भोपाल। जैसा गाना वैसा बजाना वाला हिसाब मान लीजिए इसे. जिन आउटसोर्स कर्मचारियों की मौजूदगी में सांसद नकुलनाथ ने इन कर्मचारियों को सात दिसम्बर को कमलनाथ के शपथग्रहण में आने का न्यौता दिया था. उन कर्मचारियों ने मतगणना से पहले ही कमलनाथ को मुख्यमंत्री घोषित करते हुए कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष के पद पर जो कि कैबिनेट मंत्री का पद होता है. दावेदारी भी जता दी है. और कहा है कि इस बार कामगार कर्मचारी वर्ग ने कांग्रेस के पक्ष में खुलकर काम किया है इसलिए वासुदेव शर्मा को कर्मचारी कल्याण समिति का अध्यक्ष बनाया जाए.
बारिश आई नहीं और मटके फोड़ लिए कर्मचारियों ने: मतगणना में अभी कुछ दिन का समय है. लेकिन आउट सोर्स कर्मचारी तो ये मानकर चल रहे हैं कि एमपी में कांग्रेस की 150 से ज्यादा सीटें आ रही हैं. और कमलनाथ मुख्यमंत्री बन रहे हैं. पत्र लिखकर इन कर्मचारियों ने कहा है कि आपके लिए कर्मचारियों के बीच में माहौल बनाने में ढाई लाख कम्प्यूटर ऑपरेटर समेत कामगार कर्मचारियों का बहुत योगदान है. जो लगातार कर्मचारियों के हक की आवाज उठाते हुए कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाते रहे.
वासुदेव शर्मा को बनाया जाए अध्यक्ष: अब-जब कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है तो कर्मचारियोंं के हक में खड़े और कांग्रेस का माहौल बनाने वाले वासुदेव शर्मा को कर्मचारी कल्याण समिति का अध्यक्ष बनाया जाए.
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कमलनाथ को मुख्यमंत्री के संबोधन के साथ चिट्ठी: नवीन व्यवसायिक शिक्षा प्रशिक्षक महासंघ समेत कई अन्य संगठनों ने कमलनाथ को चिट्ठी लिखी है उसमें उन्हें मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन का ही संबोधन दिया है और कहा है कि 150 से ज्यादा सीटें कांग्रेस की आने जा रही हैं. 100 फीसदी एमपी में कांग्रेस सरकार बना रही है. इसलिए अब जरुरी हो गया है कि इस बार जिस तरह से कामगार कर्मचारी वर्ग ने कांग्रेस के पक्ष में खुलकर काम किया है, सत्ता परिवर्तन के लिए माहौल बनाया है.
इसलिए इस बार कर्मचारी संगठन चुनाव नतीजे आने से पहले ही सक्रिय होकर अपनी पसंद की राजनीतिक नियुक्तियां सबसे पहले कराने का दबाव बनाएगी और जमीनी कांग्रेसियों के साथ न्याय के लिए संघर्ष करेगी.