भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी सरकार ने प्रदेश में दो नए जिले बनाने की घोषणा कुछ दिनों पहले की थी. गुरुवार सुबह इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई और फिर शाम होते-होते इन दोनों जिलों में कलेक्टर की तैनाती कर दी गई है. एक-दो दिन में और भी अफसरों की तैनाती की संभावना है. क्योंकि इस दौरान कभी भी आचार संहिता लगने की संभावना है. चूंकि ये दोनों नए जिले हैं. इसलिए यहां कलेक्टर को अफसरों के साथ ही स्टाफ की आवश्यकता पड़ेगी.
घोषणा के बाद तुरंत अमल : सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपनी घोषणा को इतनी जल्दी अमलीजामा पहनाकर संकेत दिए हैं कि आचार संहिता लगने से पहले कुछ और कामों को जल्द पूरा कर लिया जाएगा. दो नए जिला पांढुर्णा और मैहर का गठन कर बुधवार देर रात निर्णय होने के बाद गुरुवार सुबह अधिसूचना भी जारी हो गई. इसी के साथ ये दोनों जिला अस्तित्व में आ गए हैं. अब प्रदेश में 55 जिले हो गए हैं. नए जिले बनाकर बीजेपी को उम्मीद है कि यहां उसको फायदा होगा. क्योंकि इन दोनों जगहों पर कई साल से जिला बनाने की मांग की जा रही थी.
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कहीं लाभ तो कहीं नुकसान संभव : मैहर व पांढुर्णा को जिला बनाने के बाद बीजेपी को उम्मीद है कि उसे इससे लाभ होगा. बता दें के मैहर से विधायक नारायण त्रिपाठी हैं. वह शुरू से अपनी पार्टी को ही मुसीबत में डालते रहे हैं. इस बार नारायण त्रिपाठी को बीजेपी ने टिकट नहीं दिया है. त्रिपाठी ने अपनी नई पार्टी बनाकर पूरे विंध्य क्षेत्र में बिगुल बजा दिया है. बीजेपी को लगता है कि मैहर व आसपास की सीटों पर जिला बनाने का प्रभाव पड़ेगा. यही हाल पांढुर्णा का भी है. कमलनाथ के गढ़ में सेंध लगाने के तौर पर इसे देखा जा रहा है. लेकिन इससे कई सीटों पर बीजेपी को करारा झटका लग सकता है. छतरपुर की लवकुशनगर व जबलपुर के सीहोरा में लोग बीजेपी के खिलाफ सड़कों पर हैं. क्योकि यहां भी जिला बनाने की मांग सालों से गूंज रही है.