भोपाल। प्रदेश भर में शराब ठेकेदार और सरकार के बीच विवाद लगातार बढ़ता ही जा रहा है. हालांकि शराब ठेकेदारों ने अपनी मांगों को लेकर हाईकोर्ट का रुख कर लिया है, जिसकी अगली सुनवाई 17 जून 2020 को होनी है, लेकिन उससे पहले ही शराब ठेकेदारों ने अपना विरोध दर्ज कराने के लिए दुकानों को सरेंडर कर दिया है. अब सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही है कि इन सभी दुकानों को संचालित कैसे किया जाए, क्योंकि कोरोना वायरस के चलते शासकीय अमला दूसरे कार्यों में व्यस्त है, जिसे देखते हुए अब सरेंडर की गई दुकानों के लिए सरकार नए सिरे से ठेके देने जा रही है. इसमें लगने वाले समय को देखते हुए कम अवधि के ठेके देने का फार्मूला वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर अपनाया जा रहा है. इसमें 7 दिनों के लिए दुकान संचालन का ठेका देने की तैयारी की जायेगी.
35 दुकानों के लिए 12 जून से टेंडर
कलेक्टर तरुण पिथोड़े द्वारा राजधानी की 35 दुकानों के ठेके के संबंध में निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं. 7 दिनों के लिए आवंटित होने वाले इन ठेकों के टेंडर 12 जून को खोले जाएंगे. 11 जून-12 जून दोपहर 3 बजे तक टेंडर फार्म जमा किए जा सकते हैं. इसके बाद शाम साढ़े 4 बजे कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला समिति इन टेंडरों को खोलेगी.
शराब ठेकेदारों द्वारा दुकानें संचालित नहीं करने के बाद जिला प्रशासन ने दुकानें अधिग्रहित कर ली हैं. इन्हीं में नए ठेकेदार दुकानें खुलेंगी. दुकान का किराया, बिजली बिल, परिवहन व्यय, टूट-फूट, विक्रयकर्ता व्यवस्था, वेतन का खर्च वहन करना होगा.
सरकार द्वारा नए फार्मूले के तहत वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है, जिसमें 7 दिनों का दुकान संचालन का ठेका दिया जाएगा.यह अवधि अधिकतम 1 माह तक बढ़ाई जा सकती है. इस दौरान सरकार वित्तीय वर्ष 2020 -21 की शेष अवधि के लिए दुकान नीलाम करने की प्रक्रिया पूरी कर लेगी. प्रदेश में 3 हजार 605 देसी-विदेशी शराब की दुकानें हैं, लेकिन इनमें से 1 हजार 909 दुकानें पहले से चल रही हैं. बाकी दुकानों के लिए नीलामी की प्रक्रिया की जाएगी.
अधिकारियों-कर्मचारियों के माध्यम से खुलवाई 450 दुकानें
वाणिज्यिक कर विभाग ने शराब दुकानें बंद रहने से होने वाले राजस्व नुकसान को देखते हुए करीब 450 दुकानें 10 जून यानि बुधवार को आबकारी अधिकारियों- कर्मचारियों के माध्यम से फिर से प्रारंभ करवा दी हैं. सरकार नहीं चाहती है कि यह नुकसान ज्यादा दिनों तक बना रहे, इसीलिए कम अवधि के ठेके करने का निर्णय लिया गया है. दुकान चलाने के ठेके 7 दिनों के लिए होंगे. इसे एक बार में एक सप्ताह के लिए बढ़ाते हुए अधिकतम 4 सप्ताह तक के लिए बढ़ाया जा सकेगा.
5 समूह से ज्यादा दुकानें नहीं होंगी आवंटित
आबकारी आयुक्त को यह अधिकार दिया गया है कि वह जरूरत के हिसाब से अवधि में वृद्धि कर सकेंगे. दुकान नीलामी की सूचना जारी करने के तीसरे दिन निविदा खोली जाएगी. उच्चतम दर वाले सफल निविदाकार को दुकान संचालन के लिए लाइसेंस दे दिया जाएगा. टेंडर एकल समूह के लिए 10 हजार रुपए का होगा. प्रत्येक लाइसेंस के लिए शुल्क 5 हजार रुपए तय किया गया है. वाणिज्यक कर विभाग के अनुसार दुकानों का आवंटन छोटे-छोटे समूह में किया जाएगा. जिले में किसी भी व्यक्ति को अधिकतम बोली के आधार पर 5 समूह से अधिक दुकानें आवंटित नहीं की जाएगी, ताकि शराब ठेकेदार दूसरे के नाम से दुकानें लेकर अपना अधिकार ना जमा सकें. एक व्यक्ति के द्वारा पांच से अधिक समूहों में उच्चतम ऑफर देने पर चयन की स्थिति में उच्चतम वार्षिक मूल्य वाले 5 समूहों को आवंटन के लिए विचार किया जाएगा.
ड्यूटी के आधार पर मिलेगी शराब
ठेकेदारों को वर्ष 2020 -21 के लिए ड्यूटी के आधार पर शराब दी जाएगी. इसके लिए लाइसेंसधारी को देसी शराब के लिए शराब की कीमत, ड्यूटी, वेट, आयकर और विदेशी शराब के लिए शराब की कीमत, ड्यूटी, 8 प्रतिशत परिवहन फीस, वेट और आयकर की राशि अग्रिम रूप से ऑनलाइन जमा करने के बाद ही शराब बेचने की पात्रता मिलेगी. किसी भी शराब दुकान के लिए प्रचलित वर्ष के लिए प्राप्त वार्षिक मूल्य में 365 का भाग देने पर अर्जित 1 दिन के मूल्य को आरक्षित मूल्य मान्य किया जाएगा. इसके विरुद्ध प्राप्त और स्वीकृत टेंडर दर ऑफर को शराब दुकान के संचालन के लिए दैनिक गारंटीड ड्यूटी की राशि माना जाएगा.