्पतालों में काम बंद किया जाएगा. बुधवार से यह सभी डॉक्टर्स अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे. ऐसे में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं अगर खराब होती हैं तो इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी.''