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पिता के साथ अबॉर्शन कराने पहुंची नाबालिग, 5 महीने बाद दुष्कर्म का हुआ खुलासा

बदनामी के डर से लगभग पांच माह पहले हुए नाबालिक से दुष्कर्म का खुलासा तब हुआ, जब 4 माह की गर्भवती होने पर नाबालिग अपने पिता के साथ अबॉर्शन कराने राजधानी भोपाल के सुल्तानिया अस्पताल पहुंची.

rape
रेप
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Published : Oct 4, 2020, 5:16 PM IST

भोपाल। आज के विकसित समाज में भी लोग बलात्कार की पीड़ित और पीड़ित परिवार को किस नजर से देखते हैं, और पीडितों में भी समाज का इतना डर होता है कि वो अपने दर्द के साथ घुटते रहते हैं. ऐसा ही एक मामला सामने आया है राजधानी भोपाल के सुल्तानिया अस्पताल में, जहां 4 माह की गर्भवती होने पर नाबालिग अपने पिता के साथ अबॉर्शन पहुंची. एस्पताल ने इसकी सूचना पुलिस को दी जिसके बाद पुलिस ने बच्ची को अपने संरक्षण में लेकर कांउसलिंग शुरू की है, वहीं नाबालिग आरोपियों को भी संरक्षण में लेकर कांउसलिंग शुरू की गई है.

कैसे सामने आया मामला
निशातपुरा थाने की एसआई उर्मिला यादव ने बताया कि 3 दिन पहले सुल्तानिया अस्पताल से रात 2 बजे एक कॉल आया. उन्होंने बताया कि एक नाबालिग अपने पिता के साथ अबॉर्शन कराने आई है. उर्मिला यादव उस समय ड्यूटी करके घर ही पहुंची थी. सूचना मिलते ही तत्काल सुल्तानिया अस्पताल पहुंच गई. पुलिस ने बच्ची को कस्टडी में लिया और उसकी काउंसलिंग शुरू कर दी.

कब हुई घटना ?
लड़की ने बताया कि बैरसिया के एक गांव में अपने मामा की लड़की की शादी में मई में शामिल होने गई थी. रात को बरात लगने के दौरान उसके साथ एक लड़के ने रेप किया था. उसने धमकाते हुए कहा था कि अगर वह किसी को कुछ बताती है तो उसकी बदनामी होगी. इस डर से बच्ची ने किसी से कुछ नहीं कहा. कई बार मां के पूछने के बाद भी उसने कुछ नहीं बताया. 3 दिन पहले पेट में ज्यादा तकलीफ होने के कारण वह अपने पिता के साथ सुल्तानिया पहुंची थी.

आरोपी का नाम पता करने में पुलिस को आया पसीना

बच्ची पूछताछ में आरोपी का नाम छिपाती रही. वह केवल इतना बोल रही थी कि उसे नहीं पता बरात में कौन-कौन लोग आए थे. अंधेरे के कारण वह नहीं देख पाई कि किसने उसके साथ रेप किया. काफी पूछताछ के बाद पुलिस आरोपी तक पहुंच पाई. पुलिस ने जब उसे पूछताछ के लिए निशातपुरा थाने बुलाया तो वह भी नाबालिग निकला. पुलिस ने आरोपी को काउंसलिंग के लिए बैरसिया पुलिस के हवाले कर दिया.

माता-पिता ने कहा हम बदनामी नहीं चाहते
इससे पहले माता-पिता ने किसी भी तरह की कार्रवाई किए जाने से मना कर दिया था. उनका कहना था कि यह समाज का मामला है और वह नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी की बदनामी हो. पुलिस को माता-पिता की भी काउंसलिंग करनी पड़ी. निशातपुरा पुलिस ने जीरो एफआईआर पर दर्ज डायरी जांच के लिए बैरसिया पुलिस को सौंप दी है.

भोपाल। आज के विकसित समाज में भी लोग बलात्कार की पीड़ित और पीड़ित परिवार को किस नजर से देखते हैं, और पीडितों में भी समाज का इतना डर होता है कि वो अपने दर्द के साथ घुटते रहते हैं. ऐसा ही एक मामला सामने आया है राजधानी भोपाल के सुल्तानिया अस्पताल में, जहां 4 माह की गर्भवती होने पर नाबालिग अपने पिता के साथ अबॉर्शन पहुंची. एस्पताल ने इसकी सूचना पुलिस को दी जिसके बाद पुलिस ने बच्ची को अपने संरक्षण में लेकर कांउसलिंग शुरू की है, वहीं नाबालिग आरोपियों को भी संरक्षण में लेकर कांउसलिंग शुरू की गई है.

कैसे सामने आया मामला
निशातपुरा थाने की एसआई उर्मिला यादव ने बताया कि 3 दिन पहले सुल्तानिया अस्पताल से रात 2 बजे एक कॉल आया. उन्होंने बताया कि एक नाबालिग अपने पिता के साथ अबॉर्शन कराने आई है. उर्मिला यादव उस समय ड्यूटी करके घर ही पहुंची थी. सूचना मिलते ही तत्काल सुल्तानिया अस्पताल पहुंच गई. पुलिस ने बच्ची को कस्टडी में लिया और उसकी काउंसलिंग शुरू कर दी.

कब हुई घटना ?
लड़की ने बताया कि बैरसिया के एक गांव में अपने मामा की लड़की की शादी में मई में शामिल होने गई थी. रात को बरात लगने के दौरान उसके साथ एक लड़के ने रेप किया था. उसने धमकाते हुए कहा था कि अगर वह किसी को कुछ बताती है तो उसकी बदनामी होगी. इस डर से बच्ची ने किसी से कुछ नहीं कहा. कई बार मां के पूछने के बाद भी उसने कुछ नहीं बताया. 3 दिन पहले पेट में ज्यादा तकलीफ होने के कारण वह अपने पिता के साथ सुल्तानिया पहुंची थी.

आरोपी का नाम पता करने में पुलिस को आया पसीना

बच्ची पूछताछ में आरोपी का नाम छिपाती रही. वह केवल इतना बोल रही थी कि उसे नहीं पता बरात में कौन-कौन लोग आए थे. अंधेरे के कारण वह नहीं देख पाई कि किसने उसके साथ रेप किया. काफी पूछताछ के बाद पुलिस आरोपी तक पहुंच पाई. पुलिस ने जब उसे पूछताछ के लिए निशातपुरा थाने बुलाया तो वह भी नाबालिग निकला. पुलिस ने आरोपी को काउंसलिंग के लिए बैरसिया पुलिस के हवाले कर दिया.

माता-पिता ने कहा हम बदनामी नहीं चाहते
इससे पहले माता-पिता ने किसी भी तरह की कार्रवाई किए जाने से मना कर दिया था. उनका कहना था कि यह समाज का मामला है और वह नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी की बदनामी हो. पुलिस को माता-पिता की भी काउंसलिंग करनी पड़ी. निशातपुरा पुलिस ने जीरो एफआईआर पर दर्ज डायरी जांच के लिए बैरसिया पुलिस को सौंप दी है.

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