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लोकायुक्त ने खनिज अधिकारी के घर की छापामार कार्रवाई, परिवार ने दी सफाई - लोकायुक्त भोपाल

राजधानी भोपाल में खनिज अधिकारी के घर लोकायुक्त टीम द्वारा छापामार कार्रवाई की गई है, जिस पर परिवार ने सफाई देते हुए करोड़ों के दस्तावेज, लग्जरी गाड़ी सहित 6 लाख रुपये की नगदी के आरोपों को गलत बताया है.

Guerrilla action at the house of the mineral officer
खनिज अधिकारी के घर छापामार कार्रवाई
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Published : Sep 2, 2020, 2:35 AM IST

भोपाल। गौतम नगर में रहने वाले खनिज अधिकारी प्रदीप खन्ना के घर पर लोकायुक्त द्वारा छापामार कार्रवाई की गई, जिसमें करोड़ों के दस्तावेज बरामद हुए हैं. इसके अलावा घर से 6 लाख रुपए नगद, दो लग्जरी गाड़ी और 4 टू व्हीलर गाड़ियां भी बरामद की गई हैं. इस कार्रवाई के बावजूद भी अब खन्ना परिवार ने सफाई देते हुए कहा है कि उनके घर से किसी भी प्रकार के करोड़ों के दस्तावेज बरामद नहीं हुए हैं, जो पैसे बरामद किए गए हैं वह घर में इमरजेंसी के लिए रखे गए थे. उनके घर पर किसी भी प्रकार की कोई लग्जरी गाड़ी नहीं मिली है, बल्कि जिस गाड़ी का जिक्र किया जा रहा है वह वर्ष 2002 में खरीदी गई थी.

इस पूरे मामले पर खनिज अधिकारी प्रदीप खन्ना की बहन ने कहा है कि लोकायुक्त टीम द्वारा घर पर छापामार कार्रवाई की गई थी. इस दौरान पूरा परिवार व्यस्त था. लोकायुक्त की कार्रवाई में पूरा सहयोग भी किया गया है. उन्होंने कहा कि जिस घर को प्रदीप खन्ना के नाम पर बताया जा रहा है, असल में वह उनकी मां के नाम पर है, जिनका निधन 22 वर्ष पहले हो चुका है, लेकिन मकान का नामांतरण किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर नहीं कराया गया है. उन्होंने बताया कि पूरा परिवार एक साथ रहता है. घर में तीन बहने और दो भाई हैं, जो अपने परिवार के साथ निवास करते हैं.

उन्होंने बताया कि लोकायुक्त की कार्रवाई के दौरान 6 लाख रुपए घर से नगद बरामद हुए हैं, जो समस्त परिवार के हैं, जिन्हें इमरजेंसी के लिए रखा गया था, क्योंकि जनवरी में भतीजे का एक्सीडेंट हुआ था. इस दौरान हॉस्पिटल में इलाज के लिए पैसों की आवश्यकता पड़ी थी, लेकिन उस समय पैसे नहीं थे. इसी वजह से घर में पैसे रखे गए थे, ताकि जरूरत पड़ने पर उनका इस्तेमाल किया जा सके.

उन्होंने कहा कि वह बीएचईएल से रिटायर्ड हैं, उनकी छोटी बहन एसबीआई शाखा से रिटायर हुई हैं. इसके अलावा एक और बहन यहां रह रही हैं. इस घर में छोटा भाई अपने परिवार के साथ ही रहता है, जो रेलवे में अधिकारी है. प्रदीप खनिज विभाग में अधिकारी हैं, जिसका कुछ समय पहले ही ट्रांसफर हुआ था.

उन्होंने बताया कि जब लोकायुक्त की कार्रवाई खत्म हुई तो समाचारन में करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी के दस्तावेज जब्त होने की बात दिखाई जा रही है, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है. घर से किसी प्रकार की करोड़ों की प्रॉपर्टी के दस्तावेज जब्त नहीं किए गए हैं. कुछ लग्जरी गाड़ियां भी बरामद करने की बात कही जा रही है, जबकि वर्ष 2002 में खरीदी गई थी, जो करीब 18 साल पुरानी हो चुकी है. इसके अलावा टू व्हीलर गाड़ियां परिवार के सदस्यों द्वारा ही खरीदे गए हैं.

भोपाल। गौतम नगर में रहने वाले खनिज अधिकारी प्रदीप खन्ना के घर पर लोकायुक्त द्वारा छापामार कार्रवाई की गई, जिसमें करोड़ों के दस्तावेज बरामद हुए हैं. इसके अलावा घर से 6 लाख रुपए नगद, दो लग्जरी गाड़ी और 4 टू व्हीलर गाड़ियां भी बरामद की गई हैं. इस कार्रवाई के बावजूद भी अब खन्ना परिवार ने सफाई देते हुए कहा है कि उनके घर से किसी भी प्रकार के करोड़ों के दस्तावेज बरामद नहीं हुए हैं, जो पैसे बरामद किए गए हैं वह घर में इमरजेंसी के लिए रखे गए थे. उनके घर पर किसी भी प्रकार की कोई लग्जरी गाड़ी नहीं मिली है, बल्कि जिस गाड़ी का जिक्र किया जा रहा है वह वर्ष 2002 में खरीदी गई थी.

इस पूरे मामले पर खनिज अधिकारी प्रदीप खन्ना की बहन ने कहा है कि लोकायुक्त टीम द्वारा घर पर छापामार कार्रवाई की गई थी. इस दौरान पूरा परिवार व्यस्त था. लोकायुक्त की कार्रवाई में पूरा सहयोग भी किया गया है. उन्होंने कहा कि जिस घर को प्रदीप खन्ना के नाम पर बताया जा रहा है, असल में वह उनकी मां के नाम पर है, जिनका निधन 22 वर्ष पहले हो चुका है, लेकिन मकान का नामांतरण किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर नहीं कराया गया है. उन्होंने बताया कि पूरा परिवार एक साथ रहता है. घर में तीन बहने और दो भाई हैं, जो अपने परिवार के साथ निवास करते हैं.

उन्होंने बताया कि लोकायुक्त की कार्रवाई के दौरान 6 लाख रुपए घर से नगद बरामद हुए हैं, जो समस्त परिवार के हैं, जिन्हें इमरजेंसी के लिए रखा गया था, क्योंकि जनवरी में भतीजे का एक्सीडेंट हुआ था. इस दौरान हॉस्पिटल में इलाज के लिए पैसों की आवश्यकता पड़ी थी, लेकिन उस समय पैसे नहीं थे. इसी वजह से घर में पैसे रखे गए थे, ताकि जरूरत पड़ने पर उनका इस्तेमाल किया जा सके.

उन्होंने कहा कि वह बीएचईएल से रिटायर्ड हैं, उनकी छोटी बहन एसबीआई शाखा से रिटायर हुई हैं. इसके अलावा एक और बहन यहां रह रही हैं. इस घर में छोटा भाई अपने परिवार के साथ ही रहता है, जो रेलवे में अधिकारी है. प्रदीप खनिज विभाग में अधिकारी हैं, जिसका कुछ समय पहले ही ट्रांसफर हुआ था.

उन्होंने बताया कि जब लोकायुक्त की कार्रवाई खत्म हुई तो समाचारन में करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी के दस्तावेज जब्त होने की बात दिखाई जा रही है, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है. घर से किसी प्रकार की करोड़ों की प्रॉपर्टी के दस्तावेज जब्त नहीं किए गए हैं. कुछ लग्जरी गाड़ियां भी बरामद करने की बात कही जा रही है, जबकि वर्ष 2002 में खरीदी गई थी, जो करीब 18 साल पुरानी हो चुकी है. इसके अलावा टू व्हीलर गाड़ियां परिवार के सदस्यों द्वारा ही खरीदे गए हैं.

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