भोपाल| भोपाल और आर्थिक राजधानी इंदौर को मेट्रोपॉलिटन एरिया घोषित करने को लेकर कमलनाथ सरकार प्रस्ताव लाने के लिए गंभीर नजर आ रही है. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भोपाल और इंदौर में मेट्रोपॉलिटन एरिया विकसित करने के निर्देश भी जारी कर दिए हैं. सीएम ने इस संबंध में अधिनियम का प्रारूप बनाने को कहा है.
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंत्रालय में आयोजित नगरीय विकास विभाग की समीक्षा बैठक में निर्देशित किया है कि प्रदेश में हर व्यक्ति को समुचित मात्रा में पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने के लिए " जल अधिकार " अधिनियम बनाया जाए. शहरी आवास घरों को शासकीय भूमि का पट्टा और उस पर आवास निर्माण के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाए. शहरी क्षेत्रों में हर घर में नल कनेक्शन के जरिए जल प्रदाय करना भी सुनिश्चित किया जाए. सीएम ने इसके लिए विभाग से इस संबंध में अधिनियम का प्रारूप बनाने के लिए भी कहा है. बैठक में नगरीय प्रशासन विकास एवं आवास मंत्री जयवर्धन सिंह जी मुख्य रूप से उपस्थित रहे.
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि शहरी क्षेत्रों में यातायात का दबाव कम करने के लिए मास्टर प्लान बनाते समय शहरों के विस्तार की संभावनाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा जाए. शहर के चारों ओर रिंग रोड की योजना आवश्यक रूप से बनाई जाएं ताकि आने वाले समय में शहरों के अंदर यातायात का दबाव कम रहे. मुख्यमंत्री ने राज्यस्तरीय मिनी स्मार्ट सिटी नीति तैयार करने के निर्देश भी दिए हैं. उन्होंने कहा है कि नई नीति में मिनी स्मार्ट सिटी में उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं और व्यवस्थाओं का स्पष्ट रूप से जिक्र होना चाहिए.
मुख्यमंत्री ने स्मार्ट सिटी योजनाओं में गति लाने के लिए मेट्रो रेल की योजनाओं को भी शीघ्र ही मूर्त रूप देने के निर्देश भी दिए है. उन्होंने मुख्यमंत्री शहरी आवास एवं मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना योजना को भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार कर अमल में लाने के लिए कहा है. शहरी आवास ऋणों के आवास निर्माण के लिए शासन के पास उपलब्ध राशि के लिए नए वित्तीय मॉडल के मुताबिक योजना बनाने को भी लेकर उन्होंने विभाग को निर्देश दिए हैं. जिससे अधिक से अधिक आवासीय इकाइयों बन सके और लोगों को इसका समुचित लाभ मिल सके.
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में पूरी हुई जल प्रदाय और सीवेज सहित अन्य परियोजनाओं की वास्तविक उपलब्धियां का भी आकलन करने को कहा है जिससे नागरिकों को मिले लाभ की जानकारी सरकार तक पहुंच सके. सीएम कमलनाथ ने स्वच्छ भारत मिशन में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए उपलब्ध नई वैज्ञानिक पद्धतियों का उपयोग कर स्थानीय कचरे का निष्पादन करने के निर्देश दिए है.