भोपाल। पिछड़ा आदिवासी के बोलबाले के साथ हो रहे एमपी के चुनाव में साइलेंट वोटर की तरह रहा सिंधी समाज इस चुनाव में राजनीतिक दलों को झटका देने की तैयारी में है. विभाजन के समय से कांग्रेस से खिसके रहे इस वोट बैंक के पास अब बीजेपी से भी नाराज होने की वाजिब वजहें मौजूद हैं. सिंधी महापंचायत ने मांग की थी कि आबादी के हिसाब से सिंधी समाज के लोगों को चुनाव में मौका दिया जाना चाहिए. जहां पचास हजार से ज्यादा की आबादी है, वहां विधानसभा चुनाव में सिंधी समाज को मौका दिया जाए.
हालांकि मौजूदा तस्वीर ये है कि बीजेपी ने जो 136 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं. उनमें एक भी सिंधी समाज से नहीं है. रीवा, जबलपुर, कटनी, सतना और भोपाल की विधानसभा सीटों पर सिंधी वोटर निर्णायक भूमिका में है. प्रांतीय सिंधी महापंचायत ये मांग उठाती रही है, लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव में उसका असर नहीं दिख रहा.
सिंधियों को मौका देने में क्यों पीछे हो जाते हैं सियासी दल: एमपी में करीब 22 से 25 लाख सिंधी हैं. राजधानी भोपाल समेत जबलपुर, कटनी, इंदौर और सतना में तो कई विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां ये सिंधी समुदाय निर्णायक वोटर की स्थिति में है. बावजूद इसके सिंधी समाज को प्रतिनिधित्व नहीं मिल पा रहा हा. प्रांतीय सिंधी महापंचायत के प्रतिनिधि सुरेश जसवानी कहते हैं, हमने डिमांड करी थी कि जहां पांच हजार के लगभग सिंधी वोटर हैं. वहां पार्षद का जहां पचास हजार के लगभग सिंधी है वहां विधायक और जहां पांच लाख सिंधी हैं, वहां सांसद का टिकट पार्टियां सिंधी समुदाय को दें, लेकिन दोनों ही राजनीतिक दलों ने सिंधी समाज को हाशिए पर डाल रखा है.
![MP Silent Voter Sindhi](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/13-10-2023/mp-bpl-sindhipanchayat_13102023172559_1310f_1697198159_122.jpeg)
चुनाव में महंगी पडे़गी सिंधी समाज की नाराजगी: अखिल भारतीय सिंधी महासभा के पदाधिकारी सुरेश जसवानी कहते हैं "एक तरफ पार्टियां एससी-एसटी और ओबीसी सीटें आरक्षित कर चुकी हैं, लेकिन जो स्वाधीनता संग्राम सेनानी हैं, जो पाकिस्तान में अपना सबकुछ छोड़कर यहां आए. कम से कम पांच प्रतिशत आरक्षण तो हमें भी मिल सकता है. बंटवारे के समय कांग्रेस की सरकारों का जो रवैया था. उससे सिंधी समाज कांग्रेस से नाराज था, लेकिन अब वो बीजेपी से भी नाराज है. वजह ये है कि बीजेपी में भी सिंधी समाज को दरकिनार ही रखा. हमना अपना सब कुछ छोड़कर पाकिस्तान से यहां आए, लेकिन हमारे साथ दोयम दर्जे का व्यवहार होता है.
![MP Silent Voter Sindhi](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/13-10-2023/mp-bpl-sindhipanchayat_13102023172559_1310f_1697198159_832.jpeg)
सुरेश जसवानी कहते हैं, भोपाल की हुजूर विधानसभा सीट पर 65 हजार के लगभग सिंधी वोट है. लेकिन देखिए कि वहां भी सिंधी समाज को मौका नहीं और यही वजह है कि जीत का मार्जिन कम होता जा रहा है. साइलेंट वोटर है सिंधी वो अपना स्टैंड लेना जानता है.