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MP Narmada Statue: विधानसभा में मां नर्मदा के सम्मान का सवाल, मूर्ति पर वस्त्र नहीं होने पर हिंदूवादी संगठन नाराज

एमपी विधानसभा के बाहर स्थापित मां नर्मदा की लेटी प्रतिमा को लेकर मुद्दा गरमा गया है. (Narmada Statue Installed of MP Assembly) दरअसल हिंदूवादी संगठनों ने मूर्ति पर वस्त्र नही होने के चलते बीजेपी सरकार पर ही आक्रोश जताते हुए सवाल खड़े किए हैं.

Narmada Statue Installed of MP Assembly
एमपी विधानसभा के बाहर स्थापित मां नर्मदा की लेटी प्रतिमा
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Published : Jan 7, 2023, 8:08 AM IST

Updated : Jan 7, 2023, 10:54 AM IST

विधानसभा में मां नर्मदा के सम्मान का सवाल

भोपाल। विधानसभा में मंदिर के लिए हाल ही में भूमिपूजन हुआ तो परिसर में लगी मां नर्मदा की प्रतिमा को लेकर भी मामला गरमा गया. हिंदू संगठनों का विरोध है कि भगवा सरकार में जब लोकतंत्र के मंदिर में मंदिर के लिए भूमिपूजन हो रहा है तो करोड़ों लोगों की आस्थाओं की केन्द्र मां नर्मदा के सम्मान का ख्याल क्यों नहीं है. (Narmada Statue Installed of MP Assembly) बता दें कि चार्ल्स कोरिया ने जब विधानसभा की डिजाइनिंग की तो यहां मां नर्मदा की प्रतिमा भी बनाई थी, जिस पर वस्त्र नहीं है. इसी को लेकर हिंदू संगठनों ने कहा कि, "पिछले 17 साल से बीजेपी सरकार सत्ता में काबिज है, लेकिन किसी का भी ध्यान परिसर में नर्मदा की मूर्ति पर नहीं गया. जिनकी मूर्ति को पाश्चात्य संस्कृति की तर्ज पर बनाया गया और उन पर वस्त्र भी नही उढ़ाए गए."

सूखा पड़ा है फाउंटेन: विधानसभा परिसर में एक बड़ा जलीय नक्सा बनाया गया है, जिसे दूर से देखने पर पता चलता है कि ये मध्यप्रदेश का नक्शा है. नक्शे को इस तरह डिजाइन किया गया है कि उसमें पानी भरा जा सके. इसी पर नर्मदा की मूर्ति भी बनाई गई है जो लेटी हुई हैं. लेकिन इस मूर्ति को खजुराहो की मूर्तियों की तरह निर्वस्त्र दिखाया गया है. उस समय के कर्मचारियों का कहना है कि इस परिसर में नर्मदा की मूर्ति बनाई गई थी और यहां पर एक फाउंटेन लगाया गया था, लेकिन बड़ी तकनीकी खामी के चलते यहां के फाउंटेन में पानी नहीं आ सका, तब से ही यहां पर ये फाउंटेन की जगह सूखी पड़ी है, आज तक इसमें पानी नहीं भरा गया.

हिंदू संगठनों ने जताया विरोध: मां नर्मदा को देवी माना गया है, आस्था की प्रतीक नर्मदा की मूर्ति को इस तरह रखा गया है. इस पर हिंदू संगठनों ने नाराजगी जताते हुए नर्मदा की मूर्ति को वस्त्रों से ढकने की मांग की है. इसके लिए हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ताओं ने विधानसभा अध्यक्ष से मिलने की बात कही है. संस्कृति बचाओ मंच के संयोजक चंद्रशेखर तिवारी का कहना है कि 'हम अध्यक्ष से मिलकर मांग करेंगे कि 'नर्मदा की मूर्ति पर ध्यान देकर मूर्ति को पेंट कराएं और उन्हें वस्त्र धारण कराएं.'

ऐसा है भवन का डिजाइन: विधानसभा भवन की डिजाइन विख्‍यात वास्‍तुविद् चार्ल्‍स कोरिया ने तैयार किया था. (MP Assembly Design) ये भवन 1996 में बनकर पूरा हुआ, इसे बनने में 12 साल लगे. पूरा भवन वृत्‍ताकार है, जिसका व्‍यास 140 मीटर है. समुद्रतल से इसकी ऊंचाई 573.25 मीटर है, इसमें केन्‍द्रीय वातानुकूलन की व्‍यवस्‍था है. भवन को 6 सेक्‍टरों में बांटा गया है. भवन में विधानसभा के साथ-साथ विधान परिषद के लिए हॉल बनाया गया है, इसमें प्राकृतिक रोशनी आने की व्‍यवस्‍था है. भवन का फर्नीचर सडार वुड का है, प्रवेश द्वार पर ''जीवन वृक्ष'' नामक एक विशाल पेंटिंग है, जिसमें प्रदेश के ऐतिहासिक स्‍थलों को दर्शाया गया है.

वास्तुकला को मिल चुका है अवार्ड: भवन के मुख्‍य प्रवेश द्वार पर कुंड की संरचना निर्मित है, जो विधानसभा में होने वाले लोकतंत्र के यज्ञ को आभासित करता है. कुंड के पास की भित्तियों पर लोक कलाकारों द्वारा सुंदर चित्र बनाए गए हैं. इसी के पास प्रदेश का एक जलीय नक्‍शा निर्मित किया गया है, जिसमें 36 फीट लंबी एवं 6 फीट ऊंची तथा 36 टन वजनी ग्रेनाइट में बनी मूर्ति स्‍थापित है. भवन में जगह-जगह पर ख्‍यातिनाम चित्रकारों की पेंटिंग्‍स एवं पत्‍थर शिल्‍प रखे गए हैं, जो भवन की सुंदरता बढ़ाने में सहायक है. भवन को वास्‍तुकला के क्षेत्र में विश्‍व प्रसिद्ध आगा खां अवार्ड भी मिल चुका है.

आस्था के प्रति अटूट प्रेम, 4 साल की बच्ची पैदल चलकर कर रही है नर्मदा परिक्रमा, सीहोर में हुआ भव्य स्वागत

सियासत केंद्र में नर्मदा: मध्यप्रदेश की जीवनरेखा कहलाने वाली मां नर्मदा आस्था का प्रतीक हैं. आस्था से इतर राजनीतिक तौर पर भी नर्मदा एमपी में सियासत के केन्द्र में रहती हैं. ये एक ऐसी नदी है जिसकी परिक्रमा भी की जाती है, इस बेल्ट में बसे लोगों की नर्मदा में भारी आस्था है और वे नर्मदा को मां देवी मानते हैं. नर्मदा की पट्टी करीब 110 विधानसभा सीट प्रभावित करती है. सीएम शिवराज ने 2018 के विधानसभा चुनाव के पहले नर्मदा यात्रा निकाली थी, तो वहीं दिग्विजय ने नर्मदा परिक्रमा के जरिए नर्मदा किनारे की 80 से ज्यादा विधानसभा सीटों पर कांग्रेस को मजबूत किया था.

विधानसभा में मां नर्मदा के सम्मान का सवाल

भोपाल। विधानसभा में मंदिर के लिए हाल ही में भूमिपूजन हुआ तो परिसर में लगी मां नर्मदा की प्रतिमा को लेकर भी मामला गरमा गया. हिंदू संगठनों का विरोध है कि भगवा सरकार में जब लोकतंत्र के मंदिर में मंदिर के लिए भूमिपूजन हो रहा है तो करोड़ों लोगों की आस्थाओं की केन्द्र मां नर्मदा के सम्मान का ख्याल क्यों नहीं है. (Narmada Statue Installed of MP Assembly) बता दें कि चार्ल्स कोरिया ने जब विधानसभा की डिजाइनिंग की तो यहां मां नर्मदा की प्रतिमा भी बनाई थी, जिस पर वस्त्र नहीं है. इसी को लेकर हिंदू संगठनों ने कहा कि, "पिछले 17 साल से बीजेपी सरकार सत्ता में काबिज है, लेकिन किसी का भी ध्यान परिसर में नर्मदा की मूर्ति पर नहीं गया. जिनकी मूर्ति को पाश्चात्य संस्कृति की तर्ज पर बनाया गया और उन पर वस्त्र भी नही उढ़ाए गए."

सूखा पड़ा है फाउंटेन: विधानसभा परिसर में एक बड़ा जलीय नक्सा बनाया गया है, जिसे दूर से देखने पर पता चलता है कि ये मध्यप्रदेश का नक्शा है. नक्शे को इस तरह डिजाइन किया गया है कि उसमें पानी भरा जा सके. इसी पर नर्मदा की मूर्ति भी बनाई गई है जो लेटी हुई हैं. लेकिन इस मूर्ति को खजुराहो की मूर्तियों की तरह निर्वस्त्र दिखाया गया है. उस समय के कर्मचारियों का कहना है कि इस परिसर में नर्मदा की मूर्ति बनाई गई थी और यहां पर एक फाउंटेन लगाया गया था, लेकिन बड़ी तकनीकी खामी के चलते यहां के फाउंटेन में पानी नहीं आ सका, तब से ही यहां पर ये फाउंटेन की जगह सूखी पड़ी है, आज तक इसमें पानी नहीं भरा गया.

हिंदू संगठनों ने जताया विरोध: मां नर्मदा को देवी माना गया है, आस्था की प्रतीक नर्मदा की मूर्ति को इस तरह रखा गया है. इस पर हिंदू संगठनों ने नाराजगी जताते हुए नर्मदा की मूर्ति को वस्त्रों से ढकने की मांग की है. इसके लिए हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ताओं ने विधानसभा अध्यक्ष से मिलने की बात कही है. संस्कृति बचाओ मंच के संयोजक चंद्रशेखर तिवारी का कहना है कि 'हम अध्यक्ष से मिलकर मांग करेंगे कि 'नर्मदा की मूर्ति पर ध्यान देकर मूर्ति को पेंट कराएं और उन्हें वस्त्र धारण कराएं.'

ऐसा है भवन का डिजाइन: विधानसभा भवन की डिजाइन विख्‍यात वास्‍तुविद् चार्ल्‍स कोरिया ने तैयार किया था. (MP Assembly Design) ये भवन 1996 में बनकर पूरा हुआ, इसे बनने में 12 साल लगे. पूरा भवन वृत्‍ताकार है, जिसका व्‍यास 140 मीटर है. समुद्रतल से इसकी ऊंचाई 573.25 मीटर है, इसमें केन्‍द्रीय वातानुकूलन की व्‍यवस्‍था है. भवन को 6 सेक्‍टरों में बांटा गया है. भवन में विधानसभा के साथ-साथ विधान परिषद के लिए हॉल बनाया गया है, इसमें प्राकृतिक रोशनी आने की व्‍यवस्‍था है. भवन का फर्नीचर सडार वुड का है, प्रवेश द्वार पर ''जीवन वृक्ष'' नामक एक विशाल पेंटिंग है, जिसमें प्रदेश के ऐतिहासिक स्‍थलों को दर्शाया गया है.

वास्तुकला को मिल चुका है अवार्ड: भवन के मुख्‍य प्रवेश द्वार पर कुंड की संरचना निर्मित है, जो विधानसभा में होने वाले लोकतंत्र के यज्ञ को आभासित करता है. कुंड के पास की भित्तियों पर लोक कलाकारों द्वारा सुंदर चित्र बनाए गए हैं. इसी के पास प्रदेश का एक जलीय नक्‍शा निर्मित किया गया है, जिसमें 36 फीट लंबी एवं 6 फीट ऊंची तथा 36 टन वजनी ग्रेनाइट में बनी मूर्ति स्‍थापित है. भवन में जगह-जगह पर ख्‍यातिनाम चित्रकारों की पेंटिंग्‍स एवं पत्‍थर शिल्‍प रखे गए हैं, जो भवन की सुंदरता बढ़ाने में सहायक है. भवन को वास्‍तुकला के क्षेत्र में विश्‍व प्रसिद्ध आगा खां अवार्ड भी मिल चुका है.

आस्था के प्रति अटूट प्रेम, 4 साल की बच्ची पैदल चलकर कर रही है नर्मदा परिक्रमा, सीहोर में हुआ भव्य स्वागत

सियासत केंद्र में नर्मदा: मध्यप्रदेश की जीवनरेखा कहलाने वाली मां नर्मदा आस्था का प्रतीक हैं. आस्था से इतर राजनीतिक तौर पर भी नर्मदा एमपी में सियासत के केन्द्र में रहती हैं. ये एक ऐसी नदी है जिसकी परिक्रमा भी की जाती है, इस बेल्ट में बसे लोगों की नर्मदा में भारी आस्था है और वे नर्मदा को मां देवी मानते हैं. नर्मदा की पट्टी करीब 110 विधानसभा सीट प्रभावित करती है. सीएम शिवराज ने 2018 के विधानसभा चुनाव के पहले नर्मदा यात्रा निकाली थी, तो वहीं दिग्विजय ने नर्मदा परिक्रमा के जरिए नर्मदा किनारे की 80 से ज्यादा विधानसभा सीटों पर कांग्रेस को मजबूत किया था.

Last Updated : Jan 7, 2023, 10:54 AM IST
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