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वोट के लिए हर रैली में झूठ बोलना दुर्भाग्यपूर्ण, सीएम का पीएम पर पलटवार

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के किसानों की कर्जमाफी वाले बयान पर सीएम कमलनाथ ने पललवार करते हुए जवाब दिया है.

कमलनाथ
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Published : Feb 3, 2019, 3:35 PM IST

भोपाल। प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को वोटों की राजनीति के लिए झूठ बोलना पड़े, ये दुर्भाग्यपूर्ण है. प्रधानमंत्री बीते 15 वर्षों के मध्यप्रदेश बीजेपी शासन के क्रियाकलापों से अवगत होते तो तथ्यहीन बातों का सहारा राजनीतिक रैलियों में न लेते.

प्रधानमंत्री ने एक रैली में कहा कि जिन्होंने लोन लिए ही नहीं, उनके भी लोन माफ हो रहे हैं और किसानों का 13 रूपये तक का कर्ज माफ हो रहा है. इस पर कमलनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री सच बात तो ये है कि पिछली मध्यप्रदेश बीजेपी सरकार के घोटालों का इलाज हो रहा है. बीजेपी राज में 15 वर्षों के कार्यकाल में संभावना है कि 2500 से 3000 करोड़ रुपये भोले-भाले किसानों के लोन के नाम पर षडयंत्रपूर्वक बैंकों से निकाले गए हैं.

उन्होंने कहा कि बीजेपी के कुछ नेता किसान कर्ज माफी पर लगातार भ्रामक प्रचार इसलिए कर रहे हैं कि ये जांच रुक जाए और अपराधी बेनकाब न हों. प्रधानमंत्री को इस बात को समझना चाहिए कि मध्यप्रदेश बीजेपी की पिछली सरकार ने प्रदेश को आर्थिक बदहाली की कगार पर खड़ा कर दिया था. उसके बावजूद अपने वचन पर प्रतिबद्ध रहे और सरकार बनते ही सबसे पहले मध्यप्रदेश के किसानों को कर्ज से उबारने का निर्णय लिया है.

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सीएम ने कहा कि 47 लाख 83 हजार किसानों ने कर्ज माफी के आवेदन दिए हैं. इन आवेदनों को बैंक शाखाओं से उनके खातों से मिलान किया जाएगा. किसानों के खातों में 22 फरवरी से कर्ज माफी की राशि जमा कराई जाएगी. जय किसान ऋण माफी योजना में 55 लाख 62 हजार ऋण खातों में 47,085 करोड़ किसानों का कर्ज खत्म कर अन्नदाता को उनका अधिकार सौंपेंगे.

भोपाल। प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को वोटों की राजनीति के लिए झूठ बोलना पड़े, ये दुर्भाग्यपूर्ण है. प्रधानमंत्री बीते 15 वर्षों के मध्यप्रदेश बीजेपी शासन के क्रियाकलापों से अवगत होते तो तथ्यहीन बातों का सहारा राजनीतिक रैलियों में न लेते.

प्रधानमंत्री ने एक रैली में कहा कि जिन्होंने लोन लिए ही नहीं, उनके भी लोन माफ हो रहे हैं और किसानों का 13 रूपये तक का कर्ज माफ हो रहा है. इस पर कमलनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री सच बात तो ये है कि पिछली मध्यप्रदेश बीजेपी सरकार के घोटालों का इलाज हो रहा है. बीजेपी राज में 15 वर्षों के कार्यकाल में संभावना है कि 2500 से 3000 करोड़ रुपये भोले-भाले किसानों के लोन के नाम पर षडयंत्रपूर्वक बैंकों से निकाले गए हैं.

उन्होंने कहा कि बीजेपी के कुछ नेता किसान कर्ज माफी पर लगातार भ्रामक प्रचार इसलिए कर रहे हैं कि ये जांच रुक जाए और अपराधी बेनकाब न हों. प्रधानमंत्री को इस बात को समझना चाहिए कि मध्यप्रदेश बीजेपी की पिछली सरकार ने प्रदेश को आर्थिक बदहाली की कगार पर खड़ा कर दिया था. उसके बावजूद अपने वचन पर प्रतिबद्ध रहे और सरकार बनते ही सबसे पहले मध्यप्रदेश के किसानों को कर्ज से उबारने का निर्णय लिया है.

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सीएम ने कहा कि 47 लाख 83 हजार किसानों ने कर्ज माफी के आवेदन दिए हैं. इन आवेदनों को बैंक शाखाओं से उनके खातों से मिलान किया जाएगा. किसानों के खातों में 22 फरवरी से कर्ज माफी की राशि जमा कराई जाएगी. जय किसान ऋण माफी योजना में 55 लाख 62 हजार ऋण खातों में 47,085 करोड़ किसानों का कर्ज खत्म कर अन्नदाता को उनका अधिकार सौंपेंगे.

हमने किसानों को कर्ज से उबारा और प्रधानमंत्री ले रहे है झूठे आरोपों का सहारा - कमलनाथ

भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को वोटों की राजनीति की खातिर नित्य झूठ का सहारा लेना पड़े यह दुर्भाग्यपूर्ण है। शायद प्रधानमंत्री जी बीते 15 वर्षो के मध्यप्रदेश भाजपा शासन के क्रियाकलापों से अवगत होते तो तथ्यहीन बातों का सहारा राजनैतिक रैलियों में न लेते। प्रधानमंत्री ने आज एक राजनैतिक रैली में कहाँ कि जिन्होंने लोन लिए ही नहीं, उनके भी लोन माफ हो रहे है और किसानों का 13 रूपये तक का कर्ज माफ हो रहा है अर्थात घोटाला हो रहा है।

कमलनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री सच बात तो यह है की पिछली मध्यप्रदेश भाजपा सरकार के घोटालों का इलाज हो रहा है। भाजपा राज में 15 वर्षो के कार्यकाल में संभावना है कि 2500 से 3000 करोड़ रुपये भोले-भाले किसानों के लोन के नाम पर षडयंत्रपूर्वक बैंकों से निकाले गए है और यह सब भाजपा की सत्ता की सरपरस्ती में हुआ है। कांग्रेस की सरकार अगर कर्जमाफी का पारदर्शी तरीका न अपनाती तो शायद किसानों को ठगने वाले लोग कभी पकड़े भी न जाते। हम जानते है कि भाजपा के कुछ नेता किसान कर्जमाफी पर लगातार भ्रामक प्रचार इसलिए कर रहे है कि यह जांच रुक जाए और अपराधी बेनकाब न हों। मगर हम दृढ़ संकल्पित है कि हर हाल में किसानों को धोखा देने वालों को बख्शेंगे नही चाहे वो कितना भी प्रभाव शाली क्यों न हो।

कमलनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री को इस बात को समझना चाहिए कि मध्यप्रदेश भाजपा की बीती सरकार ने प्रदेश को आर्थिक बदहाली की कगार पर ला खड़ा किया था। उसके बावजूद हम अपने वचन पर प्रतिबद्ध रहे और सरकार बनते ही सबसे पहले मध्यप्रदेश के किसान भाइयों को कर्ज से उबारने का निर्णय लिया है। हमने यह अनिवार्य किया है कि 15 जनवरी 2019 से सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, सहकारी बैंकों एवं प्राथमिक सहकारी साख समितियों से जिन किसानों ने लोन लिए हैं। उनकी सूची ग्राम पंचायतो और बैंकों में प्रदर्शित की जाए और उनसे कर्ज माफी के आवेदन 5 फरवरी तक लिए जाए। इस पारदर्शी प्रक्रिया की वजह से पूर्व भाजपा सरकार के समय की आपराधिक कारगुजारियां सामने आ पा रही हैं।

कमलनाथ ने कहा कि आज दिनांक तक 47 लाख 83 हजार किसानों ने कर्जमाफी के आवेदन दिए है। फिर इन आवेदनों को बैंक शाखाओं से उनके खातों से मिलान किया जाएगा। फिर किसानों के खातों में 22 फरवरी से कर्ज माफी की राशि जमा कराई जाएगी। इस जय किसान ऋण माफी योजना में 55 लाख 62 हजार बैंक ऋण खातों में 47, 085 करोड़ का किसान भाइयों का कर्ज खत्म कर अन्नदाता को उनका अधिकार सौंप देंगे।

कमलनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री को समय निकाल कर महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश की किसान ऋण माफी योजना की भी सुध लेनी चाहिए। डेढ़ वर्ष से भी अधिक समय बीत जाने के बाद भी अभी तक वहाँ किसानों को कर्ज से पूरी राहत नही मिली है। अंततः में हतप्रभ हूं की समूची भाजपा किसानों की कर्जमाफी योजना के खिलाफ क्यों खड़ी है। कोई राजनैतिक द्वेष है तो वह कांग्रेस पर निशाना साधे, किसानों से अपनी चुनावी हार का बदला न ले भाजपा।
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