भोपाल। बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा इस बार कोरोना काल में मनाया जा रहा है. जहां इस साल का दशहरा पिछले बार की तरह धूमधाम के साथ आयोजित नहीं किया जाएगा, लेकिन फिर भी लोगों में हर्ष उल्लास खूब देखने को मिल रहा है. इसी कड़ी में राजधानी में भी 24 से ज्यादा जगहों को चिन्हित किया गया है, जहां रावण दहन का कार्यक्रम होगा.
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रावण के जरिए कोरोना से बचाव का संदेश
दशहरा मैदान में सालों से रावण दहन किया जा रहा है. हालांकि इस बार कोरोना गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए रावण दहन की तैयारियां की गई हैं, जहां मैदान में 4 से 5 हजार लोगों को आने दिया जाएगा, जिसकी पहले संख्या 40 से 50 हजार होती थी.
पिछले साल के मुकाबले इस बार रावण की साइज छोटी रखी गई है, लेकिन संदेश बड़ा दिया जा रहा है, जिसमें रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के मुंह पर मास्क लगाया गया है. इसके माध्यम से संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि, इस वक्त जो इंसान मास्क नहीं लगा रखा है, वह सबसे बुरा इंसान है.
129 साल की परंपरा
129 साल से छोला दशहरा मैदान में रावण दहन का कार्यक्रम किया जा रहा है. हालांकि छोला दशहरा मैदान आयोजन समिति को प्रशासन ने चल समारोह निकालने की इजाजत दी है, लेकिन इस साल पहले के मुकाबले केवल 3 गाड़ियों को ही अनुमति दी गई है. इन गाड़ियों में सबसे पहले भगवान राम भगवान, दूसरे पर माता सीता और तीसरे पर रावण का पुतला रहेगा, जो विभिन्न मार्गों से होते हुए छोला दशहरा मैदान पहुंचेगा.