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MP PEB तीसरी बार होगा व्यापमं का नामकरण, PEB की जगह नया नाम कर्मचारी चयन बोर्ड, बड़ा सवाल- क्या धुलेंगे दाग - फर्जीवाड़े पर बन चुकी वेबसीरीज

मध्यप्रदेश सरकार एक बार फिर से प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड PEB का नाम बदलकर अब कर्मचारी चयन बोर्ड करने जा रही है. इसके लिए आगामी विधानसभा सत्र में मध्यप्रदेश व्यावसयिक परीक्षा मंडल संशोधन विधेयक 2022 लाने जा रही है. कैबिनेट इसके पहले ही अपनी मंजूरी दे चुकी है. परीक्षा में घोटाले के कारण विवादों में आने के बाद व्यापमं का नाम तीसरी बार बदलेगा. विवादों में आने के बाद इसका नाम प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड रखा गया था. वहीं, व्यापमं का नाम बदले जाने को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने कहा है कि नाम नहीं, नियत बदले जाने से व्यवस्था में सुधार होगा. Professional examination board, Vyapam name change, Third time name change, New name Staff Selection Board, MP Vyapam scandal

तीसरी बार बदला जाएगा व्यापम का नाम
तीसरी बार होगा व्यापमं का नामकरण
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Published : Sep 5, 2022, 5:56 PM IST

Updated : Sep 5, 2022, 6:19 PM IST

भोपाल। प्रदेश में नौकरियों में भर्ती के लिए प्रवेश परीक्षा कराने वाले सबसे बड़ी संस्था प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) एकमात्र और सबसे बडी संस्था है. बोर्ड द्वारा तमाम संस्थानों के प्रवेश परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं. इसके अलावा तृतीय और चतुर्थ श्रेणी स्तर की सभी विभागों की परीक्षाएं पीईबी द्वारा ही कराई जाती हैं. प्रदेश में पूर्व में मेडिकल और इंजीनियरिंग के लिए अलग-अलग बोर्ड बने हुए थे, जो मेडिकल और इंजीनियरिंग के लिए छात्रों का परीक्षा के माध्यम से सिलेक्शन करते थे. 1970 में मध्यप्रदेश प्री मेडिकल बोर्ड गठित किया गया था. 1981 में प्री इंजीनियरिंग बोर्ड का गठन किया गया. बाद में एक साल बाद दोनों बोर्ड को मर्ज कर व्यावसायिक परीक्षा मंडल यानी व्यापमं बना दिया गया, लेकिन साल 2013 में मेडिकल परीक्षा में एडमिशन के नाम पर हुए भारी फर्जीवाड़े ने इस संस्था को देशभर में चर्चाओं में ला दिया.

फर्जीवाड़े पर बन चुकी वेबसीरीज : साल 2013 में मेडिकल प्रवेश परीक्षा में फर्जीवाड़े सामने आए. इसमें कमजोर छात्रों को मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए फर्जी छात्रों को प्रवेश परीक्षाओं में बैठाया जाता था. फर्जीवाड़े का खुलासा जुलाई 2013 में इंदौर से हुआ. इसके बाद सिलसिलेवार तरीके से फर्जीवाड़ा सामने आता गया. हालांकि मामले की जांच में तेजी तब आई जब फर्जीवाडे में शामिल कई छात्र-छात्राओं की मौत हुई. इसके बाद मामले को सीबीआई के सौंप दिया गया. इस फर्जीवाड़े में नेता से लेकर नौकरशाह और कर्मचारी से लेकर पुलिस अधिकारी तक की भूमिका कठघरे में रही. व्यापमं फर्जीवाड़े में करीबन 3500 लोगों को आरोपी बनाया गया. देशभर में चर्चित हुए इस फर्जीवाड़े को लेकर एक वेबसीरीज भी बनी, जिसने खूब सुर्खियां बटोरी.

अब तीसरी बार बदला जाएगा नाम : फर्जीवाड़े से बदनाम हुए व्यापमं के दाग धोने के लिए इसका नाम बदल दिया गया. व्यावसायिक परीक्षा मंडल यानी व्यापमं से इसके नाम का अंग्रेजीकरण कर दिया गया. नया नाम दिया गया प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड यानी पीईबी. इसके साथ ही इसके भवन का नाम चयन भवन कर दिया गया. हालांकि फर्जीवाड़े इसके बाद भी खत्म नहीं हुए. विधानसभा में सरकार ने एक सवाल के जवाब में बताया कि पिछले तीन सालों में पीईबी में 5 बड़ी परीक्षाओं में गड़बड़ी पाई गई, जिसके चलते परीक्षाओं को दोबारा कराना पड़ा. गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार मानते हुए एजेंसी पर सवा 2 करोड़ से ज्यादा का जुर्माना लगाया गया. पीईबी में ग्रामीण कृषि विस्तार और वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी परीक्षा-2020, संयुक्त भर्ती परीक्षा संपरीक्षक, डाटा एंट्री ऑपरेटर और नर्स संवर्ग की परीक्षा 2020 में गड़बड़ी पाई गई. इसके अलावा प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में भी गड़बड़ी मिल चुकी है. अब इसका तीसरी बार नाम बदला जाएगा. इसके लिए कैबिनेट से पहले ही मंजूरी मिल चुकी है. 13 सितंबर से शुरू होने जा रहे विधानसभा सत्र में इसका प्रस्ताव लाया जाएगा.

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कांग्रेस का आरोप- नाम नहीं नियत बदलें : प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड का एक बार फिर नाम बदले जाने को लेकर कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता अजय यादव ने आरोप लगाया है कि बीजेपी सरकार में हुए व्यापमं फर्जीवाड़े ने प्रदेश का पूरी दुनिया में नाम खराब किया है. फर्जीवाड़े के बाद इसके पहले भी नाम बदला गया, लेकिन इसके बाद भी गड़बड़ियां रुकी नहीं हैं. इसके बाद भी कई परीक्षाओं को गड़बड़ी मिलने के बाद कैंसल किया गया. इसलिए सिस्टम को और पुख्ता करने की जरूरत है. नाम के साथ ही सरकार नियत भी बदले. ऐसी संस्थाओं को राजनीतिक हस्तक्षेप से बाहर रखा जाए.

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भोपाल। प्रदेश में नौकरियों में भर्ती के लिए प्रवेश परीक्षा कराने वाले सबसे बड़ी संस्था प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) एकमात्र और सबसे बडी संस्था है. बोर्ड द्वारा तमाम संस्थानों के प्रवेश परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं. इसके अलावा तृतीय और चतुर्थ श्रेणी स्तर की सभी विभागों की परीक्षाएं पीईबी द्वारा ही कराई जाती हैं. प्रदेश में पूर्व में मेडिकल और इंजीनियरिंग के लिए अलग-अलग बोर्ड बने हुए थे, जो मेडिकल और इंजीनियरिंग के लिए छात्रों का परीक्षा के माध्यम से सिलेक्शन करते थे. 1970 में मध्यप्रदेश प्री मेडिकल बोर्ड गठित किया गया था. 1981 में प्री इंजीनियरिंग बोर्ड का गठन किया गया. बाद में एक साल बाद दोनों बोर्ड को मर्ज कर व्यावसायिक परीक्षा मंडल यानी व्यापमं बना दिया गया, लेकिन साल 2013 में मेडिकल परीक्षा में एडमिशन के नाम पर हुए भारी फर्जीवाड़े ने इस संस्था को देशभर में चर्चाओं में ला दिया.

फर्जीवाड़े पर बन चुकी वेबसीरीज : साल 2013 में मेडिकल प्रवेश परीक्षा में फर्जीवाड़े सामने आए. इसमें कमजोर छात्रों को मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए फर्जी छात्रों को प्रवेश परीक्षाओं में बैठाया जाता था. फर्जीवाड़े का खुलासा जुलाई 2013 में इंदौर से हुआ. इसके बाद सिलसिलेवार तरीके से फर्जीवाड़ा सामने आता गया. हालांकि मामले की जांच में तेजी तब आई जब फर्जीवाडे में शामिल कई छात्र-छात्राओं की मौत हुई. इसके बाद मामले को सीबीआई के सौंप दिया गया. इस फर्जीवाड़े में नेता से लेकर नौकरशाह और कर्मचारी से लेकर पुलिस अधिकारी तक की भूमिका कठघरे में रही. व्यापमं फर्जीवाड़े में करीबन 3500 लोगों को आरोपी बनाया गया. देशभर में चर्चित हुए इस फर्जीवाड़े को लेकर एक वेबसीरीज भी बनी, जिसने खूब सुर्खियां बटोरी.

अब तीसरी बार बदला जाएगा नाम : फर्जीवाड़े से बदनाम हुए व्यापमं के दाग धोने के लिए इसका नाम बदल दिया गया. व्यावसायिक परीक्षा मंडल यानी व्यापमं से इसके नाम का अंग्रेजीकरण कर दिया गया. नया नाम दिया गया प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड यानी पीईबी. इसके साथ ही इसके भवन का नाम चयन भवन कर दिया गया. हालांकि फर्जीवाड़े इसके बाद भी खत्म नहीं हुए. विधानसभा में सरकार ने एक सवाल के जवाब में बताया कि पिछले तीन सालों में पीईबी में 5 बड़ी परीक्षाओं में गड़बड़ी पाई गई, जिसके चलते परीक्षाओं को दोबारा कराना पड़ा. गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार मानते हुए एजेंसी पर सवा 2 करोड़ से ज्यादा का जुर्माना लगाया गया. पीईबी में ग्रामीण कृषि विस्तार और वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी परीक्षा-2020, संयुक्त भर्ती परीक्षा संपरीक्षक, डाटा एंट्री ऑपरेटर और नर्स संवर्ग की परीक्षा 2020 में गड़बड़ी पाई गई. इसके अलावा प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में भी गड़बड़ी मिल चुकी है. अब इसका तीसरी बार नाम बदला जाएगा. इसके लिए कैबिनेट से पहले ही मंजूरी मिल चुकी है. 13 सितंबर से शुरू होने जा रहे विधानसभा सत्र में इसका प्रस्ताव लाया जाएगा.

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कांग्रेस का आरोप- नाम नहीं नियत बदलें : प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड का एक बार फिर नाम बदले जाने को लेकर कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता अजय यादव ने आरोप लगाया है कि बीजेपी सरकार में हुए व्यापमं फर्जीवाड़े ने प्रदेश का पूरी दुनिया में नाम खराब किया है. फर्जीवाड़े के बाद इसके पहले भी नाम बदला गया, लेकिन इसके बाद भी गड़बड़ियां रुकी नहीं हैं. इसके बाद भी कई परीक्षाओं को गड़बड़ी मिलने के बाद कैंसल किया गया. इसलिए सिस्टम को और पुख्ता करने की जरूरत है. नाम के साथ ही सरकार नियत भी बदले. ऐसी संस्थाओं को राजनीतिक हस्तक्षेप से बाहर रखा जाए.

Professional examination board, Vyapam name change, Third time name change, New name Staff Selection Board, MP Vyapam scandal

Last Updated : Sep 5, 2022, 6:19 PM IST
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