भोपाल। मध्यप्रदेश के सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजों के उपचार को लेकर लापरवाही के मामले आए दिन सामने आते रहते हैं. जब कोई बड़ी लापरवाही सामने आती है, तो स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग उस पर कमेटी बनाकर मामले की लीपा-पोती करने में जुटा रहता है. अब लापरवाहियों और गड़बड़ियों के ऐसे मामलों को लेकर चिकित्सा शिक्षा विभाग ने समिति बनाने का निर्णय लिया है, जो कि मेडिकल नेगलिजेन्स के मामलों की जांच करेगी.
9 सदस्यों की टीम करेगी जांच
चिकित्सा शिक्षा आयुक्त निशांत बरबड़े की अध्यक्षता में बनी 9 सदस्यीय समिति को मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल ने गठित किया है. यह समिति उपचार में लापरवाही यानी मेडिकल नेगलिजेंसी के मामलों पर मरीजों की शिकायत पर बारीकी से जांच करेगी. सुनवाई के बाद यदि शिकायत सही पाई जाती है, तो जिम्मेदार चिकित्सक का पंजीयन मेडिकल काउंसिल से निलंबित और निरस्तीकरण की कार्रवाई भी की जा सकेगी.
यह होंगे समिति में शामिल
चिकित्सा शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक एथिक्स कम डिसीप्लिनरी कमिटी में मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष और चिकित्सा शिक्षा आयुक्त के पीठासीन अधिकारी नियुक्त किए गए हैं. समिति में बतौर सदस्य संचालक चिकित्सा शिक्षा, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं, वरिष्ठ महिला चिकित्सक,इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अधिकृत सदस्य, विषय विशेषज्ञ, मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल के लीगल एडवाइजर, रजिस्ट्रार मेडिकल काउंसिल के साथ ही जरूरत के अनुसार सदस्यों को शामिल किया गया है.
आए दिन मिल रही शिकायतों के कारण लिया गया निर्णय
बता दें कि शासकीय अस्पतालों और निजी अस्पतालों से आए दिन लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने की शिकायतें सामने आती रहती हैं. ज्यादा मिल रही ऐसी ही शिकायतों के निराकरण और उन्हें कम करने के लिए ही इस समिति का गठन किया गया है.