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आंदोलन की राह पर पटवारी संघ, भू-अभिलेख कार्य छोड़कर बाकी सभी काम बंद, अगस्त में तीन दिन के सामूहिक अवकाश पर भी जाएंगे

मध्य प्रदेश में अब पटवारी संघ ने भी आंदोलन की राह पकड़ ली है. अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर पटवारी विरोध जता रहे हैं. उन्होंने भू-अभिलेख कार्य छोड़कर अन्य सभी कार्य बंद करने का फैसला लिया है. साथ ही आगे के आंदोलन की रूपरेखा भी तैयार कर ली है.

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Published : Jul 12, 2021, 8:15 PM IST

PATWARI UNION PROTEST
आंदोलन की राह पर पटवारी संघ

भोपाल। मध्य प्रदेश पटवारी संघ भोपाल के आह्वान पर पटवारियों ने भू-अभिलेख कार्य छोड़कर अन्य सभी कार्य नहीं करने का फैसला लिया है. पटवारी संघ ने अपनी 3 सूत्रीय मांगों को लेकर विरोध शुरू कर दिया है. आंदोलन की शुरुआत 22 जून से हुई थी, अपनी मांगों को लेकर पटवारी सभी संबंधित अधिकारी और विभागों को ज्ञापन भी सौंप चुके हैं. इसके बाद भी उनकी मांगे नहीं मानी गईं. जिसके बाद अब अपनी मांगों पर पटवारियों ने सख्त रुक अपना लिया है. वे सिर्फ भू-अभिलेख से जुड़े नक्शा, खसरा और बी-1 के काम ही करेंगे.

मध्य प्रदेश पटवारी संघ के पदाधिकारियों ने कहा, 'इस समय पटवारी अपने कार्यों के साथ-साथ सरकार के अन्य विभागों के भी विभिन्न कार्य कर रहे हैं. पूरे कोरोना काल में उन्होंने जान जोखिम में डालकर मरीजों की सेवा की, मरीजों को अस्पताल पहुंचाया. पटवारियों ने प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर टीकाकरण के काम में भी बढ़-चढ़कर सहयोग किया, लेकिन इसके बाद भी उनकी मांगों पर सरकार का कोई ध्यान नहीं है. इसलिए अब मध्यप्रदेश पटवारी संघ आंदोलन की राह पर है'.

आंदोलन की राह पर पटवारी संघ

तीन सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल

अपनी 3 सूत्रीय मांगों के समर्थन में सोमवार को मध्य प्रदेश के सभी पटवारियों ने भू-अभिलेख को छोड़कर अन्य किसी प्रकार के काम नहीं करने का फैसला किया है. अब पटवारी सिर्फ भू-अभिलेख से जुड़े नक्शा, खसरा और बी-1 के काम ही करेंगे. आपको पटवारियों की मांग भी बता देंते हैं

पहली मांग, पटवारियों का ग्रेड-पे 2800 रुपए करते हुए समय मान वेतनमान विसंगति को दूर किया जाए.

दूसरी मांग, गृह जिले में पदस्थापना हो, वर्तमान में कई पटवारियों को गृह जिले से सैकड़ों किलोमीटर दूर पदस्थ कर दिया गया है.

तीसरी मांग, नवीन पटवारियों की CPCT की अनिवार्यता संबंधी नियम समाप्त किया जाए.

पटवारी संघ मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि 2800 वेतनमान के लिए शासन ने पत्र भी जारी कर दिया था. तत्कालीन कमलनाथ सरकार के समय राजस्व मंत्री ने इसके लिए आदेश जारी करने के लिए भी पत्र जारी किया था. जिस पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है, लगातार आश्वासन मिलते रहे हैं. राजस्व निरीक्षकों की वेतन वृद्धि की गई है, परंतु पटवारियों की वेतन वृद्धि ना होने से पटवारी संवर्ग नाराज है.

परिवार की जिम्मेदारी निभाने से वंचित

पटवारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने आगे बताया कि पटवारी का पद जिले संबंध होता है, परंतु पिछली भर्ती में लगभग 10,000 से अधिक पटवारी भर्ती हुए थे. उनमें से 6000 की नियुक्ति दूसरे जिलों में कर दी गई है. पटवारी ग्रामीण अंचलों में काम करते हैं तो उन्हें भाषा की भी समस्या होती है, परंतु पटवारियों को उनके घर से 800 किलोमीटर दूर तक पदस्थापना कर दी गई है. इसके चलते वे लोग अपने पारिवारिक दायित्व नहीं निभा पा रहे हैं. इसलिए पटवारियों को उनके गृह जिले में पदस्थापना दी जाए.

सरकार Vs प्राइवेट स्कूल: बच्चों के हित में कल से फिर शुरू होगी ऑनलाइन क्लास, HC पहुंचा प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन

आने वाले समय भी होंगे आंदोलन

अपनी मांगों को लेकर पटवारी संघ ने सख्त रुक अपना लिया. उनका साफ कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी तब तक वह विरोध प्रदर्शन करते रहेंगे. हालांकि टीकाकरण जन सहयोग का काम है इसलिए पटवारी इसे जारी रखेंगे. आने वाले समय में पटवारी और भी कई प्रदर्शन करने वाले हैं. जिसके लिए उन्होंने रूपरेखा भी तैयार कर ली है.

पटवारी संघ के आंदोलन की रूप रेखा

2 से 4 अगस्त तक सामूहिक रूप से तीन दिन की हड़ताल पर रहेंगे.

3 अगस्त को जिला स्तर पर रैली निकालकर ज्ञापन सौंपे जाएंगे.

5 अगस्त को वेब पोर्टल, वेब GIS सहित सभी ऑनलाइन कार्यों का बहिष्कार करेंगे.

10 अगस्त को पटवारी अनिश्चितकालीन कलमबंद हड़ताल पर चले जाएंगे.

भोपाल। मध्य प्रदेश पटवारी संघ भोपाल के आह्वान पर पटवारियों ने भू-अभिलेख कार्य छोड़कर अन्य सभी कार्य नहीं करने का फैसला लिया है. पटवारी संघ ने अपनी 3 सूत्रीय मांगों को लेकर विरोध शुरू कर दिया है. आंदोलन की शुरुआत 22 जून से हुई थी, अपनी मांगों को लेकर पटवारी सभी संबंधित अधिकारी और विभागों को ज्ञापन भी सौंप चुके हैं. इसके बाद भी उनकी मांगे नहीं मानी गईं. जिसके बाद अब अपनी मांगों पर पटवारियों ने सख्त रुक अपना लिया है. वे सिर्फ भू-अभिलेख से जुड़े नक्शा, खसरा और बी-1 के काम ही करेंगे.

मध्य प्रदेश पटवारी संघ के पदाधिकारियों ने कहा, 'इस समय पटवारी अपने कार्यों के साथ-साथ सरकार के अन्य विभागों के भी विभिन्न कार्य कर रहे हैं. पूरे कोरोना काल में उन्होंने जान जोखिम में डालकर मरीजों की सेवा की, मरीजों को अस्पताल पहुंचाया. पटवारियों ने प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर टीकाकरण के काम में भी बढ़-चढ़कर सहयोग किया, लेकिन इसके बाद भी उनकी मांगों पर सरकार का कोई ध्यान नहीं है. इसलिए अब मध्यप्रदेश पटवारी संघ आंदोलन की राह पर है'.

आंदोलन की राह पर पटवारी संघ

तीन सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल

अपनी 3 सूत्रीय मांगों के समर्थन में सोमवार को मध्य प्रदेश के सभी पटवारियों ने भू-अभिलेख को छोड़कर अन्य किसी प्रकार के काम नहीं करने का फैसला किया है. अब पटवारी सिर्फ भू-अभिलेख से जुड़े नक्शा, खसरा और बी-1 के काम ही करेंगे. आपको पटवारियों की मांग भी बता देंते हैं

पहली मांग, पटवारियों का ग्रेड-पे 2800 रुपए करते हुए समय मान वेतनमान विसंगति को दूर किया जाए.

दूसरी मांग, गृह जिले में पदस्थापना हो, वर्तमान में कई पटवारियों को गृह जिले से सैकड़ों किलोमीटर दूर पदस्थ कर दिया गया है.

तीसरी मांग, नवीन पटवारियों की CPCT की अनिवार्यता संबंधी नियम समाप्त किया जाए.

पटवारी संघ मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि 2800 वेतनमान के लिए शासन ने पत्र भी जारी कर दिया था. तत्कालीन कमलनाथ सरकार के समय राजस्व मंत्री ने इसके लिए आदेश जारी करने के लिए भी पत्र जारी किया था. जिस पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है, लगातार आश्वासन मिलते रहे हैं. राजस्व निरीक्षकों की वेतन वृद्धि की गई है, परंतु पटवारियों की वेतन वृद्धि ना होने से पटवारी संवर्ग नाराज है.

परिवार की जिम्मेदारी निभाने से वंचित

पटवारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने आगे बताया कि पटवारी का पद जिले संबंध होता है, परंतु पिछली भर्ती में लगभग 10,000 से अधिक पटवारी भर्ती हुए थे. उनमें से 6000 की नियुक्ति दूसरे जिलों में कर दी गई है. पटवारी ग्रामीण अंचलों में काम करते हैं तो उन्हें भाषा की भी समस्या होती है, परंतु पटवारियों को उनके घर से 800 किलोमीटर दूर तक पदस्थापना कर दी गई है. इसके चलते वे लोग अपने पारिवारिक दायित्व नहीं निभा पा रहे हैं. इसलिए पटवारियों को उनके गृह जिले में पदस्थापना दी जाए.

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आने वाले समय भी होंगे आंदोलन

अपनी मांगों को लेकर पटवारी संघ ने सख्त रुक अपना लिया. उनका साफ कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी तब तक वह विरोध प्रदर्शन करते रहेंगे. हालांकि टीकाकरण जन सहयोग का काम है इसलिए पटवारी इसे जारी रखेंगे. आने वाले समय में पटवारी और भी कई प्रदर्शन करने वाले हैं. जिसके लिए उन्होंने रूपरेखा भी तैयार कर ली है.

पटवारी संघ के आंदोलन की रूप रेखा

2 से 4 अगस्त तक सामूहिक रूप से तीन दिन की हड़ताल पर रहेंगे.

3 अगस्त को जिला स्तर पर रैली निकालकर ज्ञापन सौंपे जाएंगे.

5 अगस्त को वेब पोर्टल, वेब GIS सहित सभी ऑनलाइन कार्यों का बहिष्कार करेंगे.

10 अगस्त को पटवारी अनिश्चितकालीन कलमबंद हड़ताल पर चले जाएंगे.

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