भोपाल। कोरोना संक्रमण को लेकर देशभर में चौथे चरण का लॉकडाउन जारी है. लॉकडाउन 4.0 में सरकार ने राहत देते हुए भवन निर्माण और कंस्ट्रक्शन को शर्तों के साथ अनुमति दी है. लेकिन निर्माण कार्य शुरू करने की अनुमति मिलने के बाद भी अब ठेकेदारों के सामने मजदूरों को लेकर नया संकट खड़ा हो गया है. सभी मजदूर लॉकडाउन में अपने घर लौट गए हैं और ठेकेदारों को मजदूर मिलना भी मुश्किल हो गया है. कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए पिछले करीब दो महीनों से कई व्यापार व्यवसाय और काम ठप पड़े हुए हैं.
लॉकडाउन 4.0 में सरकार ने कुछ राहत देते हुए निर्माण कार्यों की अनुमति दी है. लेकिन अनुमति मिलने के बाद भी ठेकेदार खासे परेशान हैं. क्योंकि ठेकेदारों के पास काम करवाने के लिए मजदूर ही नहीं हैं. लॉकडाउन में लगभग सभी प्रवासी मजदूर अपने-अपने घर लौट गए हैं. कोरोना संक्रमण की उन पर ऐसी मार पड़ी है कि अब वह वापस लौटेंगे या नहीं यह भी कहा नहीं जा सकता है. ठेकेदारों का कहना है कि सरकार की अनुमति के बाद काम तो शुरू कर दिया गया है, लेकिन उनके पास पर्याप्त मजदूर ही नहीं हैं महज इक्का-दुक्का मजदूरों से ही काम चलाना पड़ रहा है.
इधर मध्य प्रदेश सरकार के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि ऐसा नहीं है कि मजदूर अपने घर लौट गए हैं तो अब काम के लिए वापस नहीं आएंगे. उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों से कई मजदूर मध्यप्रदेश लौटे थे, लेकिन उन्हें जैसे ही पता चला कि उनके उद्योगों में और अन्य स्थानों पर काम शुरू हो गए है तो वह वापस लौट गए हैं. मध्यप्रदेश से करीब 500 से 600 मजदूर काम पर दूसरे राज्यों में वापस लौट गए हैं.
लॉकडाउन में सबसे ज्यादा फजीहत प्रवासी मजदूरों की ही हुई है. दूसरे राज्य में काम करने गए मजदूरों को खाने के तक लाले पड़ गए. शासन प्रशासन ने कोई मदद नहीं की तो कई मजदूर पैदल तो कुछ मजदूर ट्रकों और दूसरे वाहनों से अपने घरों के लिए रवाना हो गए. कुछ मजदूर ऐसे भी हैं जो अब अपने घरों और राज्यों से वापस नहीं लौटना चाहते हैं, ऐसे में आने वाले समय में मजदूरों को लेकर ठेकेदारों के सामने संकट और भी गहराता जाएगा.