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BJP का चुनावी दांव! विकास का एजेंडा लेकर गांव-गांव जाएंगे शिवराज के मंत्री

MP Vikas Yatra News: केंद्र और राज्य सरकार की योजनाएं अब आम जनता को बताई जाएंगी. 4 साल के विकास कार्यों को लेकर मंत्री और विधायक जनता के बीच जाएंगे और सरकार की योजनाओं के बारे में बताएंगे. सीएम शिवराज सिंह का विधायकों को स्पष्ट निर्देश है कि, जनता के बीच अधिक से अधिक समय बिताएं.

Shivraj Singh Chouhan
सीएम शिवराज की विकास यात्रा
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Published : Jan 17, 2023, 7:48 AM IST

भोपाल। एमपी में मिशन की तैयारियां जोरो शोरो से शुरू हो गई है. बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) दोनों इस सियासी रण के मैदान में हैं. इसी कड़ी में आगामी विधानसभा चुनाव (mp assembly elections 2023) से पहले मध्यप्रदेश सरकार विकास यात्रा निकालेगी. एमपी में विधायकों के खिलाफ एंटी इनकमबेंसी की रिपोर्ट के बाद सीएम शिवराज को टीम ने मैदान में उतरने का फैसला कर लिया है, जिसे विकास यात्रा का नाम दिया जा रहा है. इसमें जनता को बताया जाएगा कि बीजेपी ने कितना विकास किया है. सीएम शिवराज सिंह के निर्देशन में यह यात्रा 1 फरवरी से 15 फरवरी तक चलेगी. एमपी के सभी जिलों, नगरों और कस्बों में जन-जन तक पहुंचकर विकास और जनकल्याण के माध्यम से सुराज के लक्ष्यों को प्राप्त किया जाएगा.

चुनाव के पहले विकास का एजेंडा: विकास यात्रा में सभी विधायकों को अपने-अपने जिले में यात्रा के सफल संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई है. शहर के वार्ड और गांवों के लोगों को शामिल कर उन्हें विभिन्न विकास गतिविधियों और उपलब्धियों को शेयर किया जाएगा. इसी के साथ भविष्य में आत्मनिर्भर, समृद्ध और विकसित मध्यप्रदेश के निर्माण के उद्देश्य से नए विकास कार्यों की आधार शिला रखी जाएगी. इस यात्रा में हर गांव, शहर और वार्ड से गणमान्य नागरिकों, समाजसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियोंं, जनप्रतिनिधियों, आम नागरिकों को शामिल कर विकास के मुद्दों पर चर्चा और उनसे सुझाव भी लिए जाएंगे.

भूमिपूजन,शिलान्यास पर फोकस: विकास यात्रा का मकसद खास तौर से यह है कि, विधायक अपने क्षेत्रों में भूमि पूजन करें और जहां जरूरत हो वहां शिलान्यास भी करें. बाकायदा सीएम शिवराज ने इस बार अनुपूरक बजट में भी इसका विशेष ध्यान रखा है. साथ ही आने वाले बजट सत्र में विकास कार्यों के लिए ज्यादा बजट राशि का इंतजाम किया जाएगा. विधायकों और मंत्रियों द्वारा शिलान्यास कर विकास कार्यों को गति दी जाएगी. इसी के साथ शहर के लोगों किसान, मजदूर, विद्यार्थियों, महिलाओं व स्व-सहायता समूहों द्वारा अच्छे और नए कामों की चर्चा कर सफलता की कहानियों पर चर्चा की जाएगी.

BJP National Executive Meeting: 2023 विधानसभा व 2024 लोकसभा चुनावों को लेकर खाका हुआ तैयार

मंत्री करें औचक निरीक्षण: मंत्रियों से कहा गया है कि, वे जब भी अपने प्रभार वाले जिलों में जाएं तो गरीबों की बस्तियों और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों के लिए बने छात्रावासों का औचक निरीक्षण करें. उनसे बातचीत करें. ग्रामीण क्षेत्रों में आवास के लिए भूमि अधिकार प्रदान करने की योजना मुख्यमंत्री भू-अधिकार आवास योजना का प्रचार भी करें. (MP Vikas Yatra News)

शिवराज ने निकाली थी जन आशीर्वाद यात्रा: 2018 का चुनाव जीतने के लिए लोगों का आशीर्वाद लेने के लिए उज्जैन से 'जन आशीर्वाद यात्रा' की शुरुआत की गई थी. जिसमे 2 महीनों में सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों को अलग अलग चरणों में कवर किया गया था.

2016 में निकाली थी नर्मदा सेवा यात्रा: नर्मदा यात्रा में खुद मुख्यमंत्री शामिल हुए, 150 दिन की यात्रा में पूरी नर्मदा की परिक्रमा की गई. मध्य प्रदेश सरकार ने 11 दिसंबर, 2016 से 15 मई, 2017 तक प्रदेश की जीवन रेखा नर्मदा नदी के संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए नर्मदा सेवा यात्रा का आयोजन किया था. नर्मदा नदी के उद्गम स्थल अमरकंटक से शुरू होकर लगभग 3300 किलोमीटर की यह यात्रा नदी के दोनों किनारों पर स्थित लगभग 1100 गांवों से होकर गुजरी थी. अमरकंटक में इसका समापन हुआ था. हालांकि इसमें हुए वृक्षारोपण में घोटाले को लेकर भी विधानसभा में ये मामला गूंजा था.

भोपाल। एमपी में मिशन की तैयारियां जोरो शोरो से शुरू हो गई है. बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) दोनों इस सियासी रण के मैदान में हैं. इसी कड़ी में आगामी विधानसभा चुनाव (mp assembly elections 2023) से पहले मध्यप्रदेश सरकार विकास यात्रा निकालेगी. एमपी में विधायकों के खिलाफ एंटी इनकमबेंसी की रिपोर्ट के बाद सीएम शिवराज को टीम ने मैदान में उतरने का फैसला कर लिया है, जिसे विकास यात्रा का नाम दिया जा रहा है. इसमें जनता को बताया जाएगा कि बीजेपी ने कितना विकास किया है. सीएम शिवराज सिंह के निर्देशन में यह यात्रा 1 फरवरी से 15 फरवरी तक चलेगी. एमपी के सभी जिलों, नगरों और कस्बों में जन-जन तक पहुंचकर विकास और जनकल्याण के माध्यम से सुराज के लक्ष्यों को प्राप्त किया जाएगा.

चुनाव के पहले विकास का एजेंडा: विकास यात्रा में सभी विधायकों को अपने-अपने जिले में यात्रा के सफल संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई है. शहर के वार्ड और गांवों के लोगों को शामिल कर उन्हें विभिन्न विकास गतिविधियों और उपलब्धियों को शेयर किया जाएगा. इसी के साथ भविष्य में आत्मनिर्भर, समृद्ध और विकसित मध्यप्रदेश के निर्माण के उद्देश्य से नए विकास कार्यों की आधार शिला रखी जाएगी. इस यात्रा में हर गांव, शहर और वार्ड से गणमान्य नागरिकों, समाजसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियोंं, जनप्रतिनिधियों, आम नागरिकों को शामिल कर विकास के मुद्दों पर चर्चा और उनसे सुझाव भी लिए जाएंगे.

भूमिपूजन,शिलान्यास पर फोकस: विकास यात्रा का मकसद खास तौर से यह है कि, विधायक अपने क्षेत्रों में भूमि पूजन करें और जहां जरूरत हो वहां शिलान्यास भी करें. बाकायदा सीएम शिवराज ने इस बार अनुपूरक बजट में भी इसका विशेष ध्यान रखा है. साथ ही आने वाले बजट सत्र में विकास कार्यों के लिए ज्यादा बजट राशि का इंतजाम किया जाएगा. विधायकों और मंत्रियों द्वारा शिलान्यास कर विकास कार्यों को गति दी जाएगी. इसी के साथ शहर के लोगों किसान, मजदूर, विद्यार्थियों, महिलाओं व स्व-सहायता समूहों द्वारा अच्छे और नए कामों की चर्चा कर सफलता की कहानियों पर चर्चा की जाएगी.

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मंत्री करें औचक निरीक्षण: मंत्रियों से कहा गया है कि, वे जब भी अपने प्रभार वाले जिलों में जाएं तो गरीबों की बस्तियों और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों के लिए बने छात्रावासों का औचक निरीक्षण करें. उनसे बातचीत करें. ग्रामीण क्षेत्रों में आवास के लिए भूमि अधिकार प्रदान करने की योजना मुख्यमंत्री भू-अधिकार आवास योजना का प्रचार भी करें. (MP Vikas Yatra News)

शिवराज ने निकाली थी जन आशीर्वाद यात्रा: 2018 का चुनाव जीतने के लिए लोगों का आशीर्वाद लेने के लिए उज्जैन से 'जन आशीर्वाद यात्रा' की शुरुआत की गई थी. जिसमे 2 महीनों में सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों को अलग अलग चरणों में कवर किया गया था.

2016 में निकाली थी नर्मदा सेवा यात्रा: नर्मदा यात्रा में खुद मुख्यमंत्री शामिल हुए, 150 दिन की यात्रा में पूरी नर्मदा की परिक्रमा की गई. मध्य प्रदेश सरकार ने 11 दिसंबर, 2016 से 15 मई, 2017 तक प्रदेश की जीवन रेखा नर्मदा नदी के संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए नर्मदा सेवा यात्रा का आयोजन किया था. नर्मदा नदी के उद्गम स्थल अमरकंटक से शुरू होकर लगभग 3300 किलोमीटर की यह यात्रा नदी के दोनों किनारों पर स्थित लगभग 1100 गांवों से होकर गुजरी थी. अमरकंटक में इसका समापन हुआ था. हालांकि इसमें हुए वृक्षारोपण में घोटाले को लेकर भी विधानसभा में ये मामला गूंजा था.

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