भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ आज अपना 73वां जन्मदिन मना रहे हैं. मध्यप्रदेश ने देश को जितने दिग्गज नेता दिए, उनमें कमलनाथ का का नाम भी शामिल है. 18 नवंबर 1946 को उत्तरप्रदेश के कानपुर में जन्मे कमलनाथ ने देहरादून के दून स्कूल से पढ़ाई की और कोलकाता के सेंट जेवियर कॉलेज से बीकॉम किया था. कमलनाथ एक ऐसी सख्शियत हैं, जिन्होंने एमपी की सियासत में एक खास मुकाम हासिल किया और आज वे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री हैं. अलका नाथ उनकी पत्नी हैं और उनके दो बेटे नकुलनाथ और बकुलनाथ हैं.
9 बार लोकसभा के लिए चुने गए कमलनाथ
9 बार लोकसभा चुनाव जीत चुके कमलनाथ का सियासत में अच्छा खासा रसूख माना जाता है. वे 1980 में 34 साल की उम्र में पहली बार छिंदवाड़ा से लोकसभा का चुनाव जीते थे. 1991 से 1995 तक उन्होंने नरसिम्हा राव सरकार में पर्यावरण मंत्रालय का कार्यभार संभाला. वहीं 1995 से 1996 तक वे कपड़ा मंत्री रहे. कमलनाथ को सिर्फ एक बार छिंदवाड़ा सीट पर हार मिली है. इस बार हुए लोकसभा चुनाव में उनके बेटे नकुलनाथ यहां से सांसद चुने गए हैं.
कमलनाथ का गढ़ बन चुका है छिंदवाड़ा
छिंदवाड़ा अब कमलनाथ का गढ़ बन चुका है. यहं से लगातार जीत हासिल करने पर पार्टी में कमलनाथ का कद बढ़ता गया और उन्हें साल 2001 में पार्टी ने महासचिव बनाया. इस पद को उन्होंने 2004 तक संभाला. वो समय भी आया जब उन्हें मनमोहन सिंह की सरकार में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय मिला. साल 2012 में कमलनाथ संसदीय कार्यमंत्री भी बने.
इंदिरा गांधी मानती थीं तीसरा बेटा
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ को अपना तीसरा बेटा मानती थीं. 1980 के लोकसभा चुनाव में जब कमल नाथ पहली बार छिंदवाड़ा से चुनाव लड़ रहे थे, तब इंदिरा गांधी उनका प्रचार करने छिंदवाड़ा पहुंची थीं और उन्होंने कहा था कि राजीव और संजय गांधी के बाद कमल नाथ मेरे तीसरे बेटे हैं और मैं अपना तीसरा बेटा आपको सौंपती हूं, इंदिरा गांधी के निधन के बाद कमलनाथ ने उनकी अर्थी को कंधा भी दिया था. कमलनाथ की संजय गांधी से अच्छी दोस्ती थी और वे उस वक्त संजय गांधी के करीबी माने जाते थे.
कांग्रेस के संगठन में निभाए खास दायित्व
साल 1968 में वे युवक कांग्रेस में शामिल हुए. 1976 में उत्तर प्रदेश युवक कांग्रेस का उन्हें प्रभार मिला. 1970 - 81 तक वे अखिल भारतीय युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य रहे. 1979 में युवा कांग्रेस की ओर से महाराष्ट्र के पर्यवेक्षक, 2,000-2018 तक वे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और वर्तमान मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री हैं और मध्यप्रेदश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हैं.